पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की अस्थियां काशी में गंगा में प्रवाहित की जाएंगीं। पूर्व वित्त मंत्री के परिजन रविवार को अस्थि कलश लेकर वाराणसी पहुंचेंगे। भाजपा काशी क्षेत्र के मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बताया कि अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर परिजन पूजा पाठ करेंगे।
8 सितंबर को साढ़े 11 बजे करीब परिवार के लोग विमान से काशी पहुंचेंगे। अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त को दोपहर 12 बजे दिल्ली के एम्स में हो गया था। 25 अगस्त को दिल्ली के निगमबोध घाट में इनका अंतिम संस्कार किया गया।
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66 साल के पूर्व वित्त मंत्री जेटली को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स लाया गया था। एम्स ने 10 अगस्त के बाद से जेटली के स्वास्थ्य पर कोई बुलेटिन जारी नहीं किया था। जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था।
इस साल मई में उन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। पिछले साल 14 मई को उनका एम्स में गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था। जेटली पिछले साल अप्रैल से वित्त मंत्रालय नहीं जा रहे थे। हालांकि वह 23 अगस्त, 2018 को दोबारा अपने मंत्रालय पहुंचे थे। उनकी गैर मौजूदगी में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोलय को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
सॉफ्ट टिश्यू के कैंसर थे पीड़ित :
जनवरी 2019 पूर्व वित्त मंत्री को सारकोमा (फेफड़ा) में सॉफ्ट टिश्यू मिले थे। इसे लेकर उन्हें न्यूयार्क के डॉक्टरों की सलाह लेनी पड़ी थी। इसके बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा था। डॉक्टरों के कहने पर वे कई महीने से आइसोलेशन में रह रहे थे। बाहर आने-जाने को लेकर भी डॉक्टरों ने उन्हें खास हिदायतें दे रखी थीं। रिश्तेदारों, परिजनों और करीबियों को छोड़ बाकी लोगों से उन्होंने दूरी बनाई हुई थी।
काशी से रहा है खास रिश्ता :
बनारस से अरुण जेटली का बहुत पुराना नाता रहा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव की पूरी कमान अरुण जेटली ने संभाली थी। उस समय जनसभा की अनुमति नहीं मिलने पर तत्कालीन यूपी प्रभारी अमित शाह के साथ मालवीय प्रतिमा पर धरना देकर विरोध भी जताया था। ऐसे ही एक मामले में अरुण जेटली की रणनीति के कारण ही लोकसभा प्रत्याशी रहे नरेंद्र मोदी के स्वागत में काशी की जनता सड़कों पर उतर गई थी।
अंतिम बार विधानसभा चुनाव में आए थे पूर्व वित्त मंत्री :
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का अंतिम काशी दौरा वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में था। उस वक्त उन्होंने मलदहिया स्थित प्लाजा में व्यापारियों की बड़ी बैठक की थी। यहां प्रेसवार्ता कर भाजपा के घोषणा पत्र के बारे में बताया था। इसके अलावा व्यापारियों और उद्यमियों के अलग-अलग कार्यक्रम में शिरकत की थी।
मोरारी बापू की मौजूदगी में शव वाहिनी का किया था लोकार्पण :
28 मार्च 2015 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अस्सी घाट से जल, थल शव वाहिनी का लोकार्पण किया था। पूर्वांचल सहित अन्य शहरों से मोक्ष प्राप्ति के लिए आने वाले लोगों को दुश्वारियों से बचाने के लिए यह पहल की गई थी। उस दौरान रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू मौजूद थे।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की अस्थियां काशी में गंगा में प्रवाहित की जाएंगीं। पूर्व वित्त मंत्री के परिजन रविवार को अस्थि कलश लेकर वाराणसी पहुंचेंगे। भाजपा काशी क्षेत्र के मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बताया कि अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर परिजन पूजा पाठ करेंगे।
8 सितंबर को साढ़े 11 बजे करीब परिवार के लोग विमान से काशी पहुंचेंगे। अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त को दोपहर 12 बजे दिल्ली के एम्स में हो गया था। 25 अगस्त को दिल्ली के निगमबोध घाट में इनका अंतिम संस्कार किया गया।
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66 साल के पूर्व वित्त मंत्री जेटली को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स लाया गया था। एम्स ने 10 अगस्त के बाद से जेटली के स्वास्थ्य पर कोई बुलेटिन जारी नहीं किया था। जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था।