संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़। सीमांत जिले में मैदानी क्षेत्रों से आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे कोरोना संक्रमण के बचाव में जुटे अधिकारी, कार्मिक भी सहमे हुए हैं। दो दिन पूर्व 560 लोग यहां पहुंचे। लॉकडाउन के बाद अब तक आठ हजार से अधिक लोग वापस लौटे हैं। बुधवार को चंडीगढ़ से चार और राजस्थान से दो बसों में करीब डेढ़ सौ लोग पहुंचे। ऐंचोली में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई। एसीएमओ डॉ. राजेश ढकरियाल ने बताया कि जांच के बाद सभी लोगों को उनके घरों के नजदीक स्कूल, पंचायतघरों में क्वारंटीन पर रखा जाएगा। अभी संस्थागत में 14 और होम क्वारंटीन में 2028 लोगों को रखा गया है। स्वास्थ्य, राजस्व विभाग की टीम होम क्वारंटीन पर रखे लोगों की निगरानी कर रही है। सरकार की ओर से बाहर रहे लोगों की घर वापसी से यहां रह रही जनता की चिंता भी बढ़ गई है। जागरूक लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। विभिन्न प्रांतों से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इन्हें होम क्वारंटीन पर भेजा जा रहा है, जबकि इनको संस्थागत क्वारंटीन किया जाना चाहिए। प्रशासन की यह चूक कहीं कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारी न पड़ जाए। पालिका बोर्ड की बैठक में सभासदों ने प्रमुखता से इस मामले को उठाते हुए रेड जोन से आ रहे लोगों को अनिवार्य रूप से क्वारंटीन पर रखने का प्रस्ताव पास किया है। पालिकाध्यक्ष राजेंद्र रावत का कहना है कि कोरोना के मामले में हल्की सी असावधानी अब तक के बचाव की मेहनत को बेकार कर देगी। उन्होंने लोगों से खुद सावधानी बरतने की अपील की है।
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़। सीमांत जिले में मैदानी क्षेत्रों से आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे कोरोना संक्रमण के बचाव में जुटे अधिकारी, कार्मिक भी सहमे हुए हैं। दो दिन पूर्व 560 लोग यहां पहुंचे। लॉकडाउन के बाद अब तक आठ हजार से अधिक लोग वापस लौटे हैं। बुधवार को चंडीगढ़ से चार और राजस्थान से दो बसों में करीब डेढ़ सौ लोग पहुंचे। ऐंचोली में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई। एसीएमओ डॉ. राजेश ढकरियाल ने बताया कि जांच के बाद सभी लोगों को उनके घरों के नजदीक स्कूल, पंचायतघरों में क्वारंटीन पर रखा जाएगा। अभी संस्थागत में 14 और होम क्वारंटीन में 2028 लोगों को रखा गया है। स्वास्थ्य, राजस्व विभाग की टीम होम क्वारंटीन पर रखे लोगों की निगरानी कर रही है। सरकार की ओर से बाहर रहे लोगों की घर वापसी से यहां रह रही जनता की चिंता भी बढ़ गई है। जागरूक लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। विभिन्न प्रांतों से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इन्हें होम क्वारंटीन पर भेजा जा रहा है, जबकि इनको संस्थागत क्वारंटीन किया जाना चाहिए। प्रशासन की यह चूक कहीं कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारी न पड़ जाए। पालिका बोर्ड की बैठक में सभासदों ने प्रमुखता से इस मामले को उठाते हुए रेड जोन से आ रहे लोगों को अनिवार्य रूप से क्वारंटीन पर रखने का प्रस्ताव पास किया है। पालिकाध्यक्ष राजेंद्र रावत का कहना है कि कोरोना के मामले में हल्की सी असावधानी अब तक के बचाव की मेहनत को बेकार कर देगी। उन्होंने लोगों से खुद सावधानी बरतने की अपील की है।