इटावा। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में आत्मविश्वास जगाने और शिक्षा के प्रति ललक पैदा करने का काम रोबोट शिक्षका प्रांजलि कर रही है। वह छात्रों के हर सवाल का आसानी से जवाब देती है। अंग्रेजी, हिंदी या गणित हर विषय में प्रांजलि माहिर है।
ह्यूमनाइड रोबोट प्रांजलि को कोग्रेड टीम के सीटीओ प्रशांत चौधरी, कंपनी के कोफाउंडर सौरभ यादव व हिमांशु चौरसिया ने ग्रामीण बच्चों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए तैयार किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित यह रोबोट भविष्य में कई भाषाओं में भी बात कर सकेगी। इसे अपग्रेड करने का कार्य जारी है। इसमें चेहरे और आवाज का पहचाने करने की क्षमता है। कोग्रेड टीम को इसे तैयार करने में तीन महीने लगे हैं।
कोग्रेड को ऐसे समझें
कोग्रेड एक एजुकेशनल स्टार्टअप है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को आधुनिक शिक्षा पद्धति से जोड़ना व उनमें भविष्य में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास पैदा करना है। यह स्टार्टअप ग्रामीण बच्चों को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। यह शिक्षा का एक ऐसा मॉडल है, जिसमें बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार ही ढालकर योग्य बना सकते हैं। कोग्रेड कार्यक्रम के साथ कुछ स्कूलों के जुड़ने के बाद विद्यालय के बच्चे फिर आत्मविश्वास के साथ स्कूल लौटे और शिक्षकों के साथ नई तकनीकी के साथ पढ़ना शुरू किया।
कोग्रेड स्टार्टअप कंपनी के जनरल मैनेजर पर्यावरणविद, शिक्षाविद डॉ. आशीष त्रिपाठी के निर्देशन में आधुनिक शिक्षा व पर्यावरण संरक्षण शिक्षा के भी कई अनूठे प्रयोग हो रहे हैं। टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों को तकनीकी शिक्षा से जोड़कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया है।