संतकबीरनगर। जिले के 246 भूमिहीनों को राजस्व प्रशासन ने कृषि एवं आवासीय भूमि का पट्टा दिया है। इतना ही नहीं मिट्टी के बर्तनों के मिट रहे अस्तित्व को जीवित रखने के लिए 14 कुम्हारों को भी जमीन आवंटित किया गया।
वित्तीय वर्ष 2012-13 में मेंहदावल, खलीलाबाद और धनघटा तहसीलों के 96 व्यक्तियों को कृषि के लिए 21.133 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। जिसमें अनुसूचित जाति के 79 भूमिहीन व्यक्तियों में 19.291 हेक्टेयर तथा पिछड़ी जाति के 17 व्यक्तियाें में 1.842 हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया गया है। इसी तरह 150 व्यक्तियों को आवास बनाने के लिए 1.171 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। अनुसूचित जाति के 107 और पिछड़ी जाति के 43 व्यक्ति शामिल हैं। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 75 व्यक्तियों में 75 तालाबों का आवंटन किया गया है। इन तालाबों का क्षेत्रफल 42.641 हेक्टेयर है। मिट्टी न मिल पाने और प्लास्टिक के बढ़ते चलन से मिट्टी के बर्तनों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। कुम्हारों की मांग को देखते हुए प्रशासन ने गंभीर पहल की है। जनपद के 14 कुम्हारों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 0.528 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। एडीएम भोला नाथ मिश्र ने कहा कि शासन की मंशा है कि भूमिहीन गरीबों को आवास एवं कृषि के लिए भूमि आवंटित की जाए। इसी तरह मिट्टी के बर्तन के चलन को बढ़ावा देने के लिए कुम्हारों को बंजर भूमि से जमीन आवंटित की जाए। उसी क्रम में जनपद के 246 व्यक्तियों को आवासीय एवं कृषि योग्य जमीन आवंटित की गई है। 14 कुम्हारों को भी मिटटी के बर्तन बनाने के लिए जमीन का पट्टा दिया गया है। अवैध कब्जों की यदि शिकायत आए तो उसे तत्काल हटवाने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं।
संतकबीरनगर। जिले के 246 भूमिहीनों को राजस्व प्रशासन ने कृषि एवं आवासीय भूमि का पट्टा दिया है। इतना ही नहीं मिट्टी के बर्तनों के मिट रहे अस्तित्व को जीवित रखने के लिए 14 कुम्हारों को भी जमीन आवंटित किया गया।
वित्तीय वर्ष 2012-13 में मेंहदावल, खलीलाबाद और धनघटा तहसीलों के 96 व्यक्तियों को कृषि के लिए 21.133 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। जिसमें अनुसूचित जाति के 79 भूमिहीन व्यक्तियों में 19.291 हेक्टेयर तथा पिछड़ी जाति के 17 व्यक्तियाें में 1.842 हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया गया है। इसी तरह 150 व्यक्तियों को आवास बनाने के लिए 1.171 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। अनुसूचित जाति के 107 और पिछड़ी जाति के 43 व्यक्ति शामिल हैं। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 75 व्यक्तियों में 75 तालाबों का आवंटन किया गया है। इन तालाबों का क्षेत्रफल 42.641 हेक्टेयर है। मिट्टी न मिल पाने और प्लास्टिक के बढ़ते चलन से मिट्टी के बर्तनों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। कुम्हारों की मांग को देखते हुए प्रशासन ने गंभीर पहल की है। जनपद के 14 कुम्हारों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 0.528 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। एडीएम भोला नाथ मिश्र ने कहा कि शासन की मंशा है कि भूमिहीन गरीबों को आवास एवं कृषि के लिए भूमि आवंटित की जाए। इसी तरह मिट्टी के बर्तन के चलन को बढ़ावा देने के लिए कुम्हारों को बंजर भूमि से जमीन आवंटित की जाए। उसी क्रम में जनपद के 246 व्यक्तियों को आवासीय एवं कृषि योग्य जमीन आवंटित की गई है। 14 कुम्हारों को भी मिटटी के बर्तन बनाने के लिए जमीन का पट्टा दिया गया है। अवैध कब्जों की यदि शिकायत आए तो उसे तत्काल हटवाने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं।