न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 08 Nov 2021 03:33 PM IST
पंजाब की राजनीति में नए विवाद की नींव रख दी गई है। पंजाब सरकार ने उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद एडवोकेट तरुणवीर सिंह लहल को राज्य का एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया है। एडवोकेट लहल की नियुक्ति कांट्रेक्ट आधार पर आगामी 31 मार्च तक की गई है। हालांकि इस नियुक्ति को वार्षिक आधार पर बढ़ाए जाने का विकल्प भी है।
विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे को डीएसपी लगाने का विरोध करने वाले रंधावा अब अपने दामाद को एडिशनल एडवोकेट जनरल लगाने के मामले में विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। सीनियर अकाली नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एक्ट के मुताबिक अतिरिक्त अटार्नी जनरल की नियुक्ति के लिए 16 साल की प्रेक्टिस होनी चाहिए। कांग्रेस सरकार इस एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेते मंत्रियों के रिश्तेदारों के लिए नौकरियां बांट रही है।
जमाई को पंजाब गृह मंत्रालय में एएजी बनाना पंजाब से धोखा: राघव चड्ढा
आप के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस सरकार पर पंजाब के लोगों से धोखाधड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का घर-घर रोजगार अभियान भले ही पंजाब के तीन करोड़ लोगों के लिए झूठा हो, लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं के लिए यह किसी सुनहरे मौके की तरह है, क्योंकि कांग्रेस की कैप्टन सरकार की तरह अब चन्नी सरकार ने भी अपने नेताओं के जमाई और बेटे-बेटियों को सरकारी नियुक्ति देनी शुरू कर दी है।
राघव चड्ढा ने कहा कि ताजा मामला उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के जमाई तरुणबीर सिंह लहल को पंजाब गृह मंत्रालय में नियुक्ति देने का है। कांग्रेस सरकार ने सोमवार को तरुणबीर सिंह लहल को एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर नियुक्ति दी। राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब के लोगों के हित के बारे में सोचने का ड्रामा करने वाले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार को अपने जमाई को यह नियुक्ति देने से पहले पंजाब के लाखों बेरोजगारों की याद क्यों नहीं आई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने इस कारनामे से स्पष्ट कर दिया है कि वह भी पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राह पर चल रहे हैं। स्पष्ट है कि कैप्टन और चन्नी हमजोली हैं, अंतर है तो केवल यह कि चन्नी ड्रामेबाजी में कैप्टन अमरिंदर सिंह से एक कदम आगे निकल गए हैं।
विस्तार
पंजाब की राजनीति में नए विवाद की नींव रख दी गई है। पंजाब सरकार ने उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद एडवोकेट तरुणवीर सिंह लहल को राज्य का एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया है। एडवोकेट लहल की नियुक्ति कांट्रेक्ट आधार पर आगामी 31 मार्च तक की गई है। हालांकि इस नियुक्ति को वार्षिक आधार पर बढ़ाए जाने का विकल्प भी है।
विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे को डीएसपी लगाने का विरोध करने वाले रंधावा अब अपने दामाद को एडिशनल एडवोकेट जनरल लगाने के मामले में विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। सीनियर अकाली नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एक्ट के मुताबिक अतिरिक्त अटार्नी जनरल की नियुक्ति के लिए 16 साल की प्रेक्टिस होनी चाहिए। कांग्रेस सरकार इस एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेते मंत्रियों के रिश्तेदारों के लिए नौकरियां बांट रही है।
जमाई को पंजाब गृह मंत्रालय में एएजी बनाना पंजाब से धोखा: राघव चड्ढा
आप के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस सरकार पर पंजाब के लोगों से धोखाधड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का घर-घर रोजगार अभियान भले ही पंजाब के तीन करोड़ लोगों के लिए झूठा हो, लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं के लिए यह किसी सुनहरे मौके की तरह है, क्योंकि कांग्रेस की कैप्टन सरकार की तरह अब चन्नी सरकार ने भी अपने नेताओं के जमाई और बेटे-बेटियों को सरकारी नियुक्ति देनी शुरू कर दी है।
राघव चड्ढा ने कहा कि ताजा मामला उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के जमाई तरुणबीर सिंह लहल को पंजाब गृह मंत्रालय में नियुक्ति देने का है। कांग्रेस सरकार ने सोमवार को तरुणबीर सिंह लहल को एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर नियुक्ति दी। राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब के लोगों के हित के बारे में सोचने का ड्रामा करने वाले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार को अपने जमाई को यह नियुक्ति देने से पहले पंजाब के लाखों बेरोजगारों की याद क्यों नहीं आई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने इस कारनामे से स्पष्ट कर दिया है कि वह भी पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राह पर चल रहे हैं। स्पष्ट है कि कैप्टन और चन्नी हमजोली हैं, अंतर है तो केवल यह कि चन्नी ड्रामेबाजी में कैप्टन अमरिंदर सिंह से एक कदम आगे निकल गए हैं।