इटावा/बकेवर। समितियों पर खाद का संकट है। डीएपी न मिलने के कारण गेहूं की बुआई प्रभावित हो रही है। कई किसानों ने बताया कि तीन से चार दिन से समितियों के चक्कर लगाने के बाद भी खाद नहीं मिली है। जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक रविवार रात तक रैक आने की संभावना है। सोमवार से किसानों को खाद मिलनी शुरू हो जाएगी।
इस बार रबी सीजन में जिले के लिए कुल 18700 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत थी। अभी तक करीब 14000 मीट्रिक टन डीएपी मिल मिल चुकी है। 4700 मीट्रिक टन की अभी भी जरूरत है। सबसे ज्यादा खाद की जरूरत गेहूं के लिए है। कई किसानों की बुआई भी इसी कारण रुकी हुई है।
बकेवर की किसान सेवा सहकारी समिति पर कई दिनों से डीएपी न होने के कारण किसान परेशान हैं। किसान खाद लेने के लिए समिति के चक्कर लगा रहे हैं। समिति पर रैक आने के बाद ही खाद मिलने की बात बताई जा रही है। धान की फसल की कटाई के बाद खेत में आर्द्रता होने से किसान जुताई करके गेहूं की बुआई करना चाह रहे हैं। इसके लिए उन्हें डीएपी की जरूरत है।
किसानों का कहना है कि अगर खेत की आर्द्रता कम हो गई तो बुआई लेट हो जाएगी। बकेवर सहकारी समिति के सचिव राजीव गोयल ने बताया कि डीएपी की रैक आने के बाद ही खाद उपलब्ध हो सकेगी। सोमवार को 45 टन डीएपी वितरित की गई थी।
किसानों ने बताई समस्या
बकेवर समिति पर बल्लमपुरा निवासी श्रवण यादव ने बताया कि डीएपी लेने के लिए आए हैं। उन्हें गेहूं की बुआई करनी है। तीन बोरी डीएपी लेने के लिए तीन दिन से चक्कर लगा रहे हैं। गेहूं की बुआई लेट हो रही है।
गांव मनियांमऊ निवासी किसान चतुर बिहारी ने बताया कि पिछले दो दिन से डीएपी खाद के लिए समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बकेवर सहकारी समिति पर खाद ही नहीं मिल रही है। अब रैक आने के बाद ही समस्या दूर होगी।
ग्राम मड़ैया निवासी किसान सोमप्रकाश ने बताया कि उनकी तरह कई किसान रोजाना समिति के चक्कर लगा रहे हैं। अब तो दुकानों पर भी डीएपी नहीं मिल रही है। वह लगातार दो दिन से बकेवर से लेकर महेवा तक की दुकानों के चक्कर लगा चुके हैं।
वर्जन
रैक शनिवार रात तक मैनपुरी पहुंचने की उम्मीद है। वहां खाद उतरने के बाद रविवार रात तक यहां रैक आने की उम्मीद है। संभावना है कि सोमवार से समितियों में खाद का वितरण शुरू हो जाएगा। 800 मीट्रिक टन खाद इस रैक में जिले के लिए मिलेगी। - कुलदीप राणा, जिला कृषि अधिकारी।
मैसेज तीन बोरी का, मिली सिर्फ एक
ताखा। किसान डीएपी खाद के लिए बहुत परेशान हैं। समितियों पर दिन रात लाइन में लगने के बाद खाद नहीं मिल पा रही है। किसान उदय भान सिंह यादव ने बताया कि मोबाइल पर तीन बोरी डीएपी मिलने का मैसेज आ रहा है, लेकिन उन्हें सिर्फ एक बोरी खाद मिली है। किसान मजबूरन महंगी खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। (संवाद)