सेना की स्ट्राइक वन कोर ने मंगलवार को बसंतर दिवस के अवसर पर 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया। अंडमान निकोबार के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष वीएन शर्मा, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जेजे सिंह और स्ट्राइक वन कोर कमांडर एबी शिवाने सहित अन्य सैन्य अधिकारियों ने बसंतर के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इतिहास के पन्नों में चार दिसंबर 1971 का दिन सेना के शूरवीरों की गाथा का संग्रह है। भारत और पाकिस्तान की लड़ाई चल रही थी। सेना की स्ट्राइक वन कोर पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके में बसंतर नदी के पास मोर्चे पर थी।
इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल केके सिंह (महावीर चक्र व पद्म विभूषण) कर रहे थे। 17 हॉर्स के सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल और मेजर होशियार सिंह ने अदम्य साहस और पराक्रम दिखाया। कोर के जवानों ने पाकिस्तान के 46 टैंक नष्ट कर दिए थे।
अकेले अरुण खेत्रपाल ने चार टैंक नष्ट किए। तीन ग्रेनेडियर के मेजर होशियार गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी आखिर तक लड़ते रहे। इस अभूतपूर्व रणकौशल का परिणाम 16 दिसंबर को बसंतर नदी पर फतह की घोषणा लेकर आया।
सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल को मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया। मेजर होशियार सिंह को भी यही सम्मान मिला।
मथुरा सेना के कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में यही गाथाएं याद की गईं। लेफ्टिनेंट जनरल एबी शिवाने, पूर्व जनरल वीएन शर्मा, जनरल जेजे सिंह, गवर्नर अंडमान निकोबार लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल वाईएम वामी, लेफ्टिनेंट जनरल विजय ओबरॉय, लेफ्टिनेेंट जनरल सुशील गुप्ता ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किए।
सेना की स्ट्राइक वन कोर ने मंगलवार को बसंतर दिवस के अवसर पर 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया। अंडमान निकोबार के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष वीएन शर्मा, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जेजे सिंह और स्ट्राइक वन कोर कमांडर एबी शिवाने सहित अन्य सैन्य अधिकारियों ने बसंतर के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इतिहास के पन्नों में चार दिसंबर 1971 का दिन सेना के शूरवीरों की गाथा का संग्रह है। भारत और पाकिस्तान की लड़ाई चल रही थी। सेना की स्ट्राइक वन कोर पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके में बसंतर नदी के पास मोर्चे पर थी।
इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल केके सिंह (महावीर चक्र व पद्म विभूषण) कर रहे थे। 17 हॉर्स के सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल और मेजर होशियार सिंह ने अदम्य साहस और पराक्रम दिखाया। कोर के जवानों ने पाकिस्तान के 46 टैंक नष्ट कर दिए थे।
अकेले अरुण खेत्रपाल ने चार टैंक नष्ट किए। तीन ग्रेनेडियर के मेजर होशियार गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी आखिर तक लड़ते रहे। इस अभूतपूर्व रणकौशल का परिणाम 16 दिसंबर को बसंतर नदी पर फतह की घोषणा लेकर आया।
सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल को मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया। मेजर होशियार सिंह को भी यही सम्मान मिला।
मथुरा सेना के कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में यही गाथाएं याद की गईं। लेफ्टिनेंट जनरल एबी शिवाने, पूर्व जनरल वीएन शर्मा, जनरल जेजे सिंह, गवर्नर अंडमान निकोबार लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल वाईएम वामी, लेफ्टिनेंट जनरल विजय ओबरॉय, लेफ्टिनेेंट जनरल सुशील गुप्ता ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किए।