कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग ने चंडीगढ़ की लक्षित आबादी को टीके की पहली खुराक लगाने का लक्ष्य बीते 14 अगस्त को ही पूरा कर लिया था। अब भी विभाग पूरे उत्साह के साथ दूसरी खुराक के साथ अन्य प्रदेशों के लोगों को टीके की पहली खुराक लगाकर उन्हें सुरक्षित करने के काम में जुटा हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर में बनाए गए टीकाकरण केंद्रों पर पूर्व की तरह सुबह 9 से अपराह्न 3 बजे तक और शाम 4 से रात 8 बजे तक टीके की पहली और दूसरी खुराक लगाई जा रही है। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमनदीप कंग का कहना है कि हम तभी सुरक्षित होंगे, जब सभी सुरक्षित होंगे। ऐसे में टीकाकरण के सत्र लगातार आयोजित किए जा रहे हैं। चंडीगढ़ में अब तक 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के चिह्नित 729822 लाभार्थियों के लक्ष्य को पूरा कर 802719 लोगों को टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है।
कोरोना टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्य विभाग ने कई कीर्तिमान भी हासिल किए हैं। अभियान के तहत बेहतर परिणाम को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने चंडीगढ़ को देश के उत्कृष्ट प्रदेशों में स्थान प्रदान किया है। इस श्रेणी में चंडीगढ़ के अलावा असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। यह स्थान अभियान के तहत दुष्प्रभाव से बचाव के लिए बेहतर प्रबंधन के लिए दिया गया है। वहीं, टीके की बर्बादी रोकने और शत-प्रतिशत वॉयल का प्रयोग करने की श्रेणी में स्थान सुरक्षित कर लिया है। टीके की बर्बादी रोककर स्वास्थ्यकर्मियों ने तय खुराक से 24 हजार से ज्यादा लोगों को टीका लगाया है। यह अपने आप में उपलब्धि है।
कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी। शुरुआती दौर में संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित करने का निर्णय लिया गया था। धीरे-धीरे अन्य वर्गों को अभियान शामिल किया गया। शहर की लक्षित आबादी को पहली खुराक लगाने का लक्ष्य तय समय से पहले पूरा करने के बावजूद अब भी उसी रफ्तार से टीकाकरण किया जा रहा है। शहर के सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही मोबाइल टीमें टीकाकरण का काम कर रही हैं।
‘लोगों की जागरूकता ने निभाई बड़ी भूमिका’
वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के सलाहकार डॉ. आरएस बेदी का कहना है कि चंडीगढ़ का क्षेत्र सीमित है और शिक्षा का स्तर उच्च। सरकारी सेवाएं भी यहां बेहतर स्थिति में हैं। अन्य प्रदेशों की तुलना में यहां के लोगों को टीका लगवाने के लिए ज्यादा जागरूक करने की जरूरत नहीं पड़ी। रूढ़िवादिता का स्तर न के बराबर है। स्वास्थ्य और शिक्षा किस प्रकार एक दूसरे के पूरक सिद्ध हो सकते हैं टीकाकरण अभियान ने यह साबित कर दिया है, लेकिन अब भी बचाव को लेकर सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि शहर में रोजाना अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
अब तक की उपलब्धि
खुराक लाभार्थी प्रतिशत में
पहली खुराक 802719 109.99
दूसरी खुराक 304670 41.75
स्वास्थ्यकर्मी 26986 103.01
अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी 48346 215.55
कोरोना से बचाव के मानकों का पालन करते हुए चंडीगढ़ की चिह्नित आबादी ने तय समय में पहली खुराक लगवाकर अपनी समझदारी का परिचय दिया है। हमारी सूझबूझ और जागरूकता का ही असर है जो हम महामारी की विभिषिका में भी ज्यादा प्रभावित नहीं हुए। शोध से भी यह बात साबित हो चुकी है कि टीके की खुराक लेने वालों में संक्रमण की गंभीरता टीका न लगवाने की तुलना में बहुत कम है। इसलिए पहली खुराक की ही तरह समय से दूसरी खुराक भी लें और पूरी तरह सुरक्षित हो जाएं।
-प्रो. जगतराम, निदेशक, पीजीआई
कोरोना टीकाकरण अभियान को स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में लिया और पहली खुराक को तय मानक के अनुरूप पूरा किया और अभी भी लोगों को पहली खुराक लगाई जा रही है। टीकाकरण में लगाए गए स्वास्थ्यकर्मी अन्य प्रदेशों से आने वाले लाभार्थियों को उसी उत्साह से टीका लगा रहे हैं। क्योंकि देश को कोरोना मुक्त करने का संकल्प लिया गया है।
-डॉ. अमनदीप कंग, स्वास्थ्य निदेशक
टीकाकरण जागरूकता के लिए पीजीआई व पीयू ने मिलकर दो कॉमिक निकाले। टीकाकरण से जुड़े भ्रम को दूर करने में उसका काफी योगदान रहा। वैसे भी चंडीगढ़ के लोग बेहद शिक्षित और जागरूक माने जाते हैं। टीकाकारण की अभियान को सफल बनाकर उन्होंने अपनी साक्षरता और समझदारी का पूरा परिचय दिया है।
-डॉ. रविंद्र खैवाल, पीजीआई सामुदायिक चिकित्सा विभाग
कोरोना टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था सराहनीय रही। इसमें शहर की जनता की सहूलियत को ध्यान में रखकर कार्य योजना बनाई गई, जिसका शहरवासियों को पूरा फायदा मिला, इसलिए लोगों ने आगे आकर समय पर टीका लगवाया।
-गगनदीप, पीयू
मेरी उम्र 66 वर्ष है। मैंने पांच महीने पहले अपनी दोनों खुराक ले ली थीं। अभियान में बुजुर्गों का टीकाकरण पहले करने पर विशेष ध्यान दिया गया, इसलिए बुजुर्गों ने काफी तेजी से टीका लगवाया और लक्ष्य पूरा करने में सहयोग किया।
-भूपिंदर सिंह, सेक्टर-15
यहां कभी भी टीकाकरण केंद्रों पर मारामारी और धक्का-मुक्की की खबरें नहीं आईं, जबकि अन्य प्रदेशों में लोगों को टीका लगवाने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जनता की समझदारी और स्वास्थ्य विभाग की सूझबूझ का परिणाम है, जो हम लक्ष्य के अनुसार पहली डोज लगवाने में सफल रहे हैं।
-गुरप्रीत सिंह, सेक्टर-45
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने लोगों की परेशानी को ध्यान में रखकर शुरू से ही बेहतर व्यवस्था की। नतीजतन लोगों ने भी आगे आकर अभियान को सफल बनाने में सहयोग किया, लेकिन अब भी संक्रमण से बचाव के मानकों के पालन में बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
-पारसनाथ यादव, मौलीजागरां
विस्तार
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग ने चंडीगढ़ की लक्षित आबादी को टीके की पहली खुराक लगाने का लक्ष्य बीते 14 अगस्त को ही पूरा कर लिया था। अब भी विभाग पूरे उत्साह के साथ दूसरी खुराक के साथ अन्य प्रदेशों के लोगों को टीके की पहली खुराक लगाकर उन्हें सुरक्षित करने के काम में जुटा हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर में बनाए गए टीकाकरण केंद्रों पर पूर्व की तरह सुबह 9 से अपराह्न 3 बजे तक और शाम 4 से रात 8 बजे तक टीके की पहली और दूसरी खुराक लगाई जा रही है। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमनदीप कंग का कहना है कि हम तभी सुरक्षित होंगे, जब सभी सुरक्षित होंगे। ऐसे में टीकाकरण के सत्र लगातार आयोजित किए जा रहे हैं। चंडीगढ़ में अब तक 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के चिह्नित 729822 लाभार्थियों के लक्ष्य को पूरा कर 802719 लोगों को टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है।
कोरोना टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्य विभाग ने कई कीर्तिमान भी हासिल किए हैं। अभियान के तहत बेहतर परिणाम को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने चंडीगढ़ को देश के उत्कृष्ट प्रदेशों में स्थान प्रदान किया है। इस श्रेणी में चंडीगढ़ के अलावा असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। यह स्थान अभियान के तहत दुष्प्रभाव से बचाव के लिए बेहतर प्रबंधन के लिए दिया गया है। वहीं, टीके की बर्बादी रोकने और शत-प्रतिशत वॉयल का प्रयोग करने की श्रेणी में स्थान सुरक्षित कर लिया है। टीके की बर्बादी रोककर स्वास्थ्यकर्मियों ने तय खुराक से 24 हजार से ज्यादा लोगों को टीका लगाया है। यह अपने आप में उपलब्धि है।