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रामनगरी में आस्था का जनसमुद्र, उमड़े 40 लाख भक्त

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Thu, 03 Nov 2022 12:10 AM IST
People of faith in Ramnagari, 40 lakh devotees gathered
अयोध्या-परिवारीजनों का हाथ पकड़ परिक्रमा करते श्रद्घालु। - फोटो : FAIZABAD
अयोध्या। रामनगरी बुधवार को आस्था के प्रवाह से घिरी नजर आई। कोरोना के चलतेदो वर्षों से प्रभावित रही चौदहकोसी परिक्रमा की रौनक इस वर्ष तब बयां हुई जब 40 लाख श्रद्धालु तय मुहूर्त से पूर्व ही परिक्रमा पथ पर उमड़ पड़े। परिक्रमा का क्रम करीब 26 घंटे तक चला।

शुभ मुहूर्त मंगलवार रात 12:48 बजे से करीब दो घंटे पहले ही रामनगरी की 14 कोसी परिधि श्रद्धालुओं से भर गई। मंगलवार पूरी रात और बुधवार देर शाम तक परिक्रमा का क्रम जारी रहा।

रामनगरी की रज शिरोधार्य कर परिक्रमा शुरू कर रहे श्रद्धालु आराध्य का जयकारा लगाते आगे बढ़ रहे थे। बड़ी संख्या में भक्तों ने सरयू घाट से परिक्रमा का शुभारंभ किया। नाका हनुमानगढ़ी से भी भक्तों ने परिक्रमा का आगाज किया।
अयोध्या, दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सहादतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा शुरू की।
जय श्रीराम के उद्घोष व सीताराम नाम की धुन के बीच परिक्रमार्थी परिक्रमा पथ को नंगे पांव नापते नजर आए। महिला, पुरुष, बच्चे, वृद्ध भी परिक्रमा करते दिखे। साधु-संतों की टोली हरिकीर्तन करती परिक्रमा पथ पर आगे बढ़ती रही।
आईबी व एलआईयू व पुलिस सूत्रों के रिपोर्ट के मुताबिक 14 कोसी परिक्रमा में कई वर्षों बाद परिक्रमा में आस्था का जनसमुद्र उमड़ा है। अयोध्या व फैजाबाद शहर की परिधि पर 14 कोसी परिक्रमा पथ की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है।
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डीएम नितीश कुमार ने बताया कि बुधवार रात लगभग 10.30 तक लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की है। उन्होंने कहा कि इसी तरह सभी अधिकारीगण पुलिस बल अपने ड्यूटी क्षेत्र में तैनात रह कर पंचकोसी परिक्रमा को भी सफल बनाएंगे।
परिक्रमा मेले में सरयू तट भक्तों से गुलजार रहा। सरयू के किसी भी घाट पर तिल रखने की भी जगह नहीं थी। जय श्रीराम, जय सरयू मैया के जयकारों से आकाश गूंज रहा था।
बड़ी संख्या में भक्तों ने सरयू स्नान कर परिक्रमा की। जिनकी परिक्रमा पूरी होती गई वे भी सरयू स्नान को पहुंचे। पुलिस लाउडस्पीकर के जरिए श्रद्धालुओं को गहरे पानी में न जाने की हिदायत भी देती रही।
चौदहकोसी परिक्रमा में सैकड़ों की संख्या में साधु-संत भी परिक्रमा करते नजर आए। जय श्रीराम...सीताराम.. का जप करते हुए संतों का जत्था बढ़ा जा रहा था।
संत एमबीदास बोले कि अयोध्या की परिक्रमा का विधान सदियों से रहा है। अयोध्या की परिक्रमा करने से मनुष्य को 84 लाख योनियों से मुक्ति मिलती है। परिक्रमा पथ पर कई ऐसे संत थे जिनकी उम्र इस तपस्या के लिए ज्यादा थी लेकिन वे भी परिक्रमा पथ पर थे।
बढ़ी संख्या में शहरवासियों ने सहादतगंज से परिक्रमा शुरू की। धरती पर सिर नवाया, प्रणाम किया इसके बाद दोनों हाथ ऊपर उठाकर जयश्रीराम का उद्घोष करते परिक्रमा पथ पर निकल पड़े।
नाका निवासी प्रवेश मिश्रा बोले कि जय श्रीराम का नाम लेने मात्र से ही ऊर्जा का संचार हो जाता है। आस्था का पथ नापने को लेकर भक्तों में उत्साह दिखा। यहां सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम किया गया था।

अयोध्या-पिता के साथ परिक्रमा करती बेटी।-संवाद

अयोध्या-पिता के साथ परिक्रमा करती बेटी।-संवाद- फोटो : FAIZABAD

अयोध्या-बुधवार को परिक्रमा मार्ग पर जय श्रीराम के जयघोष के साथ परिक्रमा करते श्रद्घालु।

अयोध्या-बुधवार को परिक्रमा मार्ग पर जय श्रीराम के जयघोष के साथ परिक्रमा करते श्रद्घालु।- फोटो : FAIZABAD

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