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पंजाब के दीनानगर आतंकी हमले में शहीद हुए होमगार्ड जवान के परिवार को पठानकोट पुलिस ने पांच साल बाद उनका हक दिलवाया है। बता दें कि पठानकोट के गांव जंगला निवासी होमगार्ड जवान देशराज जुलाई 2015 में दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।
तत्कालीन सरकार ने उनके गांव जंगला में परिवार को मकान बनाने के लिए पांच मरले का प्लॉट दिया था। लेकिन जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति का कब्जा था। जिसके बाद से परिवार जमीन से कब्जा हटवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा था लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार बीते 21 अक्टूबर को पुलिस शहीद दिवस पर पीड़ित परिवार ने एसएसपी को मामले की शिकायत दी तो एसएसपी ने चंद दिनों में ही प्लॉट से कब्जा छुड़वाकर परिवार के सुपुर्द कर दिया।
पांच साल तक दफ्तरों के चक्कर काटे : शहीद की पत्नी
शहीद देशराज की पत्नी सुदेश और बेटे जतिंदर कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने पांच साल तक कई दफ्तरों और उच्च अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पुलिस शहीद दिवस पर पठानकोट के एसएसपी से गुहार लगाई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पठानकोट पुलिस ने प्लॉट से कब्जा हटवाया।
पंजाब के दीनानगर आतंकी हमले में शहीद हुए होमगार्ड जवान के परिवार को पठानकोट पुलिस ने पांच साल बाद उनका हक दिलवाया है। बता दें कि पठानकोट के गांव जंगला निवासी होमगार्ड जवान देशराज जुलाई 2015 में दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।
तत्कालीन सरकार ने उनके गांव जंगला में परिवार को मकान बनाने के लिए पांच मरले का प्लॉट दिया था। लेकिन जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति का कब्जा था। जिसके बाद से परिवार जमीन से कब्जा हटवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा था लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार बीते 21 अक्टूबर को पुलिस शहीद दिवस पर पीड़ित परिवार ने एसएसपी को मामले की शिकायत दी तो एसएसपी ने चंद दिनों में ही प्लॉट से कब्जा छुड़वाकर परिवार के सुपुर्द कर दिया।
पांच साल तक दफ्तरों के चक्कर काटे : शहीद की पत्नी
शहीद देशराज की पत्नी सुदेश और बेटे जतिंदर कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने पांच साल तक कई दफ्तरों और उच्च अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पुलिस शहीद दिवस पर पठानकोट के एसएसपी से गुहार लगाई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पठानकोट पुलिस ने प्लॉट से कब्जा हटवाया।
पुलिस शहीद दिवस पर शहीद परिवारों की समस्याएं सुनने और उनको हल करने का जो प्रण पठानकोट पुलिस ने लिया था, उसको सार्थक किया जा रहा है। इस मामले में पठानकोट एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना का काफी योगदान रहा। - आदित्य, एएसपी, पठानकोट।