यूपी डेस्क, अमर उजाला, सहारनपुर
Updated Thu, 04 Oct 2018 07:44 PM IST
खाकी की वर्दी पर लगे दाग मिटने की बजाय और गहरे होते जा रहे हैं। क्योंकि यूपी पुलिस सुधरने की बजाय और नए- नए कारनामे करती दिख रही है। ताजा मामला सहारनपुर का है। जहां सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दरोगा कहते दिख रहे हैं कि 'दूसरे इंस्पेक्टर दस हजार में काम करते हैं, मैं आधे में कर दूंगा'।
सोशल मीडिया पर बड़गांव के एक इंस्पेक्टर का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इंस्पेक्टर दो हजार रुपये की रिश्वत लेकर जेब में रखता हुआ नजर आ रहा है और दो हजार रुपये देने वाला व्यक्ति तीन हजार रुपये बाद में देने की बात कह रहा है।
इंस्पेक्टर ने वीडियो में कहा...
... और इंस्पेक्टर दस हजार रुपये में काम करते हैं... मैं आधे में ही कर दूंगा और मुकदमे में भी बचाऊंगा... काम भी पूरा करूंगा... मैं इस प्रकार का इंस्पेक्टर हूं... कोशिश करता हूं मुकदमों से बचूं... प्रधान जी जानते हैं कि मैं कैसे काम करता हूं।
जारी वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जेब में रुपये रखते हुए इंस्पेक्टर एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कह रहा है कि देखो ये प्रधान जी अच्छी तरह से जानते हैं कि वह कैसा इंस्पेक्टर है, पीछे से आवाज आ रही है कि पैसे लेकर इंस्पेक्टर फाइनल करके ही छोड़ते हैं। एक दरोगा का नाम लेते हुए कहा जा रहा है कि एक दरोगा उनसे दस हजार रुपये लेकर चला गया। वह उनके घर तक नहीं गया। इस पर इंस्पेक्टर बोलते हैं कि वह तो बिना पैसे लिए ही तीन बार उसके घर तक गया है। फिर कहा जाता है कि एक साल से मामला चल रहा है। दस हजार रुपये एक दरोगा को दिए गए थे। लेकिन कोई काम नहीं हुआ है। लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि उनका काम इंस्पेक्टर साहब कर देंगे।
हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कितनी सच्चाई है यह तो पुलिस जांच से ही पता चल सकेगा। अमर उजाला इसकी सच्चाई का दावा भी नहीं कर रहा है। हालांकि यह वीडियो कुछ दिन पुराना बताया जा रहा है। जिसमें एक प्रधान का नाम भी बार-बार बोला जा रहा है। वायरल हो रहे इस वीडियो में एक बार फिर पुलिस की छवि को बट्टा लगता नजर आ रहा हैं।
वायरल हो रहे वीडियो की होगी जांच
एसएसपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल का कहना है कि वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता की जांच कराई जाएगी। यह पता चल रहा है कि आरोपी फिलहाल इस जिले में तैनात नहीं है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
वीडियो की सच्चाई के बाद ही होती है कार्रवाई
वीडियो पब्लिक द्वारा बनाया गया है तो उसकी सत्यता की जांच कराई जाती है। कई मामलों में वीडियो से छेड़छाड़ कर तब्दीली के भी पाए गए हैं। जो वीडियो किसी पुलिसकर्मी द्वारा बनाया जाता है, उसे अनुशासनहीनता मानी जाती है। हालांकि आरोपों की जांच अवश्य की जाती है। उसके बाद ही कोई कार्रवाई होती है।
- उपेंद्र कुमार अग्रवाल, एसएसपी, सहारनपुर।
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खाकी की वर्दी पर लगे दाग मिटने की बजाय और गहरे होते जा रहे हैं। क्योंकि यूपी पुलिस सुधरने की बजाय और नए- नए कारनामे करती दिख रही है। ताजा मामला सहारनपुर का है। जहां सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दरोगा कहते दिख रहे हैं कि 'दूसरे इंस्पेक्टर दस हजार में काम करते हैं, मैं आधे में कर दूंगा'।
सोशल मीडिया पर बड़गांव के एक इंस्पेक्टर का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इंस्पेक्टर दो हजार रुपये की रिश्वत लेकर जेब में रखता हुआ नजर आ रहा है और दो हजार रुपये देने वाला व्यक्ति तीन हजार रुपये बाद में देने की बात कह रहा है।
इंस्पेक्टर ने वीडियो में कहा...
... और इंस्पेक्टर दस हजार रुपये में काम करते हैं... मैं आधे में ही कर दूंगा और मुकदमे में भी बचाऊंगा... काम भी पूरा करूंगा... मैं इस प्रकार का इंस्पेक्टर हूं... कोशिश करता हूं मुकदमों से बचूं... प्रधान जी जानते हैं कि मैं कैसे काम करता हूं।
जारी वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जेब में रुपये रखते हुए इंस्पेक्टर एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कह रहा है कि देखो ये प्रधान जी अच्छी तरह से जानते हैं कि वह कैसा इंस्पेक्टर है, पीछे से आवाज आ रही है कि पैसे लेकर इंस्पेक्टर फाइनल करके ही छोड़ते हैं। एक दरोगा का नाम लेते हुए कहा जा रहा है कि एक दरोगा उनसे दस हजार रुपये लेकर चला गया। वह उनके घर तक नहीं गया। इस पर इंस्पेक्टर बोलते हैं कि वह तो बिना पैसे लिए ही तीन बार उसके घर तक गया है। फिर कहा जाता है कि एक साल से मामला चल रहा है। दस हजार रुपये एक दरोगा को दिए गए थे। लेकिन कोई काम नहीं हुआ है। लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि उनका काम इंस्पेक्टर साहब कर देंगे।