बस में छेड़छाड़ करने पर युवकों की पिटाई करने वाली बहनों के केस में अब एक और नया मोड़ आ गया है। एसआईटी को अदालत ने पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराने की अनुमति दे दी है। पुलिस इसे जांच में प्रयोग कर सकती है।
अदालत ने यह आदेश दोनों बहनों की ओर से दायर याचिका पर जारी किए हैं। बता दें कि मामले में शिकायतकर्ता दोनों बहनों पूजा व आरती ने एसपी को दी शिकायत में मांग की थी कि उनका, आरोपियों का और शपथपत्र देने वालों का पॉलीग्राफ, नार्कों व लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाए।
दोनों बहनों की मांग पर ही एसआईटी ने अदालत से इसकी अनुमति मांगी थी। एसपी शशांक आनंद का कहना है कि अभी मामले में जांच चल रही है। कई बातें नई आ गई हैं, इसलिए चालान तैयार करने में वक्त लगेगा। 15 दिन लग सकते हैं।
रोडवेज बस में युवकों की धुनाई कर चर्चा में आईं थाना खुर्द की दो सगी बहनों की परेशानी बढ़ सकती है। जहां नित नये वीडियो के सामने आने से इनके दावे कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं वहीं सिसाना निवासी सुमित पुत्र रामफल ने भी दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
युवक का कहना है कि उस पर भी उक्त दोनों बहनों ने छेड़खानी की झूठी शिकायत लिखाकर 20 हजार रुपये ऐंठे थे। बदनामी के डर से न केवल उसके पिता ने निर्दोष होते हुए भी उक्त राशि इन लड़कियों को दी बल्कि उसका कॉलेज तक छुड़वा दिया।
वहीं लड़के के पिता का कहना है कि अब वे इनके खिलाफ कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर पीड़ित लड़कों का साथ देने का भी एलान किया।
सुमित ने प्रेसवार्ता में बताया कि उसने इसी वर्ष गांव के राजकीय विद्यालय से बारहवीं की कक्षा पास कर रोहतक एक कॉलेज में दाखिला लिया था।
करीब पांच से छह महीने पहले जब वह कॉलेज पहुंचा तो उसे उसके साथियों ने बताया कि दो लड़कियों ने उसकी शिकायत की है कि उसने बस में आते समय उनके साथ छेड़खानी की है। जबकि एक दिन पहले वह कॉलेज गया ही नहीं था।
पुलिस में शिकायत होने पर उसके पिता उसे साथ लेकर रोहतक थाने गए। जहां पर मैंने लड़कियों को पहचानने से इंकार कर दिया। हालांकि इसके बावजूद दोनों ही लड़कियों ने मुझ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
सुमित का कहना है कि मेरे पिता ने बदनामी के डर से न केवल 20 हजार रुपये में फैसला किया बल्कि उसी दिन से मेरा कॉलेज में जाना भी बंद करा दिया।
वहीं युवक के पिता रामफल का कहना है कि वे एक शरीफ परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन ऐसी घटना होने पर उन्होंने अपने लड़के का कॉलेज छुड़वा दिया।
हालांकि अब जब इन लड़कियों द्वारा बस में एक और घटना को अंजाम दिया गया तो अब वे इनके खिलाफ कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वे पीड़ित लड़कों के साथ देंगे।
रोडवेज बस में दो लड़कियों के साथ छेड़छाड़ व मारपीट मामले में आरोपी युवकों के पक्ष में एक और लड़की आई है। आसन गांव की रहने वाली मोनिया भोरड़ा ने शपथ पत्र देकर बताया कि वह 28 नवंबर को पेपर देकर वापस घर जा रही थी। लड़कियों से वह चार सीट पीछे बैठी थी। आसन गांव का ही कुलदीप एक महिला के लिए सीट नंबर लेकर आया। वहां पर लड़कियां बैठी थीं।
उन लड़कियों ने कुलदीप के साथ गलत बोलना शुरू कर दिया। मोनिया ने बताया कि लड़कियां काफी देर तक बोलती रही तो कुलदीप ने उन्हें कहा भी था कि चुप हो जाओ। इस पर उन्होंने गाली देना शुरू कर दिया। ड्राइवर कंडक्टर ने रोका भी तो उन्होंने उनके साथ भी गाली गलौच किया।
लड़कों ने न तो गाली दी और न हूटिंग की और न छेड़छाड़। लड़कियों में से एक ने बैग में से बेल्ट निकाली और कुलदीप के साथ मारपीट शुरू कर दी। मोनिया ने बताया कि लड़कियों ने पीछे वाली सीट पर चश्मा लगाए बैठी एक लड़की से वीडियो बनवाया था।
मोनिया का कहना है कि वह उन लड़कियों के ही कॉलेज में पढ़ती है। उसका अंतिम पेपर 28 को था और इसके बाद वह अपने मामा के घर पर चली गई। मांग की है कि लड़कियों को नहीं बल्कि लड़कों को सम्मान मिलना चाहिए। बता दें कि अभी तक मामले में 8 गवाह सामने आए हैं और सभी ने लड़कों के पक्ष में शपथपत्र दिए हैं।
अभी नहीं तैयार हुई चार्जशीट
मामले की जांच कर रहे डीएसपी यशपाल खटाना ने बताया कि अभी जांच चल रही है। जांच के दौरान काफी कुछ अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। अभी चार्जशीट दाखिल करने में समय लगेगा, सभी पहलुओं की जांच होगी।
कविता जैन के समक्ष आरती ने कहा कि हम गलत नहीं हैं और न ही हमने कोई गलत काम किया है। अगर अपने मान सम्मान को बचाना गलत है तो हम गलत हैं। उन्होंने कहा कि हमारे माता-पिता ने हमें अच्छे संस्कार दिए हैं। आज तक उन्होंने कभी भी कोई गलत कदम नहीं उठाया है।
हमें नहीं चाहिए इनाम का पैसा
आरती की बहन पूजा ने कहा कि हमारे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उनके पिता के सिर पर कर्ज है और ये लड़कियां पैसे के लिए ऐसा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसी प्रकार का कोई इनाम नहीं चाहिए। हमने जो किया वो सिर्फ अपने मान-सम्मान को बचाने के लिए किया।
क्या कहता है पिता
दोनों लड़कियों के पिता राजेश का कहना है कि उनकी लड़कियों ने कोई भी गलत कदम नहीं उठाया है। वे जितना भी अपनी बेटियों पर गर्व करें कम है। जिन लोगों ने उनकी लड़कियों के खिलाफ शपथ पत्र दिए हैं वे उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
चलती बस में बहनों द्वारा युवकों की पिटाई मामले में बीच बचाव करने वाला युवक भी सामने आया। युवक का नाम विक्रम है और वह गांव पाकसमा का रहने वाला है। उसने बताया कि मैं हरियाणा रोडवेज की बस में गांव पाकस्मा से सोनीपत एक शादी में शामिल होने जा रहा था।
बस में चढ़ते ही मैं एक सीट पर एक महिला के साथ बैठ गया। अचानक लड़कियों ने लड़के पर हमला बोल दिया। मैनें काफी बीच-बचाव भी किया, लेकिन लड़कियां नहीं मानीं। विवाद के बाद लड़का बस से नीचे उतरा और जाने लगा तो लड़कियों ने पीछे से पत्थर भी मारे।
पाकस्मा मोड़ पर जब वह बस में बैठा तो माहौल शांत था। यहां एकदम मारपीट शुरू हुई। एक लड़की ने लड़के को बेल्ट मारनी शुरू की तो दूसरी ने लात घूसों से मारना शुरू कर दिया।
यह वीडियो में दिखने वाला बीच-बचाव कर रहा सफेद शर्ट वाला युवक है। युवक का कहना है कि शायद मुझे भी बीच-बचाव नहीं करना चाहिए था, क्योंकि मुझे भी लड़कियों ने विवाद के बीच कहा, अंकल आप बीच में न आओ।
इसके बाद मैं तो थ्री व्हीलर में बैठकर सोनीपत चला गया। हैरानी की बात थी कि बस में सवार एक बूढ़ी औरत ने मुझे कहा कि ये लड़कियां मानने वाली नहीं है। जान बचानी है तो तुम भाग जाओ।
मैं किसी के दबाव में यह बात नहीं कह रहा। मीडिया में जब वीडियो फुटेज दिखाया गया तो मुझे परिवार के सदस्यों ने कहा कि इंसानियत है तो जाकर सच्चाई सामने रखो।
युवकों के पक्ष में बुधवार को दो महिलाओं सहित तीन और लोग सामने आए। घटना के समय बस में सफर कर रही एमफिल की छात्रा सोनिया मित्तल ने कहा कि सीट को लेकर विवाद था, छेड़खानी नहीं हुई। वहीं, महिला विसनी और विक्रम ने भी लड़कों को बेकसूर बताया।
डीसी ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
मंगलवार को सामने आए लड़कियों के सिटी पार्क वाले दूसरे वीडियो की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। डीसी शेखर विद्यार्थी ने एसपी शशांक आनंद से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है। मामला फंसने पर अब पुलिस और प्रशासन भी बारीकी से जांच कर रहा है। डीसी शेखर विद्यार्थी का कहना है कि पुलिस से दूसरी वीडियो की पूरी जांच रिपोर्ट मांगी है।
एक और वीडियो आया सामने
इस घटनाक्रम के बीच बुधवार को लड़की पक्ष की ओर से एक और वीडियो जारी कर लड़कों को बेगुनाह बताने वालों पर सवाल उठाए गए। वीडियो में लड़कों को उनके परिजन थप्पड़ मार रहे हैं और उनसे माफी मांगने को कह रहे हैं। इस प्रकरण में यह तीसरा वीडियो सामने आया है।
चलती बस में बहनों द्वारा युवकों की पिटाई मामले का मुख्य आरोपी ने पहली बार सामने आकर अपनी बात रखी। इस युवक का नाम कुलदीप है और उसने घटना के 6 दिन बात सभी के सामने अपनी बात रखी।
उसने बस में किसी तरह की छेड़छाड़ से इंकार करते हुए कहा कि एक महिला को उसकी सीट दिलाने को लेकर बात बढ़ी और दोनों बहनों ने अचानक उस पर बेल्ट से हमला बोल दिया।
कुलदीप ने बताया कि सेना में चयन के लिए हुई शारीरिक परीक्षा भी वह पास कर चुका है। फ रवरी में लिखित परीक्षा होनी है। इस घटना से उसका भविष्य अधर में लटक गया है।
कुलदीप का कहना है कि वह लड़कियों के हमले से इसलिए घबरा गया था कि आजकल हर जगह लड़कियों की सुनवाई हो रही है। घर वालों का भी डर लग रहा था इसलिए खेतों में भाग गया था। मामले को इतना तूल दिया गया कि कोई भी आरोपी सामने आने से डर रहा था।
सरकार ने बिना जांच ही घोषित कर दिया ईनाम
कुलदीप का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा दोनों बहनों को बिना जांच पूरी किए ही ईनाम घोषित कर दिया गया। कुलदीप का कहना है कि मामले की जांच सही ढंग से होनी चाहिए और न्याय होना चाहिए।
कुलदीप ने बताया कि वह बुजुर्ग महिला के कहने पर वह टिकट लाया था। जो नंबर उस महिला को अलॉट हुआ, उस सीट पर दोनों बहन बैठीं थीं। महिला ने कहा कि यह नंबर उसको अलॉट हुआ है। तब वे दोनों बहन लड़ाई करने लगी।
इस पर उस बुजुर्ग महिला ने भी मुझे आगे चले जाने की सलाह दी थी। मै हट गया तब भी दोनों बहन गाली गलौच करती रहीं। जी डी गोयनका स्कूल के पास जब बस पहुंची तो दोनों बहनों ने अचानक पीटना शुरू कर दिया। तभी बस रुकी तो वह उतर गया। दोनों बहनें उसके पीछे दौड़ने लगी और उसे पत्थर भी मारे।
बस में छेड़छाड़ करने पर युवकों की पिटाई करने वाली बहनों के केस में अब एक और नया मोड़ आ गया है। एसआईटी को अदालत ने पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराने की अनुमति दे दी है। पुलिस इसे जांच में प्रयोग कर सकती है।
अदालत ने यह आदेश दोनों बहनों की ओर से दायर याचिका पर जारी किए हैं। बता दें कि मामले में शिकायतकर्ता दोनों बहनों पूजा व आरती ने एसपी को दी शिकायत में मांग की थी कि उनका, आरोपियों का और शपथपत्र देने वालों का पॉलीग्राफ, नार्कों व लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाए।
दोनों बहनों की मांग पर ही एसआईटी ने अदालत से इसकी अनुमति मांगी थी। एसपी शशांक आनंद का कहना है कि अभी मामले में जांच चल रही है। कई बातें नई आ गई हैं, इसलिए चालान तैयार करने में वक्त लगेगा। 15 दिन लग सकते हैं।
छेड़खानी का आरोप लगाकर ऐंठे थे 20 हजार
रोडवेज बस में युवकों की धुनाई कर चर्चा में आईं थाना खुर्द की दो सगी बहनों की परेशानी बढ़ सकती है। जहां नित नये वीडियो के सामने आने से इनके दावे कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं वहीं सिसाना निवासी सुमित पुत्र रामफल ने भी दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
युवक का कहना है कि उस पर भी उक्त दोनों बहनों ने छेड़खानी की झूठी शिकायत लिखाकर 20 हजार रुपये ऐंठे थे। बदनामी के डर से न केवल उसके पिता ने निर्दोष होते हुए भी उक्त राशि इन लड़कियों को दी बल्कि उसका कॉलेज तक छुड़वा दिया।
वहीं लड़के के पिता का कहना है कि अब वे इनके खिलाफ कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर पीड़ित लड़कों का साथ देने का भी एलान किया।
लड़कियों को जानता तक नहीं था सुमित
सुमित ने प्रेसवार्ता में बताया कि उसने इसी वर्ष गांव के राजकीय विद्यालय से बारहवीं की कक्षा पास कर रोहतक एक कॉलेज में दाखिला लिया था।
करीब पांच से छह महीने पहले जब वह कॉलेज पहुंचा तो उसे उसके साथियों ने बताया कि दो लड़कियों ने उसकी शिकायत की है कि उसने बस में आते समय उनके साथ छेड़खानी की है। जबकि एक दिन पहले वह कॉलेज गया ही नहीं था।
पुलिस में शिकायत होने पर उसके पिता उसे साथ लेकर रोहतक थाने गए। जहां पर मैंने लड़कियों को पहचानने से इंकार कर दिया। हालांकि इसके बावजूद दोनों ही लड़कियों ने मुझ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
लड़कियों के कारण छूट गया कॉलेज
सुमित का कहना है कि मेरे पिता ने बदनामी के डर से न केवल 20 हजार रुपये में फैसला किया बल्कि उसी दिन से मेरा कॉलेज में जाना भी बंद करा दिया।
वहीं युवक के पिता रामफल का कहना है कि वे एक शरीफ परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन ऐसी घटना होने पर उन्होंने अपने लड़के का कॉलेज छुड़वा दिया।
हालांकि अब जब इन लड़कियों द्वारा बस में एक और घटना को अंजाम दिया गया तो अब वे इनके खिलाफ कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वे पीड़ित लड़कों के साथ देंगे।
एक लड़की ने किया युवकों का समर्थन
रोडवेज बस में दो लड़कियों के साथ छेड़छाड़ व मारपीट मामले में आरोपी युवकों के पक्ष में एक और लड़की आई है। आसन गांव की रहने वाली मोनिया भोरड़ा ने शपथ पत्र देकर बताया कि वह 28 नवंबर को पेपर देकर वापस घर जा रही थी। लड़कियों से वह चार सीट पीछे बैठी थी। आसन गांव का ही कुलदीप एक महिला के लिए सीट नंबर लेकर आया। वहां पर लड़कियां बैठी थीं।
उन लड़कियों ने कुलदीप के साथ गलत बोलना शुरू कर दिया। मोनिया ने बताया कि लड़कियां काफी देर तक बोलती रही तो कुलदीप ने उन्हें कहा भी था कि चुप हो जाओ। इस पर उन्होंने गाली देना शुरू कर दिया। ड्राइवर कंडक्टर ने रोका भी तो उन्होंने उनके साथ भी गाली गलौच किया।
लड़कों ने न तो गाली दी और न हूटिंग की और न छेड़छाड़। लड़कियों में से एक ने बैग में से बेल्ट निकाली और कुलदीप के साथ मारपीट शुरू कर दी। मोनिया ने बताया कि लड़कियों ने पीछे वाली सीट पर चश्मा लगाए बैठी एक लड़की से वीडियो बनवाया था।
लड़कियों को नहीं, लड़कों को मिले सम्मान
मोनिया का कहना है कि वह उन लड़कियों के ही कॉलेज में पढ़ती है। उसका अंतिम पेपर 28 को था और इसके बाद वह अपने मामा के घर पर चली गई। मांग की है कि लड़कियों को नहीं बल्कि लड़कों को सम्मान मिलना चाहिए। बता दें कि अभी तक मामले में 8 गवाह सामने आए हैं और सभी ने लड़कों के पक्ष में शपथपत्र दिए हैं।
अभी नहीं तैयार हुई चार्जशीट
मामले की जांच कर रहे डीएसपी यशपाल खटाना ने बताया कि अभी जांच चल रही है। जांच के दौरान काफी कुछ अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। अभी चार्जशीट दाखिल करने में समय लगेगा, सभी पहलुओं की जांच होगी।
हम गलत नहीं हैं, न गलत काम किया
कविता जैन के समक्ष आरती ने कहा कि हम गलत नहीं हैं और न ही हमने कोई गलत काम किया है। अगर अपने मान सम्मान को बचाना गलत है तो हम गलत हैं। उन्होंने कहा कि हमारे माता-पिता ने हमें अच्छे संस्कार दिए हैं। आज तक उन्होंने कभी भी कोई गलत कदम नहीं उठाया है।
हमें नहीं चाहिए इनाम का पैसा
आरती की बहन पूजा ने कहा कि हमारे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उनके पिता के सिर पर कर्ज है और ये लड़कियां पैसे के लिए ऐसा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसी प्रकार का कोई इनाम नहीं चाहिए। हमने जो किया वो सिर्फ अपने मान-सम्मान को बचाने के लिए किया।
क्या कहता है पिता
दोनों लड़कियों के पिता राजेश का कहना है कि उनकी लड़कियों ने कोई भी गलत कदम नहीं उठाया है। वे जितना भी अपनी बेटियों पर गर्व करें कम है। जिन लोगों ने उनकी लड़कियों के खिलाफ शपथ पत्र दिए हैं वे उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
बीच-बचाव किया, पर लड़कियां नहीं मानी
चलती बस में बहनों द्वारा युवकों की पिटाई मामले में बीच बचाव करने वाला युवक भी सामने आया। युवक का नाम विक्रम है और वह गांव पाकसमा का रहने वाला है। उसने बताया कि मैं हरियाणा रोडवेज की बस में गांव पाकस्मा से सोनीपत एक शादी में शामिल होने जा रहा था।
बस में चढ़ते ही मैं एक सीट पर एक महिला के साथ बैठ गया। अचानक लड़कियों ने लड़के पर हमला बोल दिया। मैनें काफी बीच-बचाव भी किया, लेकिन लड़कियां नहीं मानीं। विवाद के बाद लड़का बस से नीचे उतरा और जाने लगा तो लड़कियों ने पीछे से पत्थर भी मारे।
पाकस्मा मोड़ पर जब वह बस में बैठा तो माहौल शांत था। यहां एकदम मारपीट शुरू हुई। एक लड़की ने लड़के को बेल्ट मारनी शुरू की तो दूसरी ने लात घूसों से मारना शुरू कर दिया।
लड़कियों ने किया था बीच-बचाव करने से मना
यह वीडियो में दिखने वाला बीच-बचाव कर रहा सफेद शर्ट वाला युवक है। युवक का कहना है कि शायद मुझे भी बीच-बचाव नहीं करना चाहिए था, क्योंकि मुझे भी लड़कियों ने विवाद के बीच कहा, अंकल आप बीच में न आओ।
इसके बाद मैं तो थ्री व्हीलर में बैठकर सोनीपत चला गया। हैरानी की बात थी कि बस में सवार एक बूढ़ी औरत ने मुझे कहा कि ये लड़कियां मानने वाली नहीं है। जान बचानी है तो तुम भाग जाओ।
मैं किसी के दबाव में यह बात नहीं कह रहा। मीडिया में जब वीडियो फुटेज दिखाया गया तो मुझे परिवार के सदस्यों ने कहा कि इंसानियत है तो जाकर सच्चाई सामने रखो।
तीन और चश्मदीद लड़कों के पक्ष में
युवकों के पक्ष में बुधवार को दो महिलाओं सहित तीन और लोग सामने आए। घटना के समय बस में सफर कर रही एमफिल की छात्रा सोनिया मित्तल ने कहा कि सीट को लेकर विवाद था, छेड़खानी नहीं हुई। वहीं, महिला विसनी और विक्रम ने भी लड़कों को बेकसूर बताया।
डीसी ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
मंगलवार को सामने आए लड़कियों के सिटी पार्क वाले दूसरे वीडियो की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। डीसी शेखर विद्यार्थी ने एसपी शशांक आनंद से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है। मामला फंसने पर अब पुलिस और प्रशासन भी बारीकी से जांच कर रहा है। डीसी शेखर विद्यार्थी का कहना है कि पुलिस से दूसरी वीडियो की पूरी जांच रिपोर्ट मांगी है।
एक और वीडियो आया सामने
इस घटनाक्रम के बीच बुधवार को लड़की पक्ष की ओर से एक और वीडियो जारी कर लड़कों को बेगुनाह बताने वालों पर सवाल उठाए गए। वीडियो में लड़कों को उनके परिजन थप्पड़ मार रहे हैं और उनसे माफी मांगने को कह रहे हैं। इस प्रकरण में यह तीसरा वीडियो सामने आया है।
सीट को लेकर हुआ था झगड़ा
चलती बस में बहनों द्वारा युवकों की पिटाई मामले का मुख्य आरोपी ने पहली बार सामने आकर अपनी बात रखी। इस युवक का नाम कुलदीप है और उसने घटना के 6 दिन बात सभी के सामने अपनी बात रखी।
उसने बस में किसी तरह की छेड़छाड़ से इंकार करते हुए कहा कि एक महिला को उसकी सीट दिलाने को लेकर बात बढ़ी और दोनों बहनों ने अचानक उस पर बेल्ट से हमला बोल दिया।
कुलदीप ने बताया कि सेना में चयन के लिए हुई शारीरिक परीक्षा भी वह पास कर चुका है। फ रवरी में लिखित परीक्षा होनी है। इस घटना से उसका भविष्य अधर में लटक गया है।
डर गया था इसलिए खेतों मे भाग गया
कुलदीप का कहना है कि वह लड़कियों के हमले से इसलिए घबरा गया था कि आजकल हर जगह लड़कियों की सुनवाई हो रही है। घर वालों का भी डर लग रहा था इसलिए खेतों में भाग गया था। मामले को इतना तूल दिया गया कि कोई भी आरोपी सामने आने से डर रहा था।
सरकार ने बिना जांच ही घोषित कर दिया ईनाम
कुलदीप का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा दोनों बहनों को बिना जांच पूरी किए ही ईनाम घोषित कर दिया गया। कुलदीप का कहना है कि मामले की जांच सही ढंग से होनी चाहिए और न्याय होना चाहिए।
बुजुर्ग महिला के कहने पर लाया था टिकट
कुलदीप ने बताया कि वह बुजुर्ग महिला के कहने पर वह टिकट लाया था। जो नंबर उस महिला को अलॉट हुआ, उस सीट पर दोनों बहन बैठीं थीं। महिला ने कहा कि यह नंबर उसको अलॉट हुआ है। तब वे दोनों बहन लड़ाई करने लगी।
इस पर उस बुजुर्ग महिला ने भी मुझे आगे चले जाने की सलाह दी थी। मै हट गया तब भी दोनों बहन गाली गलौच करती रहीं। जी डी गोयनका स्कूल के पास जब बस पहुंची तो दोनों बहनों ने अचानक पीटना शुरू कर दिया। तभी बस रुकी तो वह उतर गया। दोनों बहनें उसके पीछे दौड़ने लगी और उसे पत्थर भी मारे।