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बदायूं। पंचायत चुनाव 30 अप्रैल से पहले संपन्न कराने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर चुनाव की तैयारियों में जुटा है। पहली बार पंचायत चुनाव एक साथ कराए जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव के लिए काफी संख्या में कर्मचारियों की भी जरूरत है। एक साथ इतने कर्मचारियों की व्यवस्था में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। चुनाव कराने के लिए 20 से 25 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी, जबकि जिले में कर्मचारियों की संख्या 20863 हैं।
जिले के 15 ब्लॉकों में 1037 ग्राम पंचायतें हैं। इसके अलावा जिला पंचायत की 51 सीटें, ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य पद की 12841 और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद की 1261 सीटें हैं। चुनावों के लिए 1443 मतदान केंद्र और 3150 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। एक मतदेय स्थल पर एक पीठासीन अधिकारी और चार कर्मचारी होते हैं। सुरक्षा बंदोबस्त में पुलिस की व्यवस्था अलग रहती है। चुनाव के लिए सरकारी कर्मचारियों का डाटा जुटाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। यह भी साफ है कि इस बार कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बच नहीं सकेंगे। चुनाव में ड्यूटी कटवाना कर्मचारियों के लिए आसान नहीं होगा।
दरअसल, एक मतदेय स्थल पर पांच कर्मचारी होते हैं। इस प्रकार 3150 मतदेय स्थलों पर प्रशासन को पोलिंग पार्टियों के लिए 15750 कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके साथ ही हर ब्लॉक पर कम से कम दस पोलिंग पार्टियों को रिजर्व में भी रखा जाएगा। चुनाव के लिए अब तक जिला निर्वाचन कार्यालय 20 हजार कर्मचारियों का डाटा एकत्र कर चुका है। चुनाव ड्यूटी के लिए कर्मचारियों का डाटा जुटाने का काम लगातार चल रहा है।
दरअसल, अब तक पंचायत चुनाव ब्लॉकवार हुआ करते थे। कई बार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव भी अलग-अलग हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन को एक साथ इतने कर्मचारियों की जरूरत नहीं होती थी। उपलब्धता से ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत होने के चलते इस बार कोई कर्मचारी ड्यूटी से नहीं बच सकेगा।
दूसरे जिलों से भी बुलाए जा सकते हैं कर्मचारी
- एक साथ चुनाव में जिले में तैनात कर्मचारियों की संख्या कम पड़ने का भी अनुमान है। ऐसे में चुनाव संपन्न कराने के लिए दूसरे जिलों से भी कर्मचारी बुलाए जा सकते हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव कितने चरण में होना है। अगर मंडल के जिलों में अलग-अलग चरण में चुनाव होता है तो एक दूसरे जिले में भी कर्मचारियों को भेजा जाएगा।
पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। अब तक 20 हजार कर्मचारियों का डाटा एकत्रित किया जा चुका है। एक अनुमान के अनुसार जिले में एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 20 से 25 हजार कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। जिले में कर्मचारियों की संख्या कुल 20863 है। कुल 3150 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। एक मतदेय स्थल पर पांच कर्मचारी रहेंगे। अतिरिक्त कर्मचारियों का डाटा भी अपलोड किया जा रहा है।
- प्रवेंद्र पटेल, उप जिला निर्वाचन अधिकारी
बदायूं। पंचायत चुनाव 30 अप्रैल से पहले संपन्न कराने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर चुनाव की तैयारियों में जुटा है। पहली बार पंचायत चुनाव एक साथ कराए जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव के लिए काफी संख्या में कर्मचारियों की भी जरूरत है। एक साथ इतने कर्मचारियों की व्यवस्था में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। चुनाव कराने के लिए 20 से 25 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी, जबकि जिले में कर्मचारियों की संख्या 20863 हैं।
जिले के 15 ब्लॉकों में 1037 ग्राम पंचायतें हैं। इसके अलावा जिला पंचायत की 51 सीटें, ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य पद की 12841 और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद की 1261 सीटें हैं। चुनावों के लिए 1443 मतदान केंद्र और 3150 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। एक मतदेय स्थल पर एक पीठासीन अधिकारी और चार कर्मचारी होते हैं। सुरक्षा बंदोबस्त में पुलिस की व्यवस्था अलग रहती है। चुनाव के लिए सरकारी कर्मचारियों का डाटा जुटाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। यह भी साफ है कि इस बार कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बच नहीं सकेंगे। चुनाव में ड्यूटी कटवाना कर्मचारियों के लिए आसान नहीं होगा।
दरअसल, एक मतदेय स्थल पर पांच कर्मचारी होते हैं। इस प्रकार 3150 मतदेय स्थलों पर प्रशासन को पोलिंग पार्टियों के लिए 15750 कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके साथ ही हर ब्लॉक पर कम से कम दस पोलिंग पार्टियों को रिजर्व में भी रखा जाएगा। चुनाव के लिए अब तक जिला निर्वाचन कार्यालय 20 हजार कर्मचारियों का डाटा एकत्र कर चुका है। चुनाव ड्यूटी के लिए कर्मचारियों का डाटा जुटाने का काम लगातार चल रहा है।
दरअसल, अब तक पंचायत चुनाव ब्लॉकवार हुआ करते थे। कई बार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव भी अलग-अलग हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन को एक साथ इतने कर्मचारियों की जरूरत नहीं होती थी। उपलब्धता से ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत होने के चलते इस बार कोई कर्मचारी ड्यूटी से नहीं बच सकेगा।
दूसरे जिलों से भी बुलाए जा सकते हैं कर्मचारी
- एक साथ चुनाव में जिले में तैनात कर्मचारियों की संख्या कम पड़ने का भी अनुमान है। ऐसे में चुनाव संपन्न कराने के लिए दूसरे जिलों से भी कर्मचारी बुलाए जा सकते हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव कितने चरण में होना है। अगर मंडल के जिलों में अलग-अलग चरण में चुनाव होता है तो एक दूसरे जिले में भी कर्मचारियों को भेजा जाएगा।
पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। अब तक 20 हजार कर्मचारियों का डाटा एकत्रित किया जा चुका है। एक अनुमान के अनुसार जिले में एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 20 से 25 हजार कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। जिले में कर्मचारियों की संख्या कुल 20863 है। कुल 3150 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। एक मतदेय स्थल पर पांच कर्मचारी रहेंगे। अतिरिक्त कर्मचारियों का डाटा भी अपलोड किया जा रहा है।
- प्रवेंद्र पटेल, उप जिला निर्वाचन अधिकारी