पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले पर औद्योगिक और उच्च शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पंजाब के साथ केंद्र सौतेला व्यवहार कर रहा है। उसके इस फैसले से पंजाब बुरे आर्थिक दौर की ओर बढ़ेगा। सूबे में निवेशकों के पलायन को रोकने के लिए केंद्र को यह फैसला तत्काल वापस लेना होगा।
पंजाब भवन में मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरहदी राज्य को केंद्र नजर अंदाज कर रहा है। हिमाचल जैसे पड़ोसी राज्यों को पूंजी निवेश सब्सिडी के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिया गया, जबकि पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक बढ़ाकर बड़ा झटका दिया गया है। इससे निवेशकों में एक डर और असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
राणा गुरजीत ने पूछा कि निवेशक 25000 वर्ग किलोमीटर सरहदी पट्टी (कुल 50000 में से) में निवेश क्यों करेगा, जब यह क्षेत्र सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र के तहत है। यहां तक कि घरेलू उन्नत उद्योगों के साथ लगती औद्योगिक इकाइयां भी सुरक्षित स्थानों पर जाने बारे विचार कर रही हैं।
यह भी पढ़ें: कुंडली बाॅर्डर हत्याकांड: पंजाब के उप मुख्यमंत्री रंधावा को हत्याकांड में गहरी साजिश का शक, कृषि मंत्री के साथ निहंग की फोटो पर उठाए सवाल
राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि 5 उत्तर पूर्वी राज्यों मणीपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में अधिकार क्षेत्र 20 किलोमीटर तक घटा दिया गया है, जिनका अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर था। गुजरात में इसको 80 से घटाकर 50 कर दिया गया है। इस तरह का असंतुलन लैंड-लॉक्ड राज्यों में व्यापार, वाणिज्य और उद्योग को प्रभावित करेगा, इसके अलावा केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच तनाव पैदा करेगा।
केंद्र से ये मांग रखी
कैबिनेट मंत्री ने वेस्टर्न बॉर्डर स्टेटस एडवाइजर काउंसिल का गठन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि काउंसिल में मुख्यमंत्री या राज्यपाल को केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में नॉर्थ ईस्ट काउंसिल की तर्ज पर सदस्य बनाया जाए, ताकि केंद्रीय बजट में सभी केंद्रीय मंत्रालयों के अनिवार्य योगदान के द्वारा फंड एकत्रित करके एक अन्य फंड बनाने के मुद्दे पर विचार किया जा सके।
मुख्यमंत्री से एक दिवसीय सत्र बुलाने की मांग
कैबिनेट मंत्री ने भरोसा दिया कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से अनुरोध करेंगे कि वह प्रस्ताव पास करने के लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाएं और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार पर फिर से विचार करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष मामला उठाएं और भारत के प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग के लिए सभी हितधारकों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें।
विस्तार
पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले पर औद्योगिक और उच्च शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पंजाब के साथ केंद्र सौतेला व्यवहार कर रहा है। उसके इस फैसले से पंजाब बुरे आर्थिक दौर की ओर बढ़ेगा। सूबे में निवेशकों के पलायन को रोकने के लिए केंद्र को यह फैसला तत्काल वापस लेना होगा।
पंजाब भवन में मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरहदी राज्य को केंद्र नजर अंदाज कर रहा है। हिमाचल जैसे पड़ोसी राज्यों को पूंजी निवेश सब्सिडी के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिया गया, जबकि पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक बढ़ाकर बड़ा झटका दिया गया है। इससे निवेशकों में एक डर और असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
राणा गुरजीत ने पूछा कि निवेशक 25000 वर्ग किलोमीटर सरहदी पट्टी (कुल 50000 में से) में निवेश क्यों करेगा, जब यह क्षेत्र सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र के तहत है। यहां तक कि घरेलू उन्नत उद्योगों के साथ लगती औद्योगिक इकाइयां भी सुरक्षित स्थानों पर जाने बारे विचार कर रही हैं।
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राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि 5 उत्तर पूर्वी राज्यों मणीपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में अधिकार क्षेत्र 20 किलोमीटर तक घटा दिया गया है, जिनका अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर था। गुजरात में इसको 80 से घटाकर 50 कर दिया गया है। इस तरह का असंतुलन लैंड-लॉक्ड राज्यों में व्यापार, वाणिज्य और उद्योग को प्रभावित करेगा, इसके अलावा केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच तनाव पैदा करेगा।
केंद्र से ये मांग रखी
कैबिनेट मंत्री ने वेस्टर्न बॉर्डर स्टेटस एडवाइजर काउंसिल का गठन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि काउंसिल में मुख्यमंत्री या राज्यपाल को केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में नॉर्थ ईस्ट काउंसिल की तर्ज पर सदस्य बनाया जाए, ताकि केंद्रीय बजट में सभी केंद्रीय मंत्रालयों के अनिवार्य योगदान के द्वारा फंड एकत्रित करके एक अन्य फंड बनाने के मुद्दे पर विचार किया जा सके।
मुख्यमंत्री से एक दिवसीय सत्र बुलाने की मांग
कैबिनेट मंत्री ने भरोसा दिया कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से अनुरोध करेंगे कि वह प्रस्ताव पास करने के लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाएं और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार पर फिर से विचार करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष मामला उठाएं और भारत के प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग के लिए सभी हितधारकों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें।