{"_id":"63bd10db532c41119000b1f3","slug":"kanpur-one-injection-saved-62-lives","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"ऐसे बच रही जिंदगी: कानपुर में इस इंजेक्शन से बची 62 की जान, डॉक्टर बोले- हार्ट अटैक के बाद छह घंटे अहम","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
ऐसे बच रही जिंदगी: कानपुर में इस इंजेक्शन से बची 62 की जान, डॉक्टर बोले- हार्ट अटैक के बाद छह घंटे अहम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 10 Jan 2023 12:47 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
कानपुर में हार्ट अटैक से मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यदि हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर मरीज कार्डियोलॉजी पहुंच जाए और समय से उसे टेनेक्टाप्लेस इंजेक्शन लग जाए तो उसकी जान बच सकती है।
कानपुर में हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर कार्डियोलॉजी आने और टेनेक्टाप्लेस का इंजेक्शन लगने से 74 में से 62 रोगियों की जान बच गई। इस दवा का इंजेक्शन कार्डियोलॉजी में निशुल्क लगता है। इसे शासन ने इंस्टीट्यूट को निशुल्क उपलब्ध कराया है। निजी क्षेत्र में टेनेक्टाप्लेस के इस इंजेक्शन की कीमत 24 हजार रुपये से अधिक है।
कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि शासन ने इंजेक्शन उपलब्ध कराया है। इसे निशुल्क लगाया जा रहा है। यह जीवन रक्षक दवा है। लेकिन हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर यह इंजेक्शन लग जाने पर ही फायदा मिलता है। ज्यादा समय बीत जाने पर यह अधिक कारगर नहीं होता। उन्होंने बताया कि टेनेक्टाप्लेस नसों में जमा खून का थक्का गलाने के काम आता है। इसके लगने से खून का थक्क गलता है और खून का बहाव तेज हो जाता है जिससे रोगी की जान बच जाती है।
कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में एक से आठ जनवरी के बीच 39 हार्ट अटैक के रोगी गोल्डन आवर में आए। इन्हें निशुल्क इंजेक्शन लगाया गया। 31 रोगियों की जान बच गई और अति गंभीर हालत वाले आठ रोगियों की मौत हो गई। इन 39 रोगियों के शरीर का वजन 60 किग्रा से कम था। सोमवार को इस श्रेणी के पांच रोगी गोल्डन आवर में आ गए। इनमें सभी की जान बच गई। इसी तरह 60 किग्रा से अधिक वजन वाले 35 हृदय रोगी कार्डियोलॉजी में आए।
गोल्डन आवर में उन्हें यह इंजेक्शन लगाया गया। इनमें 31 की जान बच गई। अतिगंभीर अवस्था वाले चार रोगियों की मौत हो गई। सोमवार को इस श्रेणी के तीन रोगी और सभी की जान बच गई। डॉक्टरों ने बताया कि शरीर के वजन के हिसाब से दवा की खुराक कम और ज्यादा हो जाती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।