न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Updated Mon, 15 Jan 2018 01:48 PM IST
देश के बड़े अस्पतालों में शुमार बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में वीआईपी आए दिन उपचार कराते हैं लेकिन कभी किसी के सेहत के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की जाती।
मगर, शनिवार को बीएचयू के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह का न्यायिक अभिरक्षा में भर्ती एक बंदी की सेहत के बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी करना परिसर में चर्चा का विषय बन गया।
अभी तक बीएचयू में होने वाली गतिविधियों की जानकारी पीआरओ के मार्फत मीडिया कर्मियों को दी जाती रही है लेकिन सेंट्रल जेल में निरुद्ध एमएलसी बृजेश सिंह के स्वास्थ्य के बारे में शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर पीआरओ ने सभी को चौंका दिया।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न आपराधिक मामलों के आरोपी बृजेश सिंह इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। अगर यह मान भी लिया जाए कि एमएलसी होने के नाते बृजेश सिंह की सेहत के बारे में जानकारी दी गई है।
अब सवाल उठता है कि अब तक यहां भर्ती होकर उपचार कराने वाले पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी या अन्य जनप्रतिनिधियों के स्वास्थ्य के संबंध में कभी विज्ञप्ति जारी क्यों नहीं की गई।
गौरतलब है कि बृजेश के भर्ती होकर उपचार कराने पर आपत्ति जताते हुए सिकरौरा नरसंहार कांड की वादिनी हीरावती के विधिक पैरोकार राकेश न्यायिक ने ट्रामा सेंटर के चिकित्सक को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। डॉ. राजेश सिंह के अनुसार ट्रॉमा सेंटर में एक जनवरी से भर्ती बृजेश सिंह के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
आर्थोपेडिक्स यूनिट में बृजेश सिंह के बाएं पैर की अंगुलियों की सर्जरी कर वायर डाला गया है। इस प्रकार की सर्जरी के घाव को ठीक होने में समय लगता है।
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी प्रो. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया है कि बृजेश सिंह को मधुमेह की बीमारी भी है और उसे नियंत्रित कर उनकी सर्जरी की गई है।
सेंट्रल जेल के बंदी बृजेश सिंह के उपचार की जानकारी विज्ञप्ति के माध्यम से देने के सवाल पर डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि एमएलसी के भर्ती होने के संबंध में कई तरह के सवाल उठ रहे थे।
इसलिए ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट किया जा रहा है कि कारागार प्रशासन के चिकित्सक के रेफर करने पर ही एमएलसी यहां भर्ती हैं और उनका उपचार जरूरी था।
देश के बड़े अस्पतालों में शुमार बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में वीआईपी आए दिन उपचार कराते हैं लेकिन कभी किसी के सेहत के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की जाती।
मगर, शनिवार को बीएचयू के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह का न्यायिक अभिरक्षा में भर्ती एक बंदी की सेहत के बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी करना परिसर में चर्चा का विषय बन गया।
अभी तक बीएचयू में होने वाली गतिविधियों की जानकारी पीआरओ के मार्फत मीडिया कर्मियों को दी जाती रही है लेकिन सेंट्रल जेल में निरुद्ध एमएलसी बृजेश सिंह के स्वास्थ्य के बारे में शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर पीआरओ ने सभी को चौंका दिया।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न आपराधिक मामलों के आरोपी बृजेश सिंह इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। अगर यह मान भी लिया जाए कि एमएलसी होने के नाते बृजेश सिंह की सेहत के बारे में जानकारी दी गई है।
अब सवाल उठता है कि अब तक यहां भर्ती होकर उपचार कराने वाले पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी या अन्य जनप्रतिनिधियों के स्वास्थ्य के संबंध में कभी विज्ञप्ति जारी क्यों नहीं की गई।
सिकरौरा नरसंहार कांड में आरोपी हैं बृजेश सिंह
बृजेश सिंह
- फोटो : File Photo
गौरतलब है कि बृजेश के भर्ती होकर उपचार कराने पर आपत्ति जताते हुए सिकरौरा नरसंहार कांड की वादिनी हीरावती के विधिक पैरोकार राकेश न्यायिक ने ट्रामा सेंटर के चिकित्सक को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। डॉ. राजेश सिंह के अनुसार ट्रॉमा सेंटर में एक जनवरी से भर्ती बृजेश सिंह के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
आर्थोपेडिक्स यूनिट में बृजेश सिंह के बाएं पैर की अंगुलियों की सर्जरी कर वायर डाला गया है। इस प्रकार की सर्जरी के घाव को ठीक होने में समय लगता है।
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी प्रो. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया है कि बृजेश सिंह को मधुमेह की बीमारी भी है और उसे नियंत्रित कर उनकी सर्जरी की गई है।
सेंट्रल जेल के बंदी बृजेश सिंह के उपचार की जानकारी विज्ञप्ति के माध्यम से देने के सवाल पर डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि एमएलसी के भर्ती होने के संबंध में कई तरह के सवाल उठ रहे थे।
इसलिए ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट किया जा रहा है कि कारागार प्रशासन के चिकित्सक के रेफर करने पर ही एमएलसी यहां भर्ती हैं और उनका उपचार जरूरी था।