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लॉकडाउन के कारण बीते 45 दिनों से भारत में फंसे 193 पाक नागरिक अटारी सड़क सीमा के रास्ते पाकिस्तान रवाना हो गए। पाकिस्तान जाने वाले नागरिकों में बच्चे ,महिलाएं व बजुर्ग भी शामिल थे। पाकिस्तान नागरिकों को भारतीय सीमा से रवाना करने से पहले अटारी सड़क सीमा पर स्थित आईसीपी में स्थापित किए गए कोरोना वायरस जांच केंद्र में स्क्रीनिंग की गई। वहीं अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 310 एनआरआई पहुंचे। यहां से वह यूनाइटेड किंगडम के लिए उड़ान भरी।
सीमा शुल्क विभाग ने पाकिस्तानियों के सामान की जांच की। बीएसएफ के जवानों ने दस्तावेज की जांच कर उन्हें एक-एक कर पाकिस्तानी रेंजर को सौंप दिया। इन पाकिस्तानियों के लाहौर पहुंचने पर उन्हें कड़ी सुरक्षा में क्वारंटीन केंद्रों में भेज दिया। इन पाकिस्तानियों की जांच रिपोर्ट के बाद ही उन्हें अपने घरों में भेजने की व्यवस्था होगी।
अमर उजाला से बातचीत करते हुए पाकिस्तानियों ने बताया की उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य अपने रिश्तेदारों से मिलना था। कुछ ने कहा की वह भारत में इलाज के लिए आए थे। कई पाकिस्तानी धार्मिक यात्रा के लिए आए थे।
धार्मिक यात्रा के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं की संख्या अधिक थी। भारत सरकार ने इन पाकिस्तानियों को पांच मई की सुबह अटारी सड़क सीमा पर पहुंचने के निर्देश दिए थे। वतन जाने के लिए उत्साहित कई पाकिस्तानी सोमवार शाम को ही अटारी सीमा पार करने के लिए पहुंच गए थे। सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इन पाकिस्तानियों को वापस भेज दिया था। इस पर पाकिस्तानियों ने रात अमृतसर में बिताई।
मंगलवार सुबह पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न समूहों में सीमा पर पहुंचे। बुरहानपुर,जोधपुर और लुधियाना से एक-एक पाकिस्तानी नागरिक आए थे। कोलकाता से दो, आगरा, रायबरेली, रामपुर, कौशाम्बी, कोहलापुर, कोटा और फिरोजपुर व गुरुग्राम से चार-चार, लखनऊ और भोपाल से पांच, बिजनौर और आनंद से छह-छह पाकिस्तानी सीमा पर पहुंचे। जलगांव से सात, मुंबई, दिल्ली, रायपुर और जयपुर से नौ-नौ, अहमदाबाद से 12, मध्य प्रदेश से 33 और नागपुर से 49 लोग शामिल हैं।
जो फंसे हैं, वे पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में रहें
पाकिस्तानी एहसान अहमद ने बताया वह 12 मार्च को भारत आया था। 19 मार्च तक वापस आने की उम्मीद थी। लॉकडाउन के कारण वह नहीं लौटा। भारत में जितने भी पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए है, उनसे अनुरोध है की जब तक उनके वतन लौटने की तारीख तय नहीं हो जाती वह घरों में रहें। पाकिस्तान उच्चायोग के संपर्क में रहें। पाकिस्तान दूतावास सभी पाकिस्तानियों की वापसी के लिए प्रयास कर रहा है।
लॉकडाउन दौरान उन्हें सभी सुविधाएं दी गई। बीमार को दवा मिली। साथ ही वतन लौटने की दुआ भी। वीजा की तारीख खत्म हो चुकी थी। उनके वीजा की अवधि बढ़ाई गई। एक अन्य पाकिस्तानी बासित ने दोनों सरकारों को उनकी सुरक्षित वापसी के लिए धन्यवाद दिया। अप्रैल की शुरुआत में 41 पाकिस्तानी पहले चरण में वाघा सीमा के माध्यम से घर लौटे थे।
लॉकडाउन के कारण बीते 45 दिनों से भारत में फंसे 193 पाक नागरिक अटारी सड़क सीमा के रास्ते पाकिस्तान रवाना हो गए। पाकिस्तान जाने वाले नागरिकों में बच्चे ,महिलाएं व बजुर्ग भी शामिल थे। पाकिस्तान नागरिकों को भारतीय सीमा से रवाना करने से पहले अटारी सड़क सीमा पर स्थित आईसीपी में स्थापित किए गए कोरोना वायरस जांच केंद्र में स्क्रीनिंग की गई। वहीं अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 310 एनआरआई पहुंचे। यहां से वह यूनाइटेड किंगडम के लिए उड़ान भरी।
सीमा शुल्क विभाग ने पाकिस्तानियों के सामान की जांच की। बीएसएफ के जवानों ने दस्तावेज की जांच कर उन्हें एक-एक कर पाकिस्तानी रेंजर को सौंप दिया। इन पाकिस्तानियों के लाहौर पहुंचने पर उन्हें कड़ी सुरक्षा में क्वारंटीन केंद्रों में भेज दिया। इन पाकिस्तानियों की जांच रिपोर्ट के बाद ही उन्हें अपने घरों में भेजने की व्यवस्था होगी।
अमर उजाला से बातचीत करते हुए पाकिस्तानियों ने बताया की उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य अपने रिश्तेदारों से मिलना था। कुछ ने कहा की वह भारत में इलाज के लिए आए थे। कई पाकिस्तानी धार्मिक यात्रा के लिए आए थे।
धार्मिक यात्रा के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं की संख्या अधिक थी। भारत सरकार ने इन पाकिस्तानियों को पांच मई की सुबह अटारी सड़क सीमा पर पहुंचने के निर्देश दिए थे। वतन जाने के लिए उत्साहित कई पाकिस्तानी सोमवार शाम को ही अटारी सीमा पार करने के लिए पहुंच गए थे। सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इन पाकिस्तानियों को वापस भेज दिया था। इस पर पाकिस्तानियों ने रात अमृतसर में बिताई।
मंगलवार सुबह पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न समूहों में सीमा पर पहुंचे। बुरहानपुर,जोधपुर और लुधियाना से एक-एक पाकिस्तानी नागरिक आए थे। कोलकाता से दो, आगरा, रायबरेली, रामपुर, कौशाम्बी, कोहलापुर, कोटा और फिरोजपुर व गुरुग्राम से चार-चार, लखनऊ और भोपाल से पांच, बिजनौर और आनंद से छह-छह पाकिस्तानी सीमा पर पहुंचे। जलगांव से सात, मुंबई, दिल्ली, रायपुर और जयपुर से नौ-नौ, अहमदाबाद से 12, मध्य प्रदेश से 33 और नागपुर से 49 लोग शामिल हैं।
जो फंसे हैं, वे पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में रहें
पाकिस्तानी एहसान अहमद ने बताया वह 12 मार्च को भारत आया था। 19 मार्च तक वापस आने की उम्मीद थी। लॉकडाउन के कारण वह नहीं लौटा। भारत में जितने भी पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए है, उनसे अनुरोध है की जब तक उनके वतन लौटने की तारीख तय नहीं हो जाती वह घरों में रहें। पाकिस्तान उच्चायोग के संपर्क में रहें। पाकिस्तान दूतावास सभी पाकिस्तानियों की वापसी के लिए प्रयास कर रहा है।
लॉकडाउन दौरान उन्हें सभी सुविधाएं दी गई। बीमार को दवा मिली। साथ ही वतन लौटने की दुआ भी। वीजा की तारीख खत्म हो चुकी थी। उनके वीजा की अवधि बढ़ाई गई। एक अन्य पाकिस्तानी बासित ने दोनों सरकारों को उनकी सुरक्षित वापसी के लिए धन्यवाद दिया। अप्रैल की शुरुआत में 41 पाकिस्तानी पहले चरण में वाघा सीमा के माध्यम से घर लौटे थे।