मुरादाबाद। घोटाले दर घोटाले। गरीबों के कल्याण को शुरू की गईं योजनाओं में बड़े ‘खेल’ का खुलासा हो रहा है। कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना की जांच कैग की टीम कर रही है। इंदिरा आवास योजना में भी गड़बड़ियां मिल चुकी हैं। महामाया योजना का सात लाख रुपया भी बैंक से निकाल लिया। पेंशन योजना में भी तमाम अपात्र मिल चुके हैं। इनकी पेंशन निरस्त करके इनके स्थान पर पात्र लोगों का चयन किया जा रहा है।
मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना: इस योजना के पहले चरण में 1500 आवास बनाए गए थे। दूसरे चरण में 2260 मकानों का निर्माण कराया गया। इनमें से 1390 का आवंटन कर दिया गया है जबकि 860 लोग अभी मकान का इंतजार कर रहे हैं। इस योजना में भी गड़बड़ियों की शिकायतों पर कैग की टीम जांच कर रही है।
मनरेगा योजना: प्रधानों ने अपने रिश्तेदारों तक के जॉब कार्ड बना दिए हैं। तीस बीघा के किसानों के पास भी यह कार्ड हैं। मार्च में इस प्रकार की शिकायतें गूंजी थीं। अब फिर शासन से प्रशासन तक मामले पहुंचने लगे हैं। प्रमुख सचिव ने इस योजना की जांच के आदेश कर दिए हैं। खंड विकास अधिकारियों को लगाया जा रहा है।
पेंशन स्कीम: विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन में भी सैकड़ों अपात्र मिल चुके हैं। सुहागिनों को विधवा पेंशन बांट दी गई। इतना ही नहीं जिनके बच्चे सरकारी नौकरी पर थे उन्होंने भी पेंशन हासिल कर ली थी। अब सत्यापन के बाद इनकी पेंशन निरस्त करके इनके स्थान पर पात्र लोगों का चयन किया जा रहा है।
महामाया योजना: इस योजना में तो कई दफा घोटाले हो चुके हैं। खुद विभागीय अफसर ने ही खाता खाली कर दिया था। अब एक बैंक से पूरे सात लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। समाज कल्याण अधिकारी को फर्जी आदेश बनाकर गोलमाल किया गया है। इस पैसे से तमाम गरीबों को लाभान्वित किया जा सकता था।