कैप्टन सरकार के दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री रहीं रजिया सुल्ताना और चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के बीच नया विवाद खड़ा होने लगा है। राजा वड़िंग द्वारा राज्य में ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को लेकर दोनों मंत्रियों के बीच श्रेय की होड़ लग गई है। रजिया का कहना है कि माफिया के खिलाफ जो मुहिम आज शुरू की गई है, उसे शुरू करने की नियमबद्ध प्रक्रिया को उनके कार्यकाल में ही तैयार किया गया था और उन्होंने ही इस पर अमल के आदेश जारी किए थे।
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रजिया सुल्ताना का यह बयान ऐसे समय में आया है कि जब राजा वड़िंग ने ट्रांसपोर्ट मंत्री के तौर पर राज्य में अवैध परिवहन व्यवस्था पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बीते एक हफ्ते के दौरान ही उनके आदेश पर करीब 20 निजी बसों को बंद/जब्त कर लिया गया है, जो बिना लाइसेंस और परमिट के चल रही थीं।
नए मंत्री ने ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ और सख्ती दिखाते हुए राज्य में निजी बसों की जांच-पड़ताल भी तेज कर दी है। वहीं, सरकारी बसों के सुरक्षित और समयबद्ध ढंग से परिचालन के लिए सभी बस डिपुओं के जनरल मैनेजरों के साथ लगातार बैठकें शुरू कर दी हैं। मंत्री ने सरकारी बसों की तरह ही निजी बसों में भी वाहन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का एलान कर दिया है।
दूसरी ओर, मंत्री पद से अपना इस्तीफा वापस लेकर चन्नी सरकार में लौटीं रजिया सुल्ताना संभवत: अभी तक ट्रांसपोर्ट विभाग के मोह से निकल नहीं पाईं हैं। उन्होंने नए मंत्री (राजा वड़िंग) की सक्रियता पर तो कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह कहा कि कोई यह नहीं कह सकता कि मैंने अपने कार्यकाल के दौरान ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजा वड़िंग जो आधिकारिक कार्रवाई कर रहे हैं, इस प्रक्रिया की शुरुआत उन्होंने अपने कार्यकाल में कर दी थी। उन्हीं के कार्यकाल में निजी ट्रांसपोर्टरों को नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने ही अधिकारियों को ट्रांसपोर्टरों की फाइलें चेक करने के निर्देश दिए थे, जिनमें सामने आए रिकार्ड के आधार पर ही अब कार्रवाई की जा रही है। उधर, इस मामले में राजा वड़िंग ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विस्तार
कैप्टन सरकार के दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री रहीं रजिया सुल्ताना और चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के बीच नया विवाद खड़ा होने लगा है। राजा वड़िंग द्वारा राज्य में ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को लेकर दोनों मंत्रियों के बीच श्रेय की होड़ लग गई है। रजिया का कहना है कि माफिया के खिलाफ जो मुहिम आज शुरू की गई है, उसे शुरू करने की नियमबद्ध प्रक्रिया को उनके कार्यकाल में ही तैयार किया गया था और उन्होंने ही इस पर अमल के आदेश जारी किए थे।
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रजिया सुल्ताना का यह बयान ऐसे समय में आया है कि जब राजा वड़िंग ने ट्रांसपोर्ट मंत्री के तौर पर राज्य में अवैध परिवहन व्यवस्था पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बीते एक हफ्ते के दौरान ही उनके आदेश पर करीब 20 निजी बसों को बंद/जब्त कर लिया गया है, जो बिना लाइसेंस और परमिट के चल रही थीं।
नए मंत्री ने ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ और सख्ती दिखाते हुए राज्य में निजी बसों की जांच-पड़ताल भी तेज कर दी है। वहीं, सरकारी बसों के सुरक्षित और समयबद्ध ढंग से परिचालन के लिए सभी बस डिपुओं के जनरल मैनेजरों के साथ लगातार बैठकें शुरू कर दी हैं। मंत्री ने सरकारी बसों की तरह ही निजी बसों में भी वाहन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का एलान कर दिया है।
दूसरी ओर, मंत्री पद से अपना इस्तीफा वापस लेकर चन्नी सरकार में लौटीं रजिया सुल्ताना संभवत: अभी तक ट्रांसपोर्ट विभाग के मोह से निकल नहीं पाईं हैं। उन्होंने नए मंत्री (राजा वड़िंग) की सक्रियता पर तो कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह कहा कि कोई यह नहीं कह सकता कि मैंने अपने कार्यकाल के दौरान ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजा वड़िंग जो आधिकारिक कार्रवाई कर रहे हैं, इस प्रक्रिया की शुरुआत उन्होंने अपने कार्यकाल में कर दी थी। उन्हीं के कार्यकाल में निजी ट्रांसपोर्टरों को नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने ही अधिकारियों को ट्रांसपोर्टरों की फाइलें चेक करने के निर्देश दिए थे, जिनमें सामने आए रिकार्ड के आधार पर ही अब कार्रवाई की जा रही है। उधर, इस मामले में राजा वड़िंग ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।