रामनगर (बाराबंकी)। मृत बच्ची होने के बाद एक प्रसूता की हालत बिगड़ गई। अस्पताल प्रशासन ने इलाज करने के बजाए आनन-फानन उसे रेफर कर दिया, परन्तु उसे एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई। परिजन निजी वाहन से पास के अस्पताल में पहुंचे।
जहां पर चिकित्सकों ने उपचार तो शुरू कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत पुलिस और सीएमओ से की है।
क्षेत्र के सीहामऊ निवासी रीमा (20) पत्नी राम सहारे को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को सीएचसी रामनगर में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में मौजूद एएनएम किरन यादव ने भर्ती कर उपचार शुरूकर दिया। कुछ देर बाद मृत बच्ची पैदा होने की जानकारी दी गई। परिजनों का आरोप है कि मृत बच्ची पैदा होने के बाद पीड़िता की हालत और बिगड़ गई, परन्तु एएनएम ने कोई उपचार नहीं किया और न ही कोई चिकित्सक देखने आया।
आनन-फानन में उन्हें रेफर कर पर्चा थमा दिया गया और एंबुलेंस की सुविधा तक मुहैया नहीं कराई गई। परिजन निजी वाहन से प्रसूता को पास ही स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने उपचार तो शुरू कर दिया, लेकिन वह पीड़िता को बचा नहीं सके।
परिजनों का आरोप है कि यदि अस्पताल में सही से इलाज किया गया होता तो उसे बचाया जा सकता था। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस और सीएमओ से की है। प्रभारी सीएमओ डॉ. केएनएम त्रिपाठी का कहना है मामला संज्ञान में आया है, जांच कराकर जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।