लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Chandigarh ›   Number of Cancer patients increased in Chandigarh PGI in Last three years

Chandigarh: तेजी से बढ़ रहा कैंसर, विशेषज्ञों की सलाह-अनियमित दिनचर्या सुधारें और संतुलित जीवन अपनाएं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sun, 05 Feb 2023 01:39 PM IST
सार

पीजीआई रेडियोथेरेपी और ओंकोलॉजी व टेरटरी कैंसर सेंटर के प्रमुख प्रो. राकेश कपूर का कहना है कि संस्थान में इलाज की अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन संसाधन सीमित हैं और मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

Number of Cancer patients increased in Chandigarh PGI in Last three years
कैंसर - फोटो : istock

विस्तार

कैंसर मरीज दोगुने से ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहे हैं। चंडीगढ़ पीजीआई की कैंसर ओपीडी में तीन साल में आए मरीजों की संख्या पर गौर करें तो बीमारी की भयावहता साफ झलकती है। 2020 में जहां तीन हजार मरीज इलाज कराने आए थे वहीं 2022 में सात हजार से ज्यादा मरीज पहुंचे हैं। पीजीआई के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस मर्ज पर काबू पाना है तो अनियमित दिनचर्या, शराब का सेवन, धूम्रपान और मोटापा से बचें। लोगों को संतुलित जीवन का मंत्र अपनाना होगा। कैंसर को बढ़ाने में एक नहीं अनगिनत कारण जिम्मेदार हैं। इसके बावजूद मरीजों की जान बचाने के लिए नित नए प्रयोग जारी हैं।


पीजीआई रेडियोथेरेपी और ओंकोलॉजी व टेरटरी कैंसर सेंटर के प्रमुख प्रो. राकेश कपूर का कहना है कि संस्थान में इलाज की अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन संसाधन सीमित हैं और मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कैंसर के प्राइमरी और एडवांस स्टेज के मरीजों के लिए स्टीरियो तकनीक बॉडी थेरेपी और वॉल्यूमैट्रिक आर्क थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें कैंसर टिशू के अलावा अन्य टिशू को प्रभावित किए बिना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। विश्व कैंसर दिवस पर अमर उजाला की विशेष रिपोर्ट-


इनसे सीखे कैंसर को मात देने का गुर
सेक्टर-38 वेस्ट निवासी 53 साल की अलका जग्गी ने एक नहीं दो बार अलग-अलग कैंसर को मात देकर जीवन की रफ्तार को बरकरार रखा है। पहली बार 2017 में जब उन्हें स्तन कैंसर हुआ तो वे डरी नहीं। अपने परिवार को अपना ढाल बनाया और डटकर कैंसर जैसे मर्ज की चुनौतियों का सामना किया। उसके बाद 2021 में वर्टिब्रल कैंसर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस बार उन्होंने दोगुनी ताकत से कैंसर से संघर्ष किया। अभी अलका का प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट चल रहा है। पति संजीव जग्गी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं। 12 वर्षीय बेटी अनिता का कहना है कि उनकी मां उन्हें मुसीबतों से डटकर लड़ने की सीख देती हैं। अपनी सोच और दृढ़ निश्चय के बल पर बीमारी को मात दे चुकी अलका दूसरे मरीजों के लिए मिसाल बन रही हैं।

कैंसर के कारण
- अनियमित दिनचर्या, विवाह में विलंब, संतान में विलंब, शराब को सेवन, धूम्रपान और मोटापा।

स्थिति गंभीर
- भारत में हर साल 13 लाख कैंसर से संबंधित नए मामले दर्ज किए जाते हैं।
- प्रतिवर्ष देशभर में कैंसर से 4 लाख 60 हजार लोग मर रहे।
- भारत में होने वाले छह मुख्य कैंसर में स्तन कैंसर, मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल है।

ये लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान
  • थकावट होना।
  • शरीर में गांठ होना और त्वचा के बाहर से महसूस होना।
  • वजन में बदलाव होना, अकारण वजन बढ़ना या घटना।
  • त्वचा में बदलाव महसूस होना, जैसे त्वचा पीली या लाल पड़ना या रंग गहरा होना। त्वचा पर ऐसे घाव होना जो जल्द ठीक न हों।
  • तिल और मस्सों में बदलाव होना।
  • लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना।
  • निगलने में दिक्कत होना। आवाज बदलना।
  • लगातार अपच की समस्या या खाने के बाद बेचैनी महसूस होना।
  • लगातार बिना किसी कारण के मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
  • लगातार बुखार और रात में पसीना आना।

बचाव के लिए ये करें
  • शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
  • शरीर का वजन नियंत्रित बनाए रखें।
  • आहार में फल और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें, शरीर को सक्रिय बनाए रखें।
  • एचपीवी और हेपेटाइटिस-बी का टीकाकरण कराएं।

मनोवैज्ञानिक सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट ने मरीज़ों और उनके परिजनों को मनोवैज्ञानिक रूप से सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कैंसर सपोर्ट नेशनल हेल्पलाइन नंबर 8586091051 की शुरुआत की है। हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने वाले लोगों को सहायता देने के लिए फोर्टिस मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज की ओर से संचालित साइको-ओंकोलॉजी प्रोग्राम के तहत हेल्थ एक्सपर्ट्स की टीम उपलब्ध होगी।

पीजीआई में दो साल में दोगुने से ज्यादा बढ़ते मरीज
साल              कैंसर के मरीज
2020               3791
2021               4786
2022               7109

स्तन कैंसर बढ़ रहा तेजी से (पीजीआई के आंकड़े)
वर्ष            स्तन कैंसर       गर्दन और सिर का कैंसर        फेफड़े का कैंसर
2020            570                    509                         175
2021            622                    538                         176
2022            857                    928                         279
 

कैंसर जैसी बीमारी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि अपने दिनचर्या को संतुलित कर शराब, धूम्रपान की लत को छोड़ें। इसके साथ ही विवाह और संतान पैदा करने में हो रही देरी भी इसका एक मुख्य कारण बन रहा है। - प्रो. राकेश कपूर, रेडियोथेरेपी और ओंकोलॉजी व टेरटरी कैंसर सेंटर के प्रमुख
 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Election

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed