झांसी। सोमवार को अमर उजाला के अंक में प्रकाशित खबर ‘नासिक से पैदल चली श्रमिक महिला ने पेड़ के नीचे जन्मी बच्ची’ की गूंज लखनऊ के सियासी गलियारों में सुनाई दी। इस त्रासदी पर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमर उजाला की खबर को सोशल मीडिया पर शेयर किया, साथ ही पीड़ित महिला के लिए तत्काल ग्यारह हजार रुपये की इमदाद भी भेजी।
ललितपुर के बरखिरिया गांव के पुनू नासिक में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे। लॉकडाउन के कारण काम-धंधे बंद होने पर वे अपने मजदूर साथियों के साथ पैदल ही घर की ओर निकल पड़े। उप्र - मप्र की सीमा पर ललितपुर के बालाबेहट पर पहुंचने पर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया। इसी दरम्यान पुनू की पत्नी राजा बेटी को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गई। उन्होंने एक पेड़ के नीचे बच्ची को जन्म दिया। प्रवासी मजदूरों की त्रासदी की इस बानगी को अमर उजाला ने सोमवार के अंक में पहले पेज पर प्रमुखता के साथ उठाया। इस खबर को सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर व फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया। अखिलेश ने सपा के जिलाध्यक्ष तिलक सिंह यादव को पीड़ित महिला को 11 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए। इस पर सपा युवजन सभा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष नेपाल सिंह यादव ने ग्राम बरखिरिया पहुंचकर महिला के परिवार को 11 हजार रुपये की राशि भेंट की।
अमर उजाला के माध्यम से उजागर हुई प्रवासी मजदूरों की ये त्रासदी की गूंज सोमवार को दिन भर लखनऊ के सियासी गलियारों में सुनाई देती रही। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए हमलावर रुख अपनाया। स्थानीय स्तर पर भी राजनीति गरमाई रही।
आत्म प्रशंसा में मदमस्त है सरकार: अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमर उजाला की खबर को शेयर करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि जिस प्रकार आत्म प्रशंसा में मदमस्त सरकार अपने अति केंद्रित ढुलमुल फैसलों की वजह से व्यवस्था करने में असफल रही है, उसका खामियाजा जनता भुगत रही है, यदि सरकार रोजगार और खाने का ही प्रबंध कर दे तो कोरोना को सरकार नहीं, जनता हरा देगी।
झांसी। सोमवार को अमर उजाला के अंक में प्रकाशित खबर ‘नासिक से पैदल चली श्रमिक महिला ने पेड़ के नीचे जन्मी बच्ची’ की गूंज लखनऊ के सियासी गलियारों में सुनाई दी। इस त्रासदी पर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमर उजाला की खबर को सोशल मीडिया पर शेयर किया, साथ ही पीड़ित महिला के लिए तत्काल ग्यारह हजार रुपये की इमदाद भी भेजी।
ललितपुर के बरखिरिया गांव के पुनू नासिक में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे। लॉकडाउन के कारण काम-धंधे बंद होने पर वे अपने मजदूर साथियों के साथ पैदल ही घर की ओर निकल पड़े। उप्र - मप्र की सीमा पर ललितपुर के बालाबेहट पर पहुंचने पर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया। इसी दरम्यान पुनू की पत्नी राजा बेटी को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गई। उन्होंने एक पेड़ के नीचे बच्ची को जन्म दिया। प्रवासी मजदूरों की त्रासदी की इस बानगी को अमर उजाला ने सोमवार के अंक में पहले पेज पर प्रमुखता के साथ उठाया। इस खबर को सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर व फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया। अखिलेश ने सपा के जिलाध्यक्ष तिलक सिंह यादव को पीड़ित महिला को 11 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए। इस पर सपा युवजन सभा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष नेपाल सिंह यादव ने ग्राम बरखिरिया पहुंचकर महिला के परिवार को 11 हजार रुपये की राशि भेंट की।
अमर उजाला के माध्यम से उजागर हुई प्रवासी मजदूरों की ये त्रासदी की गूंज सोमवार को दिन भर लखनऊ के सियासी गलियारों में सुनाई देती रही। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए हमलावर रुख अपनाया। स्थानीय स्तर पर भी राजनीति गरमाई रही।
आत्म प्रशंसा में मदमस्त है सरकार: अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमर उजाला की खबर को शेयर करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि जिस प्रकार आत्म प्रशंसा में मदमस्त सरकार अपने अति केंद्रित ढुलमुल फैसलों की वजह से व्यवस्था करने में असफल रही है, उसका खामियाजा जनता भुगत रही है, यदि सरकार रोजगार और खाने का ही प्रबंध कर दे तो कोरोना को सरकार नहीं, जनता हरा देगी।