आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है।
हाई कोर्ट ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार दोनों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि आईएएस दुर्गा नागपाल के निलंबन से पहले और बाद में अवैध खनन के खिलाफ कितनी कार्रवाई हुई।
पढे: सपा नेता का खुलासा, '41 मिनट में करा दिया दुर्गा को सस्पेंड'
अदालत ने सरकार से यह भी पूछा कि दुर्गा नागपाल के निलंबन के बाद अवैध खनन रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए। अदालत ने इस बाबत यूपी सरकार से 19 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दायर की थी।
पढ़े :'आईएएस दुर्गा के निलंबन में मुलायम सिंह का हाथ'याचिका में केंद्र सरकार को नागपाल के निलंबन मामले में विस्तृत जानकारी लेने और फैसला अवैध होने पर निलबंन रद्द करने का आदेश देने की मांग की थी।
याचिका में कहा गया था कि यूपी में अवैध बालू खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण की समस्या गंभीर है। ऐसे में आईएएस दुर्गा शक्ति सहित जो भी अधिकारी अवैध बालू खनन और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कारवाई करते हैं, उन्हें हतोत्साहित किया जाता है।
आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है।
हाई कोर्ट ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार दोनों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि आईएएस दुर्गा नागपाल के निलंबन से पहले और बाद में अवैध खनन के खिलाफ कितनी कार्रवाई हुई।
पढे: सपा नेता का खुलासा, '41 मिनट में करा दिया दुर्गा को सस्पेंड'
अदालत ने सरकार से यह भी पूछा कि दुर्गा नागपाल के निलंबन के बाद अवैध खनन रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए। अदालत ने इस बाबत यूपी सरकार से 19 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दायर की थी।
पढ़े :'आईएएस दुर्गा के निलंबन में मुलायम सिंह का हाथ'
याचिका में केंद्र सरकार को नागपाल के निलंबन मामले में विस्तृत जानकारी लेने और फैसला अवैध होने पर निलबंन रद्द करने का आदेश देने की मांग की थी।
याचिका में कहा गया था कि यूपी में अवैध बालू खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण की समस्या गंभीर है। ऐसे में आईएएस दुर्गा शक्ति सहित जो भी अधिकारी अवैध बालू खनन और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कारवाई करते हैं, उन्हें हतोत्साहित किया जाता है।