{"_id":"77082","slug":"Banda-77082-41","type":"story","status":"publish","title_hn":"भागवत कथा से पहले कलश यात्रा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
भागवत कथा से पहले कलश यात्रा
Banda
Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
बांदा। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह परायण यज्ञ के पूर्व महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। विभिन्न मार्गों का भ्रमण करने के बाद यात्रा कंचनपुरवा स्थित काली देवी मंदिर में खत्म हुई। मंगलवार को कंचनपुरवा स्थित काली देवी मंदिर से कलश यात्रा शुरु हुई। शोभा यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश लिए आगे चल रही थीं। कटरा, बलखंडी नाका, महेश्वरी देवी चौराहा होते हुए यात्रा वापस काली मंदिर पहुंचकर खत्म हुई। पहले दिन बाल व्यास व्येंकटेश ने श्रीमद्भागवत कथा का महत्व बताया। कहा कि कथा सुनने मात्र से जीव भवसागर से पार हो जाता है। संयोजक श्याममोहन धुरिया ने बताया कि हफ्ते भर श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जाएगी। ब्यूरो
बांदा। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह परायण यज्ञ के पूर्व महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। विभिन्न मार्गों का भ्रमण करने के बाद यात्रा कंचनपुरवा स्थित काली देवी मंदिर में खत्म हुई। मंगलवार को कंचनपुरवा स्थित काली देवी मंदिर से कलश यात्रा शुरु हुई। शोभा यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश लिए आगे चल रही थीं। कटरा, बलखंडी नाका, महेश्वरी देवी चौराहा होते हुए यात्रा वापस काली मंदिर पहुंचकर खत्म हुई। पहले दिन बाल व्यास व्येंकटेश ने श्रीमद्भागवत कथा का महत्व बताया। कहा कि कथा सुनने मात्र से जीव भवसागर से पार हो जाता है। संयोजक श्याममोहन धुरिया ने बताया कि हफ्ते भर श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जाएगी। ब्यूरो