चंडीगढ़। गृह मंत्रालय की ओर से जूम को प्रतिबंधित करने के बाद पीयू के छात्रों की पढ़ाई कुछ प्रभावित हुई है। क्योंकि इस प्लेटफार्म को असुरक्षित बताया गया है। शिक्षक भी अब सुरक्षा की दृष्टि से दूसरे प्लेटफार्म के जरिये शिक्षा देने की योजना बना रहे हैं। कुछ उन प्लेटफार्म को अपलोड कर रहे हैं तो कुछ अपलोड कर पढ़ाई शुरू करवा दिए हैं। माना जा रहा है कि दो से तीन दिन में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएंगी।
पीयू में रेगुलर शिक्षकों की संख्या 600 से अधिक है। इनके अलावा गेस्ट फैकल्टी भी बड़ी संख्या में हैं। वह भी नियमित कक्षाएं पहले लेते थे और सभी शिक्षकों ने जूम के जरिये छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया था लेकिन हाल ही में जूम को असुरक्षित मानते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया। डेटा चोरी आदि का खतरा बढ़ रहा था। अब पीयू ने गूगल क्लासरूम से लेकर गो टू मीटिंग आदि प्लेटफार्म की तलाश की है। उन सभी को जो भी उपयुक्त शिक्षकों को लगेगा, वह उन्हें अपलोड करने में जुटे हैं। साथ ही वह विद्यार्थियों को नए प्लेटफार्म से जोड़ेंगे। इस कार्य में दो से तीन दिन तक लग सकते हैं। उसके बाद पढ़ाई फिर से सुचारू हो जाएगी।
चंडीगढ़। गृह मंत्रालय की ओर से जूम को प्रतिबंधित करने के बाद पीयू के छात्रों की पढ़ाई कुछ प्रभावित हुई है। क्योंकि इस प्लेटफार्म को असुरक्षित बताया गया है। शिक्षक भी अब सुरक्षा की दृष्टि से दूसरे प्लेटफार्म के जरिये शिक्षा देने की योजना बना रहे हैं। कुछ उन प्लेटफार्म को अपलोड कर रहे हैं तो कुछ अपलोड कर पढ़ाई शुरू करवा दिए हैं। माना जा रहा है कि दो से तीन दिन में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएंगी।
पीयू में रेगुलर शिक्षकों की संख्या 600 से अधिक है। इनके अलावा गेस्ट फैकल्टी भी बड़ी संख्या में हैं। वह भी नियमित कक्षाएं पहले लेते थे और सभी शिक्षकों ने जूम के जरिये छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया था लेकिन हाल ही में जूम को असुरक्षित मानते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया। डेटा चोरी आदि का खतरा बढ़ रहा था। अब पीयू ने गूगल क्लासरूम से लेकर गो टू मीटिंग आदि प्लेटफार्म की तलाश की है। उन सभी को जो भी उपयुक्त शिक्षकों को लगेगा, वह उन्हें अपलोड करने में जुटे हैं। साथ ही वह विद्यार्थियों को नए प्लेटफार्म से जोड़ेंगे। इस कार्य में दो से तीन दिन तक लग सकते हैं। उसके बाद पढ़ाई फिर से सुचारू हो जाएगी।