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तालबेहट (ललितपुर)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की लापरवाही से चिकित्सा सेवाएं बदतर होती जा रही हैं। मरीजों के लिए रात में इमरजेंसी सेवा पर तैनात डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहते हैं। फार्मासिस्ट भी समय पर नहीं पहुंचता है। हालात यह हैं कि सिर्फ एक वार्ड ब्वाय के सहारे मरीजों की जिंदगी होती है। रविवार को भी यही हालात रहे।
गर्मी बढ़ते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग इलाज कराने आते हैं। इसीलिए नगर में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए तीस बेड वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में यहां सात चिकित्सक तैनात हैं। इनमें से सभी को बारी-बारी से इमरजेंसी सेवा के लिए ड्यूटी दी जाती है। लेकिन, कुछ चिकित्सक अपनी सेवाओं के प्रति संजीदा नहीं हैं। वह आपातकालीन सेवा के समय अक्सर गायब रहते हैं या अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इससे मरीजों और तीमारदारों को भटकना पड़ता है। कभी कभी तो यहां की आपातकालीन सेवाएं इतनी बुरी तरह से प्रभावित रहती हैं कि मरीजों को चिकित्सक के अलावा अन्य कर्मचारियों का घंटों इंतजार करना पड़ता है। रविवार को सुबह आठ बजे के बाद सीएचसी पर तैनात डॉ. सूरज और फार्मासिस्ट नदारत थे। स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाएं एक वार्ड ब्वाय के हवाले थीं। उस समय मरीजों के अलावा पुलिस मेडिकल कराने आए लोगों को चिकित्सक के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इसकी सूचना लोगों ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रताप सिंह को दी। इसके बाद एक चिकित्सक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। वही, फार्मासिस्ट दस बजे के बाद तक नहीं आए थे। फिजीशियन डॉ. सूरज ने बताया कि उनकी माताजी घर में गईं थीं, इससे उन्हें गंभीर चोट आई थी। उनका इलाज कराने के कारण वह रविवार को समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाए।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य केंद्र के पास मैटरनिटी विंग के लिए नया भवन बनाया गया है। लेकिन, अभी तक इसका उद्धघाटन न होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गैरहाजिर कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगेगे
आपातकालीन सेवा पर तैनात चिकित्सकों का गायब रहना बेहद गंभीर मामला है। रविवार को गैरहाजिर रहने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. प्रताप सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी
तालबेहट (ललितपुर)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की लापरवाही से चिकित्सा सेवाएं बदतर होती जा रही हैं। मरीजों के लिए रात में इमरजेंसी सेवा पर तैनात डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहते हैं। फार्मासिस्ट भी समय पर नहीं पहुंचता है। हालात यह हैं कि सिर्फ एक वार्ड ब्वाय के सहारे मरीजों की जिंदगी होती है। रविवार को भी यही हालात रहे।
गर्मी बढ़ते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग इलाज कराने आते हैं। इसीलिए नगर में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए तीस बेड वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में यहां सात चिकित्सक तैनात हैं। इनमें से सभी को बारी-बारी से इमरजेंसी सेवा के लिए ड्यूटी दी जाती है। लेकिन, कुछ चिकित्सक अपनी सेवाओं के प्रति संजीदा नहीं हैं। वह आपातकालीन सेवा के समय अक्सर गायब रहते हैं या अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इससे मरीजों और तीमारदारों को भटकना पड़ता है। कभी कभी तो यहां की आपातकालीन सेवाएं इतनी बुरी तरह से प्रभावित रहती हैं कि मरीजों को चिकित्सक के अलावा अन्य कर्मचारियों का घंटों इंतजार करना पड़ता है। रविवार को सुबह आठ बजे के बाद सीएचसी पर तैनात डॉ. सूरज और फार्मासिस्ट नदारत थे। स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाएं एक वार्ड ब्वाय के हवाले थीं। उस समय मरीजों के अलावा पुलिस मेडिकल कराने आए लोगों को चिकित्सक के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इसकी सूचना लोगों ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रताप सिंह को दी। इसके बाद एक चिकित्सक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। वही, फार्मासिस्ट दस बजे के बाद तक नहीं आए थे। फिजीशियन डॉ. सूरज ने बताया कि उनकी माताजी घर में गईं थीं, इससे उन्हें गंभीर चोट आई थी। उनका इलाज कराने के कारण वह रविवार को समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाए।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य केंद्र के पास मैटरनिटी विंग के लिए नया भवन बनाया गया है। लेकिन, अभी तक इसका उद्धघाटन न होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गैरहाजिर कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगेगे
आपातकालीन सेवा पर तैनात चिकित्सकों का गायब रहना बेहद गंभीर मामला है। रविवार को गैरहाजिर रहने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. प्रताप सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी