मुरादाबाद। अपने महानगर में अब ईपीसीएच के रिसोर्स कम फैसिलेशन सेंटर की नींव पड़ गई है। इस सेंटर का मतलब होगा एक्सपोर्ट की ऊंची उड़ान। बायर क्या चाहता है?...कौन से डिजाइन बेहतर होंगे...किस देश में किस आइटम की डिमांड है?..ऋण कैसे मिल सकता है? ऐसी तमाम जानकारियों से लैस किया जाएगा इस सेंटर को। टेक्सटाइल सचिव किरन धींगरा ने बुधवार को दिनभर यहां रहकर एक्सपोर्ट प्रमोशन के कई प्रोजेक्टों को परवान चढ़ाया। चार मेगा कलस्टर का उद्घाटन करने के साथ ही रिसोर्स सेंटर का शिलान्यास किया। एमएचएससी का निरीक्षण किया, आर्टीजन से मिलीं और निर्यातकों से गुफ्तगू भी हुई। कुल मिलाकर निर्यात कारोबारियों के लिए कई सपने दे गया बुधवार।
कपड़ा सचिव किरन धींगरा, डीसी हैंडीक्राफ्ट एसएस गुप्ता और ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार, ईपीसीएच अध्यक्ष अरविंद वढेरा के साथ निर्यातकों की टीम सबसे पहले दिल्ली संभल रोड बाईपास स्थित रॉ मैटेरियल बैंक पहुंची। यहां सचिव ने रॉ मैटेरियल बैंक का उद्घाटन किया। इसके बाद केेंद्र सरकार की पूरी टीम मुरादाबाद डिजाईन एंड कंसलटिंग सेंटर पहुंची। यहां भी सेंटर का उद्घाटन किया। साथ ही सचिव ने आर्टीजन हित में कई ठोस सवाल सेंटर के प्रबंधक से पूछे। बाद में सभी एम एच इंपेक्स का भ्रमण किया। यहां पूरी टीम निर्यात होने वाली चीजों के निर्माण की प्रक्रिया से वाकिफ हुई। इसके बाद वे एमएचएसी के कामन फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया साथ ही एमएचएसी का कपड़ा सचिव व डीसी हैंडीक्राफ्ट और ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक ने निरीक्षण किया। इसके बाद केंद्र सरकार की यह टीम गंगा फाउंडेशन पहुंची। मेगा कलस्टर योजना (सीएचसीडी) के तहत स्थापित किए गए अत्याधुनिक वुड सिजलिंग मैन्यूफैक्चरिंग सेंटर का यहां उद्घाटन किया गया। इसके बाद सभी नया मुरादाबाद स्थित ईपीसएच के रिसोर्स सेंटर पहुंचे। यहां कपड़ा सचिव ने रिसोर्स सेंटर की आधारशिला रखीं। इस मौके पर ईपीसीएच के पूर्व चेयरमैन केएल कात्याल, नजमुल इस्लाम अनुपशंखधर आदि भी मौजूद रहे।
क्या है मेगा कलस्टर-
निर्यात को बढ़ावा देने और दस्तकारों की बेहतरी के लिए सरकार की ओर से मेगा कलस्टर स्थापित किए जाने की योजना बीते दो वर्ष चल रहा है। इस योजना के तहत मेटल के उत्पादों से जुड़ी अत्याधुनिक मशीनें, रॉ मैटेरियल बैंक और डिजाइन तथा ट्रेनिंग सेंटर की यूनिटें अलग-अलग स्थापित की जा रही हैं। दरअसल अब तक सरकार की ओर से दस्तकारों व निर्यात के कारोबार के बढ़ावे को लेकर ठोस पहल बुनियादी स्तर पर नहीं की गई थी। लिहाजा चीन को निर्यात के मामले में पीतल नगरी के निर्यातक टक्कर नहीं दे पा रहे थे। इस समस्या से निर्यातकों को उबारने के लिए केंद्र ने मेगा कलस्टर के तहत निर्यातकों और दस्तकारों के उत्थान की योजना लागू की। योजना के मुताबिक डिजाइन व ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। जहां नए डिजाइन तैयार होंगे। साथ ही दस्तकारों को नई तकनीकी से अवगत और प्रशिक्षण दिये जाएंगे। सैकड़ों की संख्या में उत्पादों को तैयार करने वाली अत्याधुनिक मशीनें भी होंगी। इसके अलावा चंद मिनटों में पालिश और निकिल की अत्याधुनिक मशीन स्थापित होंगी। इस तरह से कुल सात यूनिटें वर्तमान में स्थापित होनी है।
क्या है ईपीसीएच का रिसोर्स सेंटर-
ईपीसीएच हस्तशिल्प समूह विकास योजना के तहत ‘अत्याधुनिक संसाधन सह सुविधा केंद्र’ की नींव पड़ी। इस केंद्र का निर्माण 1548 वर्ग मीटर में नया मुरादाबाद में किया जाएगा। जहां सम्मेलन कक्ष, डिस्प्ले सेंटर, लाइब्रेरी, वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा व प्रशासकीय भवन शामिल होंगे। यहां ईपीसीएच विशेषज्ञों की मदद से निर्यातकों और दस्तकारों को व्यापार सुविधा संबंधी जानकारी, विपणन सूचना, विदेशी बाजार, ट्रेेंड, पुस्तकें, पत्रिकाएं सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा ईपीसीएच के कर्मी अंतरराष्ट्रीय बाजार की रुचि और आवश्यकताओं से लोगों को अवगत कराएगा। ऋण उपलब्धता की भी जानकारी दी जाएगी। साथ ही निर्यात के कारोबार से जुड़े दस्तावेजाें की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
आर्टीजनों की समस्याएं सुनी-
एमएचएससी में आर्टीजन सोसायटी के अध्यक्षों की ओर से दस्तकारों की समस्याएं कपड़ा सचिव के समक्ष रखी गई। आर्टीजन के नुमाइंदे विशेष कर क्रेडिट कार्ड और स्वास्थ्य कार्ड तथा कारीगरों के बच्चों की शिक्षा की मांग की। इसके अलावा हैंडीक्राफ्ट मार्केटिंग एंड सर्विस एक्सटेंशन सेंटर शहर में खोले जाने की भी मांग की गई। इस पर डीसी हैंडीक्राफ्ट ने विस्तार से सभी मांगों की मौजूदा स्थिति से वाकिफ कराया। इस पर सचिव ने आर्टीजनों की मांगों को आवश्यकता के मुताबिक पूरा करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर ब्रास आर्टिजन सोसायटी के एस गानिम मियां, जाहिद मंसूरी, आजम अंसारी नोमान मंसूरी आदि भी मौजूद रहे।
आमदनी भले ही कम है पर दिल आपका बहुत बड़ा है-
आमदनी भले ही आपकी छोटी है। पर आपका दिल तो उस आमदनी की तुलना में कई गुणा बड़ा है। हम इस बात का सम्मान करते हैं। आपका यह असीम प्यार हमारे लिए बहुत बड़ा गिफ्ट है। इससे बड़ी सौगात मेरे लिए कोई और नहीं हो सकता। यह बातें कपड़ा सचिव धिंगरा ने एक आर्टीजन से कही। आर्टीजन उन्हें अपने हाथों से निर्मित हस्तशिल्प का एक उत्पाद भेंट करना चाहता था। सचिव के इस प्यार भरे शब्द सुन आर्टीजन गदगद हो गया।