चंडीगढ़। आग लगाकर हत्या का प्रयास करने के मामले में आरोपी पत्नी ऊषा और बेटे विक्की को जिला अदालत ने मंगलवार को दोषी करार कर दिया। सजा का फैसला अदालत ने 24 फरवरी तक अपने पास सुरक्षित रख लिया है।
एफआईआर के मुताबिक मामला 29 जून, 2017 का है। पीड़ित राजकुमार के बयान पर सेक्टर-31 थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पीड़ित ने बताया था कि उसकी पत्नी उषा और बेटे विक्की ने घर पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। इस दौरान पूरे घर में आग लगने के बाद उसने खुद को बचाने के लिए पिछले दरवाजे से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा बंद था। आग लगने से वह मुख्य दरवाजे से भी बाहर नहीं निकल सका। राजकुमार ने पुलिस को बताया था उसके बाद बाथरूम में जाकर जान बचाई। पत्नी उषा और बेटे विक्की ने उसे साजिश के तहत आग लगाकर मारने की कोशिश की थी। राजकुमार की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। बता दें कि शिकायतकर्ता राजकुमार ने 4 जुलाई 2017 को खुदकुशी कर ली थी।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि राजकुमार की शिकायत पर एक झूठा मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता खुद गलत था जिसने अपने परिवार के सदस्यों को जलाकर मारने का जानबूझकर प्रयास किया। शिकायतकर्ता ने घटना की तारीख को पंप से पेट्रोल खरीदा। उसके बाद घर, पत्नी उषा, परिवार के सदस्यों और खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। शिकायतकर्ता ने आग से बचाने के लिए खुद को बाथरूम में बंद कर लिया, लेकिन वह आग से झुलस गया। बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि आरोपियों का अपराध करने का कोई मकसद नहीं है। पुलिस ने मामले में किसी भी पड़ोसी को गवाह नहीं बनाया। न ही आग बुझाने वाले फायर ब्रिगेड कार्यालय का रिकॉर्ड पेश किया। अदालत ने तर्कों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी ठहराया।
चंडीगढ़। आग लगाकर हत्या का प्रयास करने के मामले में आरोपी पत्नी ऊषा और बेटे विक्की को जिला अदालत ने मंगलवार को दोषी करार कर दिया। सजा का फैसला अदालत ने 24 फरवरी तक अपने पास सुरक्षित रख लिया है।
एफआईआर के मुताबिक मामला 29 जून, 2017 का है। पीड़ित राजकुमार के बयान पर सेक्टर-31 थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पीड़ित ने बताया था कि उसकी पत्नी उषा और बेटे विक्की ने घर पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। इस दौरान पूरे घर में आग लगने के बाद उसने खुद को बचाने के लिए पिछले दरवाजे से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा बंद था। आग लगने से वह मुख्य दरवाजे से भी बाहर नहीं निकल सका। राजकुमार ने पुलिस को बताया था उसके बाद बाथरूम में जाकर जान बचाई। पत्नी उषा और बेटे विक्की ने उसे साजिश के तहत आग लगाकर मारने की कोशिश की थी। राजकुमार की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। बता दें कि शिकायतकर्ता राजकुमार ने 4 जुलाई 2017 को खुदकुशी कर ली थी।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि राजकुमार की शिकायत पर एक झूठा मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता खुद गलत था जिसने अपने परिवार के सदस्यों को जलाकर मारने का जानबूझकर प्रयास किया। शिकायतकर्ता ने घटना की तारीख को पंप से पेट्रोल खरीदा। उसके बाद घर, पत्नी उषा, परिवार के सदस्यों और खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। शिकायतकर्ता ने आग से बचाने के लिए खुद को बाथरूम में बंद कर लिया, लेकिन वह आग से झुलस गया। बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि आरोपियों का अपराध करने का कोई मकसद नहीं है। पुलिस ने मामले में किसी भी पड़ोसी को गवाह नहीं बनाया। न ही आग बुझाने वाले फायर ब्रिगेड कार्यालय का रिकॉर्ड पेश किया। अदालत ने तर्कों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी ठहराया।