पहले रंगदारी फिर नशा कारोबार से पूरे प्रदेश में चर्चा में आया अल्मोड़ा जिला कारागार एक बार सुर्खियों में आया है। एसटीएफ और पुलिस की दो कार्रवाई के बाद अब तीसरी बार जेल प्रशासन की कार्रवाई में भी जेल से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डाटा केबल और मोबाइल कवर बरामद हुए हैं। जेल प्रशासन की तहरीर पर जिला पुलिस ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी के साथ ही एक अन्य कैदी के खिलाफ केस दर्ज किया है। फिलहाल जेल प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि कैदी इस बार किस धंधे के लिए मोबाइलों का इस्तेमाल कर रहे थे।
अल्मोड़ा जिला जेल में बंद कैदियों द्वारा जेल के अंदर से ही रंगदारी मांगे जाने की सूचना पर एसटीएफ और पुलिस ने चार अक्तूबर को जेल में छापा मारा था। इसमें टीम को तीन मोबाइल, चार सिम कार्ड और डेढ़ लाख की नकदी बरामद हुई थी। पूरे मामले में हत्यारोपी कलीम और उसके साथी महिपाल को मुख्य आरोपी बनाया गया था। उस वक्त प्रभारी जेलर और चार बंदी रक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई थी।
इसके बाद 24 नवंबर को एसटीएफ और पुलिस ने फिर एक बार जेल में छापा मारा। उस वक्त भी यहां से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद हुए थे। अब तीसरी बार नौ दिसंबर को जेल प्रशासन ने ही जेल में छापा मारा है। इस कार्रवाई में जेल प्रशासन को दो कैदियों से तीन मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, 10 डाटा केबल और दो मोबाइल कवर बरामद हुए हैं। प्रभारी अधीक्षक जिला कारागार जयंत पांगती ने इस संबंध में जिला पुलिस को तहरीर सौंपी है जिसके आधार पर पुलिस ने कैदी महिपाल निवासी बस्ती, ऋषिकेश, उत्तराखंड और सलीम भोजीपुरा, यूपी के खिलाफ कैदी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
क्या दो कार्रवाइयों के बाद भी जेल में आते रहे मोबाइल
जिला जेल में इससे पहले दो बार एसटीएफ और पुलिस छापा मार चुकी है और दोनों बार मोबाइल व सिम बरामद हुए हैं। अब तीसरी बार फिर मोबाइल और सिम बरामद होने से यह स्पष्ट है कि दो बड़ी कार्रवाइयों के बाद भी जेल में मोबाइल फोन आए। पहली बार मिले मोबाइल अल्मोड़ा से ही खरीदे जाने की पुष्टि हुई थी। दूसरी बार मिले मोबाइल महिपाल ने बाहर से मंगाए थे। अब तीसरी बार मोबाइल लोकल से खरीदे गए या फिर अभी भी बाहर से जेल में मोबाइलों की सप्लाई हो रही है, यह जांच का विषय है। संवाद
बंदी रक्षकों की नाराजगी से तो नहीं हुआ खुलासा
पहली बार अल्मोड़ा जिला जेल में छापा पड़ने के बाद जेल प्रशासन की पहली कार्रवाई बंदी रक्षकों के खिलाफ की गई। फिर दूसरी बार छापा पड़ा तो बंदी रक्षकों ने एकजुट होकर जेलर का घेराव किया। तब उनका कहना था कि जेल प्रशासन की लापरवाही से सजा उन्हें मिलती है। कहा जा रहा है तीसरा छापा जेल प्रशासन ने मारा लेकिन सूत्रों का कहना है कि बंदी रक्षकों ने इसके लिए पहल की और छानबीन कर मोबाइल, सिम बरामद किये। जिसके बाद जेल प्रशासन ने कार्रवाई की। अगर बंदी रक्षक जेल की व्यवस्था से नाराज नहीं होते तो यह खुलासा होना भी संभव नहीं था।
क्या जेल में तैयार किया जा रहा है नया गिरोह
जिला जेल में पहली कार्रवाई से खुलासा हुआ था कि कलीम ने रंगदारी के लिए महिपाल की मदद से जेल के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर गिरोह तैयार किया। कलीम के दूसरी जेल में शिफ्ट होन के बाद महिपाल ने बागेश्वर से एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार हुए अंकित के साथ चरस तस्करी के लिए नया गिरोह खड़ा कर दिया। अब अंकित ने महिपाल और कलीम पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया है, लेकिन इस बार एक नया नाम सलीम, महिपाल के साथ जुड़ गया है। सलीम के साथ मिलकर क्या महिपाल नया गिरोह खड़ा कर रहा था। या सलीम पहले से ही पूरे खेल में शामिल है और अब तक जेल प्रशासन, पुलिस या एसटीएफ को इसकी भनक नहीं लग सकी थी।
जेल में अभी भी ध्वस्त नहीं हुआ अपराध का नेटवर्क
तीसरी कार्रवाई से यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या जेल में अभी भी अवैध धंधों का नेटवर्क धवस्त नहीं हुआ। हर बार जेल में मंगाए गए मोबाइलों से अलग-अलग अवैध धंधे किये गए। इस बार फिर जेल में मोबाइल मिले। और इनसे भी रंगदारी या चरस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा था या फिर कोई नया अवैध कारोबार किया जा रहा था। फिलहाल यह जांच के बाद स्पष्ट होगा।
अल्मोड़ा जिला कारागार के प्रभारी अधीक्षक जयंत पांगती ने पुलिस को एक तहरीर सौंपी है। इसके आधार पर नौ दिसंबर को जेल प्रशासन ने जेल में छापा मारा। इसमें कैदियों के पास से तीन मोबाइल, 10 सिम कार्ड और 10 डाटा केबल बरामद हुए। जेल में बंद कैदी महिपाल और सलीम के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
- पंकज भट्ट, एसएसपी अल्मोड़ा
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