चंडीगढ़। यूटी प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। प्रशासन ने केंद्रीय सेवा नियमों के तहत काम करने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता यानी डीए 31 से बढ़ाकर 34 फीसदी कर दिया है। पुराने वेतन (अन-रिवाइज्ड) के तहत काम करने वाले कर्मचारियों व पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 196 फीसदी से 203 फीसदी कर दिया गया है। बढ़ी हुई दरें एक जनवरी 2022 से लागू होंगी।
प्रशासन के इस फैसले से कर्मचारियों में खुशी की लहर है। डेपुटेशन पर चंडीगढ़ में काम कर रहे कर्मचारियों का भी महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है। प्रशासन के इस फैसले से हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस पर शुक्रवार को प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मुहर लगा दी। बता दें कि डीए को समय-समय पर बढ़ाया जाता है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है। महंगाई भत्ते यानी डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।
कोरोना की वजह से डेढ़ साल तक डीए पर थी रोक
केंद्र सरकार ने कोरोना की वजह से डेढ़ साल तक महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को रोक रखा था। जुलाई 2021 में केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यूटी प्रशासन ने महंगाई भत्ता बढ़ाया था। दरअसल, महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है।
चंडीगढ़। यूटी प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। प्रशासन ने केंद्रीय सेवा नियमों के तहत काम करने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता यानी डीए 31 से बढ़ाकर 34 फीसदी कर दिया है। पुराने वेतन (अन-रिवाइज्ड) के तहत काम करने वाले कर्मचारियों व पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 196 फीसदी से 203 फीसदी कर दिया गया है। बढ़ी हुई दरें एक जनवरी 2022 से लागू होंगी।
प्रशासन के इस फैसले से कर्मचारियों में खुशी की लहर है। डेपुटेशन पर चंडीगढ़ में काम कर रहे कर्मचारियों का भी महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है। प्रशासन के इस फैसले से हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस पर शुक्रवार को प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मुहर लगा दी। बता दें कि डीए को समय-समय पर बढ़ाया जाता है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है। महंगाई भत्ते यानी डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।
कोरोना की वजह से डेढ़ साल तक डीए पर थी रोक
केंद्र सरकार ने कोरोना की वजह से डेढ़ साल तक महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को रोक रखा था। जुलाई 2021 में केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यूटी प्रशासन ने महंगाई भत्ता बढ़ाया था। दरअसल, महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है।