कानपुर में अवैध खनन में लगे माफिया की कमाई का अर्थशास्त्र चौंकाने वाला है। महज लाख-सवा लाख रुपये प्रति बीघे की दर से किसानों की जमीन लेकर ये माफिया 10 से 15 लाख रुपये तक बना रहे हैं। सत्ता से जुड़े नेताओं की शह और पुलिस तथा प्रशासन की मिलीभगत से बेखौफ हो माफिया किसानों की जमीन छलनी कर रहे हैं।
चौबेपुर के चौधरीपुर गांव निवासी पीड़ित किसानों का कहना है कि माफिया उनकी मजबूरियों का फायदा उठाते हैं। इसके लिए वे एक लाख से सवा लाख रुपये प्रति बीघा पांच फीट खुदाई के हिसाब से जमीनों का एग्रीमेंट कराते हैं। एक बीघे जमीन से ये माफिया करीब 300 से 350 डंपर मिट्टी निकालते हैं।
जिसे वह प्रति डंपर 3500 रुपये के हिसाब से बेंचते हैं। इस तरह किसानों को सवा लाख रुपये देकर 10 लाख 50 हजार से 12 लाख 25 हजार रुपये तक अपनी जेब में रख लेते हैं। इस काली कमाई में पुलिस से लेकर नेताओं तक का हिस्सा लगता है। इसके चलते ही माफिया बेधड़क ओवरलोड डंपर सड़क पर दौड़ा रहे हैं।
ये आंकड़े तब के लिए जब खनन माफिया किसानों की जमीन महज पांच फीट खोदें, लेकिन वे किसानों को डरा धमका कर 10 से 15 फीट तक गहरी खुदाई कर मिट्टी बेंच देते हैं।
मेट्रो, नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर भी कर रहे गुमराह
खनन माफिया और इनके गुर्गे किसानों को मेट्रो और नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर भी गुमराह कर रहे हैं। इसकी आड़ में 24 घंटे किसानों की जमीन पर खनन जारी है। सचेंडी के चंदनापुर, चौबेपुर के चौधरीपुर, रिख्खीपुरवा में माफियाओं ने 20 से 40 फीट तक गहरी खुदाई की है। अगर ग्रामीण सड़क पर फर्राटा भर रहे इन डंपरों को रोकने की कोशिश करते हैं तो चालक मेट्रो और नेशनल हाईवे की परमिट दिखाकर निकल जाते हैं। और फिर इस मिट्टी से किसी सोसाइटी या खाली प्लाट को भरकर कमाई करते हैं। ज्यादातर मिट्टी कल्याणपुर के जवाहरपुरम में गिराई जा रही है।
गाड़ियों को आईजी की टीम ने पकड़ा, पुलिस ने छोड़ा
अभी हालही में बिठूर निवासी एक युवक ने अवैध खनन की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर खनन विभाग से की थी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर उसने आईजी मोहित अग्रवाल को फोन कर अवैध खनन बंद कराने की मांग की। इस पर आईजी ने जब युवक से थाने और पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना देने की बात कही तो उसने सत्ता से जुड़े नेताओं का भी खनन में हिस्सा होना बताया। इसके बाद आईजी की टीम ने मौके पर पहुंचकर खनन में लगे चार डंपर पकड़े और बिठूर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोप है कि बिठूर पुलिस ने सत्तापक्ष के एक नेता के दबाव में इन डंपरों का मोटर व्हीकल एक्ट में चालान कर छोड़ दिया। और एक सप्ताह बाद शिकायतकर्ता युवक को ही नेता के दबाव में जेल भेज दिया गया।
कभी भी हो सकता बड़ा हादसा
मिट्टी ढोने के लिए कानपुर, लखनऊ, हरियाणा समेेत आसपास के जिलों के डंपर लगाए गए हैं। जो 24 घंटे सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं। चालक ओवरलोड डंपर 40 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ा रहे हैं। इससे डंपर में लदी मिट्टी उड़ती रहती है। जिससे राहगीरों व वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे करते हैं कमाई
शहर के आसपास स्थित कई ग्राम सभाओं में सत्ताधारी नेताओं की शह पर खनन का अवैध धंधा फलफूल रहा है। इसमें नेताओं के भाई, रिश्तेदार तक लगे हुए हैं। ये पुलिस और आरटीओ द्वारा खनन में पकड़े गए वाहनों को छुड़वाने तक की जिम्मेदारी लेते हैं। इसके बदले खनन माफियाओं से मोटी रकम मिलती है। जब खनन माफिया मानक से अधिक मिट्टी की खुदाई करते हैं तो नेताओं के गुर्गे अपनी हिस्सेदारी भी बढ़वा लेते हैं।
कानपुर में अवैध खनन में लगे माफिया की कमाई का अर्थशास्त्र चौंकाने वाला है। महज लाख-सवा लाख रुपये प्रति बीघे की दर से किसानों की जमीन लेकर ये माफिया 10 से 15 लाख रुपये तक बना रहे हैं। सत्ता से जुड़े नेताओं की शह और पुलिस तथा प्रशासन की मिलीभगत से बेखौफ हो माफिया किसानों की जमीन छलनी कर रहे हैं।
चौबेपुर के चौधरीपुर गांव निवासी पीड़ित किसानों का कहना है कि माफिया उनकी मजबूरियों का फायदा उठाते हैं। इसके लिए वे एक लाख से सवा लाख रुपये प्रति बीघा पांच फीट खुदाई के हिसाब से जमीनों का एग्रीमेंट कराते हैं। एक बीघे जमीन से ये माफिया करीब 300 से 350 डंपर मिट्टी निकालते हैं।
जिसे वह प्रति डंपर 3500 रुपये के हिसाब से बेंचते हैं। इस तरह किसानों को सवा लाख रुपये देकर 10 लाख 50 हजार से 12 लाख 25 हजार रुपये तक अपनी जेब में रख लेते हैं। इस काली कमाई में पुलिस से लेकर नेताओं तक का हिस्सा लगता है। इसके चलते ही माफिया बेधड़क ओवरलोड डंपर सड़क पर दौड़ा रहे हैं।
ये आंकड़े तब के लिए जब खनन माफिया किसानों की जमीन महज पांच फीट खोदें, लेकिन वे किसानों को डरा धमका कर 10 से 15 फीट तक गहरी खुदाई कर मिट्टी बेंच देते हैं।
मेट्रो, नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर भी कर रहे गुमराह
खनन माफिया और इनके गुर्गे किसानों को मेट्रो और नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर भी गुमराह कर रहे हैं। इसकी आड़ में 24 घंटे किसानों की जमीन पर खनन जारी है। सचेंडी के चंदनापुर, चौबेपुर के चौधरीपुर, रिख्खीपुरवा में माफियाओं ने 20 से 40 फीट तक गहरी खुदाई की है। अगर ग्रामीण सड़क पर फर्राटा भर रहे इन डंपरों को रोकने की कोशिश करते हैं तो चालक मेट्रो और नेशनल हाईवे की परमिट दिखाकर निकल जाते हैं। और फिर इस मिट्टी से किसी सोसाइटी या खाली प्लाट को भरकर कमाई करते हैं। ज्यादातर मिट्टी कल्याणपुर के जवाहरपुरम में गिराई जा रही है।
गाड़ियों को आईजी की टीम ने पकड़ा, पुलिस ने छोड़ा
अभी हालही में बिठूर निवासी एक युवक ने अवैध खनन की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर खनन विभाग से की थी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर उसने आईजी मोहित अग्रवाल को फोन कर अवैध खनन बंद कराने की मांग की। इस पर आईजी ने जब युवक से थाने और पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना देने की बात कही तो उसने सत्ता से जुड़े नेताओं का भी खनन में हिस्सा होना बताया। इसके बाद आईजी की टीम ने मौके पर पहुंचकर खनन में लगे चार डंपर पकड़े और बिठूर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोप है कि बिठूर पुलिस ने सत्तापक्ष के एक नेता के दबाव में इन डंपरों का मोटर व्हीकल एक्ट में चालान कर छोड़ दिया। और एक सप्ताह बाद शिकायतकर्ता युवक को ही नेता के दबाव में जेल भेज दिया गया।
कभी भी हो सकता बड़ा हादसा
मिट्टी ढोने के लिए कानपुर, लखनऊ, हरियाणा समेेत आसपास के जिलों के डंपर लगाए गए हैं। जो 24 घंटे सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं। चालक ओवरलोड डंपर 40 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ा रहे हैं। इससे डंपर में लदी मिट्टी उड़ती रहती है। जिससे राहगीरों व वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे करते हैं कमाई
शहर के आसपास स्थित कई ग्राम सभाओं में सत्ताधारी नेताओं की शह पर खनन का अवैध धंधा फलफूल रहा है। इसमें नेताओं के भाई, रिश्तेदार तक लगे हुए हैं। ये पुलिस और आरटीओ द्वारा खनन में पकड़े गए वाहनों को छुड़वाने तक की जिम्मेदारी लेते हैं। इसके बदले खनन माफियाओं से मोटी रकम मिलती है। जब खनन माफिया मानक से अधिक मिट्टी की खुदाई करते हैं तो नेताओं के गुर्गे अपनी हिस्सेदारी भी बढ़वा लेते हैं।
अवैध खनन गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। जिले की कई तहसीलोें में अवैध खनन का मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस पर रोक लगाने के लिए सभी उप जिलाधिकारियों और एडीएम फाइनेंस को निर्देश दिया गया है। जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। - डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, जिलाधिकारी कानपुर नगर