रायबरेली। अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने बुधवार को हरतालिका तीज व्रत रखा। शहर से लेकर गांव तक महिलाओं ने पति के दीर्घायु के लिए पूरे दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं किया।
वहीं शाम होते ही शिव मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और पति के दीर्घायु होने और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए हरतालिका तीज व्रत का विशेष महत्व है। इसमें महिलाओं को दिनभर कुछ भी खाना और पीना नहीं रहता है।
इस दौरान महिलाओं ने पूजा अर्चना के साथ ही हरिचर्चा, भजन, कीर्तन किया। दिनभर निर्जला व्रत रखकर महिलाओं ने पतियों के दीर्घायु की कामना की।
देर शाम सुहागिनों ने शिव, गणेश व पार्वती की पूजा अर्चना करने के बाद मन्नत मांगी। किसी ने शिव मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन किया तो किसी ने घर में ही शिव पार्वती व गणेश की मिट्टी की मूर्तियां रखकर पूजन अर्चन किया।
पूजन अर्चन को लेकर हर घर में चहल पहल रही। गुरुवार की सुबह शिव, पार्वती व गणेश की मूर्तियों को गंगा, तालाबों व अन्य स्थानों पर पानी में विसर्जन के बाद ही महिलाएं व्रत तोड़ेंगी। उधर, डलमऊ प्रतिनिधि के मुताबिक महिलाओं ने गंगा में स्नान करके मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और गंगा जल चढ़ाया।
रायबरेली। अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने बुधवार को हरतालिका तीज व्रत रखा। शहर से लेकर गांव तक महिलाओं ने पति के दीर्घायु के लिए पूरे दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं किया।
वहीं शाम होते ही शिव मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और पति के दीर्घायु होने और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए हरतालिका तीज व्रत का विशेष महत्व है। इसमें महिलाओं को दिनभर कुछ भी खाना और पीना नहीं रहता है।
इस दौरान महिलाओं ने पूजा अर्चना के साथ ही हरिचर्चा, भजन, कीर्तन किया। दिनभर निर्जला व्रत रखकर महिलाओं ने पतियों के दीर्घायु की कामना की।
देर शाम सुहागिनों ने शिव, गणेश व पार्वती की पूजा अर्चना करने के बाद मन्नत मांगी। किसी ने शिव मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन किया तो किसी ने घर में ही शिव पार्वती व गणेश की मिट्टी की मूर्तियां रखकर पूजन अर्चन किया।
पूजन अर्चन को लेकर हर घर में चहल पहल रही। गुरुवार की सुबह शिव, पार्वती व गणेश की मूर्तियों को गंगा, तालाबों व अन्य स्थानों पर पानी में विसर्जन के बाद ही महिलाएं व्रत तोड़ेंगी। उधर, डलमऊ प्रतिनिधि के मुताबिक महिलाओं ने गंगा में स्नान करके मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और गंगा जल चढ़ाया।