102 परीक्षा केंद्रों में शुरू हुई यूपी बोर्ड की परीक्षा
- पहले दिन हाईस्कूल के 2839 और इंटर के 772 ने छोड़ा एग्जाम
- पंजीकृत 72735 परीक्षार्थियों में 69124 बच्चों ने दिया हिंदी का इम्तेहान
- उच्चाधिकारियों समेत जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट ने किया निरीक्षण
रायबरेली। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई। पहले ही दिन दोनों पालियों में हिंदी का प्रश्नपत्र होने के कारण सभी परीक्षार्थियों का शामिल होना था, लेकिन दोनों पालियों में चाक-चौबंद व्यवस्था और सख्त पहरे को देखते हुए 3611 परीक्षार्थी एग्जाम देने नहीं पहुंचे।
जिले के आला अफसरों के साथ ही सभी सात जोनल मजिस्ट्रेट, 20 सेक्टर मजिस्ट्रेट, सचल दलों ने फर्राटा भरा और परीक्षा केंद्रों में निरीक्षण किया। वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों के जरिए कंट्रोल रूम में ऑनलाइन निगरानी की गई। प्रथम दिवस की परीक्षा में पहली पाली में हाईस्कूल के 41084 पंजीकृत परीक्षार्थियों में 38245 परीक्षार्थी उपस्थित रहे, 2839 नहीं आए।
दूसरी पाली में इंटर के पंजीकृत 31651 परीक्षार्थियों में 772 परीक्षार्थियों ने एग्जाम नहीं दिया। परीक्षा में 30879 परीक्षार्थी शामिल हुए। डीएम शुभ्रा सक्सेना ने ऑनलाइन मॉनीटरिंग की तो वहीं एसपी स्वप्निल ममगाई ने कई परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। राज्य स्तरीय सचल दस्ते के अलावा जिला स्तरीय उड़ाका दल ने भी जांच की।
कहीं कोई नकलची ढूंढे नहीं मिला। पहले दिन की परीक्षा शांतिपूर्वक ढंग से निपट जाने से अफसरों ने राहत की सांस ली। कक्ष निरीक्षकों की कमी को लेकर जताई जा रही आशंका पर भी विराम लगा, क्योंकि किसी सेंटर से ऐसी कोई सूचना नहीं आई। बछरावां क्षेत्र के एसआरडीटी इंटर कॉलेज सेहगों में पहली पाली में परीक्षार्थियों के जूते-मोजे उतरवाए जाने की सूचना से हड़कंप मचा रहा।
शिकायत मिलने पर तुरंत परीक्षा केंद्र को निर्देश दिया कि ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे परीक्षार्थी तनाव में आए। ऐसा करने वाले परीक्षा केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही परीक्षार्थियों को पांच मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया। सलोन क्षेत्र के ज्योति पब्लिक स्कूल इंटर कॉलेज में एक दिव्यांग छात्रा ने श्रुति लेखक की मांग की, लेकिन मानकों को देखते हुए उसे श्रुति लेखक दिया जाना उचित नहीं था।
इस समस्या को देखते हुए अफसरों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जब छात्रा अपने हाथ से खुद लिख सकती है तो श्रुति लेखक देना उचित नहीं है। दिव्यांग होने के नाते छात्रा को एक घंटे का अतिरिक्त समय जरूर दिया गया।
परीक्षा केंद्रों पर वित्तविहीन शिक्षकों का असहयोग परिलक्षित हुआ, लेकिन बेसिक शिक्षा से समन्वयक स्थापित करते हुए मदद ली गई। इससे किसी केंद्र पर कक्ष निरीक्षक की कोई कमी नजर नहीं आई। हर परीक्षा केंद्र की मॉनीटरिंग के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था रही। पहले दिन की परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराई गई।-डॉ. चंद्रशेखर मालवीय, डीआईओएस।
यूपी बोर्ड एग्जाम को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए। इसीलिए सभी परीक्षा केंद्रों में बराबर निरीक्षण किए जाते रहे। जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने दोनों पालियों में लगातार मुआयना किया। मॉनीटरिंग सेल से भी निगरानी होती रही। कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। हर जगह शांति व्यवस्था बनी रही और नकलविहीन परीक्षा कराई गई। -राम अभिलाष, एडीएम प्रशासन।