केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि यमुना के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की प्रमुख नदियों गंगा और यमुना के शुद्धीकरण के प्रति गंभीर हैं और बैठक कर समीक्षा की है। उस बैठक में मैं भी था। उन्होंने कहा कि यमुना का कार्य होगा ही।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह वात्सल्य ग्राम में चल रहे वात्सल्य महोत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। रविवार को महोत्सव में उन्होंने कहा कि प्रेरणास्रोत अवश्य होना चाहिए। संत-भारतीय ग्रंथ हमारे प्रेरणास्रोत हैं।
संतों की कृपा न मिले तो जीवन सार्थक नहीं होता। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे संत हुए हैं जिन्होंने सभी को अपना माना और सबके साथ एकात्म हुए।
उन्होंने कहा कि बच्चे की पहली पाठशाला घर का आंगन होता है, वह आंगन तब सूना होता है, जब उसमें मां नहीं होती। ऐसे में उसके व्यक्तित्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
गृहमंत्री ने कहा कि हमारी बहुत क्षमताएं नहीं हैं। हमारा पद बड़ा है लेकिन कद बड़ा नहीं है। उन्होंने बताया कि कद कृतियों से बड़ा होता है पद से नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते मैं वात्सल्य में आया था तब यह पौधा था और खुशी है कि यह वट वृक्ष बनता जा रहा है।
दीदी मां ने वात्सल्य के लिए वृंदावन को सही चुना है क्योंकि यहां यशोदा ने कृष्ण को गोद दी, पाला। दीदी मां जो कार्य कर रही हैं, उसकी शब्दों के माध्यम से व्याख्या नहीं की जा सकती।
बेटी बचाने का संदेश देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि दीदी बेटी बचाने और पढ़ाने का अभियान पहले से चला रही हैं हमारी सरकार देर से बनी है। अगर उनके अभियान से पहले बन जाती तो हम उनके कार्य में साथ देेते।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को आर्थिक शक्ति बनाना है। कई योजनाएं चला रही हैं, प्रयत्न कर रहे हैं। लेकिन हम भारत को महाशक्ति नहीं विश्वगुरु बनाना चाहते हैं। उन्होंने स्वामी परमानंद महाराज, साध्वी ऋतंभरा से आशीर्वाद लिया।
वात्सल्य महोत्सव में स्वामी परमानंद महाराज ने कहा कि गलती करने से बचो। अगर गलती हो जाए और उसका अहसास हो तब तुरंत माफी मांग लो। माफी को कमजोरी मत समझो। गुजरात के राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने कहा कि संत वही है जिसमें परमार्थ भाव है।
उन्होंने कहा कि आजादी मिली, अंग्रेज गए लेकिन स्वराज्य न मिला। इससे पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रोच्चारण के मध्य मंगल मानस मंदिर और मीरा माधव निलयम के द्वितीय चरण का लोकार्पण किया।
महोत्सव में स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी गिरीशानंद, केंद्रीय मंत्री निरंजना ज्योति, महंत फूलडोल दास, जीएलए कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण चौधरी, पालिकाध्यक्ष मुकेश गौतम,
आचार्य बद्रीश, संत चितप्रकाशानंद महाराज, ललिति मित्तल, अशोक सरीन, जयप्रकाश गोयल, देवेंद्र शर्मा, योगेश आवा, तेजवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।