रामपुर। केंद्र सरकार की कुसुम कंपोनेंट योजना अब किसानों की सिंचाई की समस्या को दूर करेगी। जिसमें बिजली गुल होने पर किसानों की फसलों की सिंचाई प्रभावित नहीं होगी। योजना में नलकूपों के बिजली फीडर को सोलर प्लांट से जोड़ा जाएगा और बिजली गुल होने पर सौर उर्जा बिजली की लाइनों में प्रवाहित होगी। जिससे नलकूपों का संचालन किया जा सकेगा।
बिलासपुर का गोदी फीडर होगा सोलर प्लांट से कनेक्ट, छह हजार नलकूपों को जोड़ा जाएगा -
बिलासपुर का गोदी बिजलीघर का फीडर कुसुम कंपोनेंट योजना के तहत चिह्नित किया गया है। योजना के तहत गोदी बिजलीघर के पांच किलोमीटर के दायरे में किसानों से जमीन ली जाएगी। आठ एकड़ जमीन में बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें जमीन की कीमत या अनुबंध शामिल नहीं है। करीब दो मेगावाट के इस सोलर पार्क (सोलर प्लांट) से नलकूपों की बिजली लाइनों को ऊर्जीकृत किया जाएगा। इससे किसानों को लाभ यह होगा कि यदि बिजली नहीं आती है, तो भी किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर सकेंगे। यह प्रोजेक्ट पूरा होने से बिलासपुर क्षेत्र के करीब छह हजार नलकूपों को लाभ होगा, जिससे किसानों को सुविधा होगी।
नेडा विभाग को जमीन बेच या फिर लीज पर दे सकेंगे किसान -
सोलर पार्क स्थापित करने के लिए नेडा विभाग को करीब आठ एकड़ जमीन की जरूरत होगी। यह जमीन विभाग किसानों से ही लेगा लेकिन, जमीन उन किसानों की होगी जो बिजलीघर के पांच किलोमीटर के दायरे में आते हैं। इसमें यह भी छूट दी गई है कि किसान अपनी जमीन के रेट तय कर विभाग में आवेदन कर सकते हैं। किसानों के लिए सर्किल रेट की भी बाध्यता नहीं है। यदि किसान जमीन बेचना नहीं चाहते, तो विभाग 25 सालों के लिए लीज पर जमीन ले लेगा। इसका रेट भी किसान अपने अनुसार ही तय सकते हैं। किसानों को आवेदन करने के लिए नेडा विभाग से एक प्रोफार्मा प्राप्त करना होगा। जिसे भरने के बाद विभाग में जमा करा दिया जाएगा। इसी प्रोफार्मा में किसानों को अपनी जमीन का मूल्य या फिर किराया बताना होगा। विभागीय अफसरों की माने तो यदि किसी एक किसान के पास इतनी जमीन नहीं है, तो आसपास के कई किसान मिलकर भी आवेदन कर सकते हैं।
जिले में सोलर पार्क के लिए बिलासपुर का गोदी बिजलीघर चिह्नित किया गया है। जमीन मिलते ही पार्क को बनाने का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इसमें किसान अपनी जमीन बेचने या फिर लीज पर देने के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रोजेक्ट की लागत 12 करोड़ रुपये होगी। जमीन, सोलर पैनल आदि का काम विभाग को ही करना होगा। -संजय, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, रामपुर।
रामपुर। केंद्र सरकार की कुसुम कंपोनेंट योजना अब किसानों की सिंचाई की समस्या को दूर करेगी। जिसमें बिजली गुल होने पर किसानों की फसलों की सिंचाई प्रभावित नहीं होगी। योजना में नलकूपों के बिजली फीडर को सोलर प्लांट से जोड़ा जाएगा और बिजली गुल होने पर सौर उर्जा बिजली की लाइनों में प्रवाहित होगी। जिससे नलकूपों का संचालन किया जा सकेगा।
बिलासपुर का गोदी फीडर होगा सोलर प्लांट से कनेक्ट, छह हजार नलकूपों को जोड़ा जाएगा -
बिलासपुर का गोदी बिजलीघर का फीडर कुसुम कंपोनेंट योजना के तहत चिह्नित किया गया है। योजना के तहत गोदी बिजलीघर के पांच किलोमीटर के दायरे में किसानों से जमीन ली जाएगी। आठ एकड़ जमीन में बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें जमीन की कीमत या अनुबंध शामिल नहीं है। करीब दो मेगावाट के इस सोलर पार्क (सोलर प्लांट) से नलकूपों की बिजली लाइनों को ऊर्जीकृत किया जाएगा। इससे किसानों को लाभ यह होगा कि यदि बिजली नहीं आती है, तो भी किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर सकेंगे। यह प्रोजेक्ट पूरा होने से बिलासपुर क्षेत्र के करीब छह हजार नलकूपों को लाभ होगा, जिससे किसानों को सुविधा होगी।
नेडा विभाग को जमीन बेच या फिर लीज पर दे सकेंगे किसान -
सोलर पार्क स्थापित करने के लिए नेडा विभाग को करीब आठ एकड़ जमीन की जरूरत होगी। यह जमीन विभाग किसानों से ही लेगा लेकिन, जमीन उन किसानों की होगी जो बिजलीघर के पांच किलोमीटर के दायरे में आते हैं। इसमें यह भी छूट दी गई है कि किसान अपनी जमीन के रेट तय कर विभाग में आवेदन कर सकते हैं। किसानों के लिए सर्किल रेट की भी बाध्यता नहीं है। यदि किसान जमीन बेचना नहीं चाहते, तो विभाग 25 सालों के लिए लीज पर जमीन ले लेगा। इसका रेट भी किसान अपने अनुसार ही तय सकते हैं। किसानों को आवेदन करने के लिए नेडा विभाग से एक प्रोफार्मा प्राप्त करना होगा। जिसे भरने के बाद विभाग में जमा करा दिया जाएगा। इसी प्रोफार्मा में किसानों को अपनी जमीन का मूल्य या फिर किराया बताना होगा। विभागीय अफसरों की माने तो यदि किसी एक किसान के पास इतनी जमीन नहीं है, तो आसपास के कई किसान मिलकर भी आवेदन कर सकते हैं।
जिले में सोलर पार्क के लिए बिलासपुर का गोदी बिजलीघर चिह्नित किया गया है। जमीन मिलते ही पार्क को बनाने का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इसमें किसान अपनी जमीन बेचने या फिर लीज पर देने के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रोजेक्ट की लागत 12 करोड़ रुपये होगी। जमीन, सोलर पैनल आदि का काम विभाग को ही करना होगा। -संजय, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, रामपुर।