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महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के लिए श्रद्धालुओं की टुकड़ियां संगमनगरी पहुंचने लगी हैं। कल्पवासियों के लिए संगम क्षेत्र में तंबू सजाने वाले तीर्थ पुरोहितों और प्रशासन का दावा है कि शुक्रवार से श्रद्धालुओं का रेला उमड़ेगा। पौष पूर्णिमा स्नान 27 जनवरी को है।
प्रशासन का अनुमान है कि इस स्नान पर्व पर कल्पवासियों समेत लगभग 55 लाख लोग महाकुंभ क्षेत्र पहुंच सकते हैं। भीड़ के मद्देनजर सभी अस्थायी स्नानघाट तैयार कर लिए गए हैं। घाटों पर बैरिकेडिंग भी करा दी गई है। हालांकि गंगा में कटान के कारण स्नान से एक दिन पहले बैरिकेडिंग को आगे-पीछे किया जा सकता है।
तैयारियों की समीक्षा करने बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी भी संगम नगरी पहुंचे। उन्होंने मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर समस्याओं का जायजा भी लिया। पहले शाही स्नान मकर संक्रांति के मुकाबले इस स्नान पर्व में आधी भीड़ आने का अनुमान है लेकिन मेला प्रशासन तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता। कुंभ-2001 में पौष पूर्णिमा पर तकरीबन 50 लाख लोगों ने स्नान किया था। प्रशासन का अनुमान है कि इस बार पांच लाख स्नानार्थी बढ़ सकते हैं, सो तैयारियां 55 लाख स्नानार्थियों के हिसाब से ही की जा रही हैं।
बीस अस्थायी स्नानघाट तैयार कर लिए गए हैं। इसके अलावा चार पक्के स्नानघाटों पर भी तैयारी पूरी कर ली गई है। भीड़ किसी एक घाट पर इकट्ठा न हो जाए, इसके लिए प्रमुख स्नानपर्व वाले दिन अलग-अलग दिशाओं से आने वाली भीड़ को हर घाट की तरफ भेजने को ट्रैफिक डायवर्जन प्लान भी तैयार किया गया है। भीड़ के दौरान जाम से निपटने के लिए मेला प्रशासन ने सेक्टर एक से पांच तक सभी जगह रोड पटरियों से दुकानों को हटवाना शुरू कर दिया है।
संगम नोज के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। मुख्य स्नान पर्व वाले दिन संगम की तरफ नौकाएं ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है। कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी ने अखाड़ों के साथ बैठक कर व्यवस्था में सहयोग को कहा है। तैयारियों का जायजा लेने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी बृहस्पतिवार शाम संगम घाट पहुंचे। उन्होंने कई अस्थायी स्नानघाटों का निरीक्षण किया और खामियां दूर करने को 24 घंटे का वक्त दिया।
महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के लिए श्रद्धालुओं की टुकड़ियां संगमनगरी पहुंचने लगी हैं। कल्पवासियों के लिए संगम क्षेत्र में तंबू सजाने वाले तीर्थ पुरोहितों और प्रशासन का दावा है कि शुक्रवार से श्रद्धालुओं का रेला उमड़ेगा। पौष पूर्णिमा स्नान 27 जनवरी को है।
प्रशासन का अनुमान है कि इस स्नान पर्व पर कल्पवासियों समेत लगभग 55 लाख लोग महाकुंभ क्षेत्र पहुंच सकते हैं। भीड़ के मद्देनजर सभी अस्थायी स्नानघाट तैयार कर लिए गए हैं। घाटों पर बैरिकेडिंग भी करा दी गई है। हालांकि गंगा में कटान के कारण स्नान से एक दिन पहले बैरिकेडिंग को आगे-पीछे किया जा सकता है।
तैयारियों की समीक्षा करने बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी भी संगम नगरी पहुंचे। उन्होंने मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर समस्याओं का जायजा भी लिया। पहले शाही स्नान मकर संक्रांति के मुकाबले इस स्नान पर्व में आधी भीड़ आने का अनुमान है लेकिन मेला प्रशासन तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता। कुंभ-2001 में पौष पूर्णिमा पर तकरीबन 50 लाख लोगों ने स्नान किया था। प्रशासन का अनुमान है कि इस बार पांच लाख स्नानार्थी बढ़ सकते हैं, सो तैयारियां 55 लाख स्नानार्थियों के हिसाब से ही की जा रही हैं।
बीस अस्थायी स्नानघाट तैयार कर लिए गए हैं। इसके अलावा चार पक्के स्नानघाटों पर भी तैयारी पूरी कर ली गई है। भीड़ किसी एक घाट पर इकट्ठा न हो जाए, इसके लिए प्रमुख स्नानपर्व वाले दिन अलग-अलग दिशाओं से आने वाली भीड़ को हर घाट की तरफ भेजने को ट्रैफिक डायवर्जन प्लान भी तैयार किया गया है। भीड़ के दौरान जाम से निपटने के लिए मेला प्रशासन ने सेक्टर एक से पांच तक सभी जगह रोड पटरियों से दुकानों को हटवाना शुरू कर दिया है।
संगम नोज के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। मुख्य स्नान पर्व वाले दिन संगम की तरफ नौकाएं ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है। कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी ने अखाड़ों के साथ बैठक कर व्यवस्था में सहयोग को कहा है। तैयारियों का जायजा लेने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी बृहस्पतिवार शाम संगम घाट पहुंचे। उन्होंने कई अस्थायी स्नानघाटों का निरीक्षण किया और खामियां दूर करने को 24 घंटे का वक्त दिया।