पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बात-बात पर सीबीआई की जांच बिठाने वाली सरकार पेपर लीक कांड सीबीआई को क्यों नहीं सौंप रही। उन्होंने कहा कि इस मामले में जम्मू तक के लोग शामिल हैं। हरियाणा पुलिस कहां-कहां जांच के लिए भटकती घूमेगी। सरकार के गृह मंत्री स्वयं चाह रहे हैं कि मामला सीबीआई को सौंपा जाए।
पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल लाया गया। इसके तहत कांग्रेस सरकार के दौरान बनाए गए कानून से किसान हित के प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया। नए कानून का मकसद बिना सहमति किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हवाले करना है।
सरकार ने अब 70 प्रतिशत किसानों की सहमति, सेक्शन-4, सेक्शन-6 के नोटिस करने और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लॉट देने जैसे तमाम नियमों को समाप्त कर दिया है। अब कोई भी क्लेक्टर बिना किसानों की सहमति रातों रात उनकी जमीन का अधिग्रहण कर सकता है।
हुड्डा ने एक बार फिर ऑलंपिक पदक विजेताओं को डीएसपी नियुक्त करने और नीरज चोपड़ा को सेना में ऑनरेरी कर्नल बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के तौर पर यह मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी सरकार के दौरान खुद ऐसा कर चुके हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान पदक लाओ, पद पाओ नीति के तहत 18 खिलाड़ियों को डीएसपी और 500 से ज्यादा खिलाड़ियों को इंस्पेक्टर व अन्य पदों पर नियुक्ति दी गई थी। उनकी सरकार के दौरान खिलाड़ियों को पद, पैसा और प्रतिष्ठा सब दिया जाता था।
बीबीएमबी में हरियाणा का मेंबर नहीं
हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के हित को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका पता इस बात से चलता है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हरियाणा का कोई मेंबर ही नहीं है। बिजली का मेंबर पंजाब से होता है और पानी संबंधी हरियाणा से। ऐसे में हरियाणा को उसके हिस्से का पानी ही नहीं मिल पा रहा है। हुड्डा ने कहा, मुझे तो यहां तक जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ऐसा करने जा रही है कि किसी भी राज्य का कोई भी मेंबर बोर्ड में लग सकता है। यदि ऐसा हो गया तो हरियाणा का प्रतिनिधित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बात-बात पर सीबीआई की जांच बिठाने वाली सरकार पेपर लीक कांड सीबीआई को क्यों नहीं सौंप रही। उन्होंने कहा कि इस मामले में जम्मू तक के लोग शामिल हैं। हरियाणा पुलिस कहां-कहां जांच के लिए भटकती घूमेगी। सरकार के गृह मंत्री स्वयं चाह रहे हैं कि मामला सीबीआई को सौंपा जाए।
पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल लाया गया। इसके तहत कांग्रेस सरकार के दौरान बनाए गए कानून से किसान हित के प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया। नए कानून का मकसद बिना सहमति किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हवाले करना है।
सरकार ने अब 70 प्रतिशत किसानों की सहमति, सेक्शन-4, सेक्शन-6 के नोटिस करने और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लॉट देने जैसे तमाम नियमों को समाप्त कर दिया है। अब कोई भी क्लेक्टर बिना किसानों की सहमति रातों रात उनकी जमीन का अधिग्रहण कर सकता है।
हुड्डा ने एक बार फिर ऑलंपिक पदक विजेताओं को डीएसपी नियुक्त करने और नीरज चोपड़ा को सेना में ऑनरेरी कर्नल बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के तौर पर यह मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी सरकार के दौरान खुद ऐसा कर चुके हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान पदक लाओ, पद पाओ नीति के तहत 18 खिलाड़ियों को डीएसपी और 500 से ज्यादा खिलाड़ियों को इंस्पेक्टर व अन्य पदों पर नियुक्ति दी गई थी। उनकी सरकार के दौरान खिलाड़ियों को पद, पैसा और प्रतिष्ठा सब दिया जाता था।
बीबीएमबी में हरियाणा का मेंबर नहीं
हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के हित को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका पता इस बात से चलता है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हरियाणा का कोई मेंबर ही नहीं है। बिजली का मेंबर पंजाब से होता है और पानी संबंधी हरियाणा से। ऐसे में हरियाणा को उसके हिस्से का पानी ही नहीं मिल पा रहा है। हुड्डा ने कहा, मुझे तो यहां तक जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ऐसा करने जा रही है कि किसी भी राज्य का कोई भी मेंबर बोर्ड में लग सकता है। यदि ऐसा हो गया तो हरियाणा का प्रतिनिधित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।