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हड़ताल पर कर्मचारी: वेस्ट यूपी में बड़ा असर, 100 से ज्यादा गांवों में आपूर्ति बंद, 47 बिजलीघरों पर लटके ताले

अमर उजाला ब्यूरो, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Fri, 17 Mar 2023 03:34 PM IST
सार

बिजली कर्मियों की हड़ताल का पश्चिमी यूपी में बड़ा असर देखने को मिल रहा है। जहां बागपत में 50 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई तो वहीं बिजनौर में 47 बिजली घरों पर ताले लटके हुए हैं।

Electricity workers strike impact in western UP and power houses were locked, supplies stopped in many village
बागपत का हाल। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र लखनऊ के द्वारा बिजली कर्मचारियों एंव अभियन्ताओं की मांगों को लेकर बृहस्पतिवार की गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल जारी है। इस हड़ताल का पश्चिमी यूपी में बड़ा असर देखने को मिला है। कई जिलों के अलग-अलग स्थानों पर बिजली गुल गई हो गई है, जिससे लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।



बिजनौर: धामपुर विद्युत सर्किल के सभी 47 बिजली घरों पर लटके ताले, विद्युत आपूर्ति बंद

विद्युत ऊर्जा निगम प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ विद्युत निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता धामपुर सर्किल के चार डिवीजनों के 47 बिजली घरों पर शुक्रवार सुबह आठ बजे बिजली आपूर्ति बंद कर तालाबंदी कर दी। सभी अधिकारी व कर्मचारी अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर एकत्रित हुए हैं। यहां पर बैठक करने के बाद चेतावनी दी गई कि यदि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने विद्युत अधिकारी और कर्मचारी का उत्पीड़न किया तो जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

 
सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने सरकारी सीयूजी नंबर और संबंधित बिजली घरों की चाबी उप-जिलाधिकारी धामपुर को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले अभियंता संघ के मंडलीय सचिव तुषार राय ने आंदोलनकारी अधिकारी व कर्मचारियों को अलर्ट रहने के लिए सचेत किया। उन्होंने कहा कि कोई भी कर्मचारी किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के दबाव में न आएं। यदि कोई उनका उत्पीड़न करने का प्रयास करता है तो अभिलंब उन्हें व्हाट्सएप माध्यम से अवगत कराया जाए। जिससे किसी भी अधिकारी और कर्मचारी का उत्पीड़न किया जा सके।

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मुजफ्फरनगर का हाल। - फोटो : अमर उजाला
मुजफ्फरनगर: जानसठ और शाहपुर में बिजली आपूर्ति बाधित

मुजफ्फरनगर जिले में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होने लगी है। जानसठ कस्बे की आपूर्ति बृहस्पतिवार रात दो बजे से बाधित है। तिसंग गांव के पास लाइन में फॉल्ट से आपूर्ति बाधित है। बिजलीघर पर ताला लटका हुआ है। 

उधर, शाहपुर कस्बे की बिजली आपूर्ति सुबह छह बजे से बाधित है। वहीं बिजली कर्मचारी नुमाइश मैदान के निकट बिजलीघर पर धरने पर बैठे हुए हैं।

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शामली जिले का हाल। - फोटो : अमर उजाला
शामली: विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते चरमराई व्यवस्था

विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शामली जिले की विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। प्रशासन की वैकल्पिक व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। प्रशासन ने 26 मजिस्ट्रेट और छह नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। 

बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा समस्या सामने आ रही हैं। कुछ बिजलीघरों पर कोई भी ड्यूटी पर नहीं है। कुछ क्षेत्रों में बृहस्पतिवार को आए फाल्ट अभी तक ठीक नहीं हुए हैं। करीब 60 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है।

झिंझाना क्षेत्र के गांव दरगाहपुर में कल जंगल में खंभा टूट गया था, जिस कारण अभी तक 50 फीसदी नलकूप बंद पड़े हैं। इससे ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा चौसाना, हिरनवाड़ा और बुटराड़ा बिजली घर क्षेत्रों में फाल्ट आने की जानकारी मिली है। लोग विद्युत विभाग के अधिकारियों के नंबर मिला रहे हैं तो वह बंद आ रहे हैं।

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सहारनपुर में पुलिस ने संभाली व्यवस्था। - फोटो : amar ujala

सहारनपुर: साढ़े पांच घंटे बंद रहा राजौरी गार्डन बिजली फीडर

विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते जनपद में बिजली संकट गहराने लगा है। महानगर में कई जगह फाल्ट होने से बिजली आपूर्ति ठप रही। वहीं, व्यवस्था को बनाने के लिए बिजलीघरों पर जिला प्रशासन ने अधिकारी तैनात कर दिए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस भी तैनात की गई।



विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले एसडीओ, जेई और बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। उनकी हड़ताल का बिजली पर असर पड़ने लगा है। बृहस्पतिवार की रात आई आंधी और बारिश के चलते कई जगह फाल्ट हुए। सुबह पांच बजे हसनपुर चुंगी स्थित आनंद स्वीट्स के पास लाइन पर फ्लैक्स गिरने से फाल्ट हो गया। जिसके बाद राजौरी गार्डन फीडर से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। संविदा कर्मियों को भेजकर फाल्ट को ठीक कराया गया। सुबह सवा दस बजे बिजली आपूर्ति सुचारू हो पाई। इसके अलावा घंटाघर बिजलीघर, मानकमऊ और किशनपुरा में भी बिजली आपूर्ति ठप रही।

उधर, बिजलीघर पर जिलाधिकारी ने अफसरों की टीम बनाकर तैनात कर दिया है, ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो सके। पुलिस कर्मियों को सभी बिजलीघरों पर तैनात कर दिया है। एडीएम प्रशासन डॉ. अर्चना द्विवेदी ने विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंताओं, अधिशासी अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है।

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बागपत का हाल। - फोटो : अमर उजाला
बागपत: ऊर्जा निगम के कर्मचारियों की हड़ताल हुई शुरू, 50 गांवों में बिजली संकट गहराया
 
13 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मियों की हड़ताल से जिलेभर में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पहले ही दिन लड़खड़ा गई। करीब 50 गांवों में सुबह से बिजली आपूर्ति बंद है। उधर, जैसे इसकी सूचना एसडीएम व सीओ को मिली तो वे दिल्ली रोड स्थित कंट्रोल रूम पर पहुंचे और जिन-जिन क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बंद है उनको ठीक कराने में जुट गए।
   
हड़ताल के चलते बागपत शहर की आजाद नगर कॉलोनी, पट्टी मेहर, पट्टी चौधरान सहित कई हिस्सों में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की सूचना कंट्रोल रूम को मिली, लेकिन हड़ताल के चलते कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के दोघट, काहन्ड, पुसार, गांगनौली, बरनावा, संतनगर, बडौत, बिजरौल, गुराना, वाजिदपुर, लौहड्डा सहित 50 से अधिक गांव की सप्लाई गत रात्रि से ठप पड़ी रही। 

वहीं फाल्ट की सूचना मिलने पर भी आपूर्ति ठीक नहीं की गई, हड़ताल के चलते कोई फील्ड स्टाफ नहीं पहुंचा। जेई व एसडीओ के फोन स्विच ऑफ थे। जिससे लोगों को गर्मी में काफी परेशानी हुई। उधर, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक मनोहर सिंह तोमर व हड़ताली कर्मियों ने कहा कि चार साल पहले समान कार्य व समान वेतन सहित सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करने और नियमितीकरण की मांग पर समझौता हुआ था। सरकार द्वारा अभी तक समझौते का पालन नहीं करने से ऊर्जा निगम कर्मियों को हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। उधर, विद्युत बिल जमा कराने, खराब बिल को ठीक कराने सहित अन्य कार्यों को लेकर बिजली दफ्तरों पर पहुंचे लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा।

कंट्रोल रूम में बार-बार सूचना लेते रहे एसडीएम व सीओ
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्र व नगर के कई हिस्सों में बिजली सप्लाई बंद होने की सूचना मिलने पर एसडीएम सुभाष सिंह व सीओ सविरत्न गौतम कंट्रोल रूम दिल्ली रोड पर पहुंचे और कर्मचारियों से जानकारी लेते हुए विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गए। एसडीएम सुभाष सिंह का कहना है कि जहां-जहां से बिजली आपूर्ति बंद होने की सूचना मिली है, वहां पर कर्मचारियों को लगाकर विद्युत आपूर्ति सुचारू कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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मेरठ में ऊर्जा भवन में धरना देते बिजली कर्मचारी। - फोटो : अमर उजाला
मेरठ में विद्युत निगम कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार शुक्रवार को भी जारी है। गुरुवार रात में ही कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। गुरुवार को पूरे दिन विद्युत उपभोक्ता बिजली का बिल जमा करने, नए कनेक्शन और अन्य समस्याओं के लिए परेशान रहे।

मेरठ में विद्युत आपूर्ति की सप्लाई को लेकर जोनल और मजिस्ट्रेट तैनात
विद्युत आपूर्ति को लेकर कोई परेशानी न हो इसको लेकर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ टेक्निकल अधिकारियों की नियुक्ति की है। कंट्रोल रूम से पूरे जनपद की विद्युत आपूर्ति पर नजर रखी जा रही।

इसके चलते निर्वाध रूप से विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए ट्रांसमिशन 220/133 केवी उपकेंद्रों पर सुपर जोनल मजिस्ट्रेट-जोनल इंजीनियर्स की तैनाती की गई है। सभी विद्युत उपकेंद्रों पर जोनल-सेक्टर मजिस्ट्रेट व टेक्निकल अधिकारी तैनात किए गए हैं। इनके अलावा विद्युत विभाग के सामग्री के स्टोर, ट्रांसफार्मर के स्टोर और ट्रांसफार्मर रिपेयर वर्कशॉप के सामान्य कार्यों के निर्वाध रूप से संचालन हेतु अभियंताओं-सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है। ये सभी मजिस्ट्रेट उपकेंद्रों पर तैनात ट्रांसमिशन उपकेंद्र ऑपरेटरों व अन्य कर्मचारियों से निरंतर संपर्क में रहते हुए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराएंगे। जो कर्मचारी अथवा अधिकारी कार्य करना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। उक्त ट्रांसमिशन उपकेंद्रों से पोषित विद्युत उपकेंद्रों को विद्युत आपूर्ति पर विशेष ध्यान देंगे।

वितरण लाइनों की पेट्रोलिंग के लिए होमगार्ड, सिविल डिफेंस के स्वयं सेवक, ग्राम चौकीदार एवं ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों के सहयोग से सुरक्षा सुनिश्चित कराएंगे। उक्त ट्रांसमिशन उपकेंद्रों से पोषित उप केंद्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के संबंध में जनपद के बचत भवन में स्थित कंट्रोल रूम 0121-2664133 एवं पश्चिमांचल विद्युत निगम मेरठ के कंट्रोल रूम 9412749213 को नियमित सूचना उपलब्ध कराएंगे। विद्युत आपूर्ति में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूर्व से कार्यरत कान्ट्रेक्टर के निरंतर संपर्क में रहेंगे और कोई भी आकस्मिक परिस्थिति उत्पन्न होने पर विद्युत आपूर्ति बहाल कराएंगे।
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