पंद्रह साल पहले गंजमुरादाबाद ब्लाक क्षेत्र के स्कूलों में हुआ 49 लाख के रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच लखनऊ पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को शुरू कर दी। नहर निरीक्षण भवन में टीम ने पुराने अभिलेख खंगाले।
वर्ष 2009 में जिले में सरकारी और प्राईवेट स्कूलों में छात्रवृति में 49 लाख का घोटाला हुआ था। जालसाजों ने स्कूलों में फर्जी छात्रों के नाम लिखकर वजीफा डकार लिया। इतना ही नहीं, जांच में पाया गया कि कई स्कूलों में छात्रों के नाम भी एक ही है।
एक ही छात्र के नाम पर एक से अधिक स्कूलों में छात्रवृत्ति वितरण दर्शा कर जालसाजों का रैकेट रकम डकार गया। बुधवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने नहर निरीक्षण भवन में गंजमुरादाबाद ब्लाक के स्कूलों के प्रधानाचार्यों को बुलाकर उनके बयान दर्ज करने के साथ ही अभिलेख जांचे। ईओडब्ल्यू की टीम को इस ब्लाक के करीब दो सैकड़ा स्कूलों की जांच करनी है।
पहले दिन 35 स्कूलों के जांच हो पाई है। सूत्रों के अनुसार, 35 में से 23 में फर्जीवाड़ा सामने आया है। टीम लीडर एसआई अशोक सिंह ने बताया कि जांच एक सप्ताह चलेगी। इसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय को भेजकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी कराई जाएगी। जांच टीम में एसआई विजय कुमार मिश्रा, रामनाथ भी शामिल हैं।
पंद्रह साल पहले गंजमुरादाबाद ब्लाक क्षेत्र के स्कूलों में हुआ 49 लाख के रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच लखनऊ पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को शुरू कर दी। नहर निरीक्षण भवन में टीम ने पुराने अभिलेख खंगाले।
वर्ष 2009 में जिले में सरकारी और प्राईवेट स्कूलों में छात्रवृति में 49 लाख का घोटाला हुआ था। जालसाजों ने स्कूलों में फर्जी छात्रों के नाम लिखकर वजीफा डकार लिया। इतना ही नहीं, जांच में पाया गया कि कई स्कूलों में छात्रों के नाम भी एक ही है।
एक ही छात्र के नाम पर एक से अधिक स्कूलों में छात्रवृत्ति वितरण दर्शा कर जालसाजों का रैकेट रकम डकार गया। बुधवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने नहर निरीक्षण भवन में गंजमुरादाबाद ब्लाक के स्कूलों के प्रधानाचार्यों को बुलाकर उनके बयान दर्ज करने के साथ ही अभिलेख जांचे। ईओडब्ल्यू की टीम को इस ब्लाक के करीब दो सैकड़ा स्कूलों की जांच करनी है।
पहले दिन 35 स्कूलों के जांच हो पाई है। सूत्रों के अनुसार, 35 में से 23 में फर्जीवाड़ा सामने आया है। टीम लीडर एसआई अशोक सिंह ने बताया कि जांच एक सप्ताह चलेगी। इसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय को भेजकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी कराई जाएगी। जांच टीम में एसआई विजय कुमार मिश्रा, रामनाथ भी शामिल हैं।