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पंजाब सरकार को हाईकोर्ट की फटकार: अमृतपाल मामले में खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल, क्या कर रही थी 80 हजार पुलिस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Tue, 21 Mar 2023 01:23 PM IST
सार

हाईकोर्ट की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने बताया कि अमृतपाल के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया गया है। अब इस मामले में चार दिन बाद सुनवाई होगी। वहीं कोर्ट ने पंजाब सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

Amritpal Singh Case: Punjab And Haryana High Court Reprimanded Punjab Government News in Hindi
Amritpal News: - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की गिरफ्तारी में नाकाम पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि अमृतपाल देश की सुरक्षा के लिए खतरा है तो पुलिस उसे पकड़ने में क्यों विफल रही। राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि खुफिया विभाग से अमृतपाल की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने के बावजूद वह हथियारों के साथ खुलेआम पंजाब में घूमता रहा। 



80 हजार का पुलिस बल होने के बावजूद सरकार उसे पकड़ नहीं पाई। जब उसके सभी साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो आखिर कैसे वह पंजाब पुलिस को चकमा देने में नाकाम रहा। हाइकोर्ट ने पंजाब सरकार की दलीलों को सुनने के बाद अब उन्हें 28 मार्च तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।


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वहीं, सरकार ने हाईकोर्ट में दायर हलफनामा में बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अमृतपाल को हिरासत में लेने का प्रस्ताव 17 मार्च को अमृतसर के एसएसपी ने जिला मजिस्ट्रेट को भेजा था। 18 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एनएसए में गिरफ्तारी से बचने के लिए वह छिप रहा है और पंजाब पुलिस की हिरासत से बाहर है। 



सरकार ने यह भी जानकारी दी कि 20 मार्च को न्यायिक मजिस्ट्रेट बाबा बकाला ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। अब तक उसके खिलाफ छह एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। हाईकोर्ट में यह सुनवाई अमृतपाल की रिहाई की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हुई थी। यह याचिका वारिस पंजाब दे के एक पदाधिकारी ने दाखिल की थी। हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने अस्पष्ट, झूठे, भ्रामक और तुच्छ आरोप लगाए हैं।
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तीन दिन से तलाश के प्रयास की कहानी अविश्वसनीय
हलफनामे व पंजाब के एडवोकेट जनरल की दलीलों पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि आपराधिक मामलों की जानकारी के बावजूद कैसे उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता तीन दिन से गिरफ्तारी के प्रयास की पंजाब पुलिस की यह कहानी विश्वसनीय नहीं लगती है।

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नाकाम है पुलिस का खुफिया विभाग
कोर्ट ने कहा कि अमृतपाल की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी होने और आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद वह राज्य में खुले आम घूमता रहा, जो पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग की नकामी को दर्शाता है। हाईकोर्ट की फटकार पर सरकार ने दलील दी कि जी 20 सम्मेलन के चलते पुलिस कानून व्यवस्था के इंतजाम में जुटी थी और कुछ जानकारियां बेहद संवेदनशील हैं, जिनकी जानकारी कोर्ट रूम में नहीं दी जा सकती है। पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास कर ही है। इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एडवोकेट तनु बेदी को एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए पंजाब सरकार को 28 मार्च तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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