सुल्तानपुर। जिले की बेटियों ने अपनी लगन व मेहनत के दम पर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। समाज सेवा, खेल से लेकर सांस्कृतिक क्षेत्र तक में उनका दबदबा है। शिक्षा में बालिकाएं हर वर्ष बालकों को पीछे छोड़ती जा रही हैं। सरकारी सेवाओं में भी वे अपना स्थान बना रही हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर कुछ बालिकाओं ने अपनी उपलब्धियां व अनुभव साझा किए।
निष्ठा ने गायन में बनाया मुकाम
निराला नगर निवासी जयप्रकाश शर्मा की बेटी निष्ठा की बचपन से ही संगीत में रुचि रही। निष्ठा ने संगीत के क्षेत्र को ही कॅरिअर के रूप में चुना। माता-पिता की प्रेरणा व अपनी मेहनत से निष्ठा शर्मा ने कम समय में ही द वाइस इंडिया किड्स की विजेता बनकर अपनी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम कर ली। इसके बाद निष्ठा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। निष्ठा शर्मा ने गायन के क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त किया। उन्हें रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार, सुपर स्टार सिंगर सोनी टीवी फाइनलिस्ट, मुंबई के जुनून व मणिकर्णिका अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
हॉकी मेें हासिल किया गोल्ड मेडल
विवेकनगर निवासी राधेकृष्ण तिवारी की पुत्री सोनल तिवारी ने हॉकी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके जिले का मान बढ़ाया है। सबसे पहले उन्होंने गोरखपुर स्पोर्ट्स हॉस्टल में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद केडी सिंह बाबू महिला छात्रावास में रहकर अपना प्रशिक्षण जारी रखा। लगन व मेहनत का नतीजा रहा कि सोनल को वर्ष 2019 में भुवनेश्वर में हुई आल इंडिया यूनिवर्सिटी हॉकी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला। मौजूदा समय में वे इंफाल सांई सेंटर मणिपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। आगामी 15 फरवरी से आंध्र प्रदेश में होने वाली सीनियर महिला नेशनल हॉकी चैंपियनशिप के लिए उनका चयन यूपी टीम से हुआ है।
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छह वर्ष की उम्र में गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम
शास्त्रीनगर निवासी आशीष श्रीवास्तव की करीब 11 वर्षीय पुत्री अनन्या नृत्य के क्षेत्र में छोटी सी उम्र में ही अपना लोहा मनवाया है। अनन्या ने मात्र छह वर्ष की उम्र में ही 24 मिनट में 2306 कथक चक्कर लगाते हुए गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। इसके बाद अनन्या के नाम एक के बाद एक उपलब्धि जुड़ती जा रही है। 98.3 एफएम रेडियो के नृत्य कार्यक्रम में वाराणसी में विनर रही। एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत केंद्रीय विद्यालय की ओर से दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम की भी विजेता रही। अनन्या की प्रतिभा को देखते हुए भारत-भारती ने लोक मणि रत्न से सम्मानित किया है।
पर्यावरण के क्षेत्र में बनाया मुकाम
दूबेपुर क्षेत्र के उतुरी खुशियालपुर गांव निवासी राम सजीवन की पुत्री मनीषा का रुझान बचपन से ही प्रकृति की तरफ रहा। बचपन में मां से प्रेरित होकर राम चरित मानस का पाठ शुरू किया। प्रयागराज विश्वविद्यालय में संगीत से एमए की पढ़ाई के साथ वे राम चरित मानस का पाठ करने लगीं। मनीषा ने पर्यावरण के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करते हुए पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। साथ ही बड़ी संख्या में पौधरोपण कराया। कोविड काल में समाज सेवा करते हुए मास्क व भोजन का वितरण किया। आज वे अपने क्षेत्र में समाज सेवा की पहचान बन चुकी हैं।