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यूपी : प्रदेश के 64 माफियाओं की नई लिस्ट जारी, प्रयागराज के दिलीप मिश्र, राजेश यादव और बच्चा पासी भी शामिल
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 21 Apr 2023 12:46 AM IST
यूपी सरकार ने प्रदेश में सक्रिय माफियाओं की नई लिस्ट जारी की है। जोनवार तैयार किए गए इस लिस्ट में 64 सक्रिय माफियाओं के नाम हैं जो अपना गैंग चला रहे हैं। इसमें प्रयागराज जोन के बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी, दिलीप मिश्र, राजेश यादव, गणेश यादव, डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, जावेद, कमरुल हसन और जाबिर हुसैन का नाम शामिल है।
यूपी सरकार ने प्रदेश में सक्रिय माफियाओं की नई लिस्ट जारी की है। जोनवार तैयार किए गए इस लिस्ट में 64 सक्रिय माफियाओं के नाम हैं जो अपना गैंग चला रहे हैं। इसमें प्रयागराज जोन के बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी, दिलीप मिश्र, राजेश यादव, गणेश यादव, डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, जावेद, कमरुल हसन और जाबिर हुसैन का नाम शामिल है।
मंत्री नंदी पर हमले और डॉ. एके बंसल हत्याकांड में दिलीप का आया था नाम
सूची में शामिल दिलीप मिश्र नैनी इलाके के लवायन कला गांव का निवासी है। यह नैनी के चाका का ब्लाक प्रमुख रह चुका है। इसकी पत्नी गांव की प्रधान और जिला पंचायत सदस्य रह चुकी है। यूपी के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी पर हुए हमले में इसका नाम आया था। हमले में नंदी गंभीर रूप से घायल हो गए थे जबकि एक सिपाही समेत दो लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा दिलीप मिश्र शहर के नामचीन डॉक्टर और जीवन ज्योति हास्पिटल के संचालक डॉ. एके बंसल की हत्या में भी नामजद है। दिलीप फिलहाल फतेहगढ़ की जेल में बंद है। गत दिनों जेलर को धमकाने के मामले में भी उस पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
दो बार पार्षद रह चुका है बच्चा पासी, दर्ज हैं कई मुकदमें
सुलेमसराय से दो बार के पार्षद बच्चा पासी पर पहला मुकदमा धूमनगंज थाने में 2001 में आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ। धूमनगंज थाने में इसी साल दर्ज दूसरे केस में उस पर नशीली दवाओं की तस्करी का आरोप लगा। दो साल बाद सिविल लाइंस थाने में उस पर लगातार दो मुकदमे दर्ज हुए जिनमें से एक में लूट जबकि दूसरे में डकैती का आरोप लगा। इस तरह उस पर दर्ज मुकदमों की फेहरिस्त लंबी होती गई लेकिन जरायम की दुनिया में वह चर्चित 2006 में हुआ।
मुंबई के काला घोड़ा शूट आउट में नाम आने के बाद उसका नाम अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गे के तौर पर लिया जाने लगा। इस शूटआउट में उसके साथ ही झूंसी के राजेश यादव व खान मुबारक के भाई जफर का भी नाम आया। लेकिन बाद में अदालत से वह बरी हो गया। बता दें कि अम्तूबर 2006 में मुंबई के कालाघोड़ा इलाके में पेशी पर आए दो बंदियों को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था। जिसे छोटा राजन गैंग का नाम आया था। इसके बाद 2007 में कचहरी लूट व हत्याकांड में भी बच्चा का नाम आया।
13 साल से पार्षद की कुर्सी पर कब्जा
कचहरी लूटकांड में नाम आने के बाद बच्चा पासी ने राजनीति का रुख किया। 2007 वह साल था था जिसमें पहली बार उसने बसपा से चुनाव लडक़र पार्षदी हथिया ली। 2012 में महिला सीट होने पर उसने अपनी पत्नी रजिता को चुनाव लड़वाया जो भारी मतों से जीतकर पार्षद बनी। 2017 में फिर से बच्चा ने किस्मत आजमाई और लगातार तीसरी बार सीट पर कब्जा जमाया। इस तरह 13 साल से पार्षदी की सीट पर उसने कब्जा बरकरार रखा है।
डॉ. कार्तिकेय शर्मा अपहरण कांड में आया था राजेश यादव का नाम, छोटा राजन का है शार्प शूटर
डा. कार्तिकेय शर्मा को 2004 में सिविल लाइंस में उनके घर के पास से ही उठा लिया गया था। पुलिस ने जांच शुरू की तो राजेश यादव और श्लोक पंडित के नाम सामने आए। पुलिस उन्हें पकड़ने का प्रयास करती रही। मामला प्रदेश स्तर तक चर्चित रहा और तत्कालीन डीजीपी खुद पर्यवेक्षण करने लगे। करीब दस दिन बाद कार्तिकेय शर्मा छूटकर वापस आए। वह तो वापस आए गए लेकिन राजेश और श्लोक जरायम की दुनिया का बड़ा नाम बन गए थे। पुलिस ने श्लोक को वाराणसी में मुठभेड़ में मार गिराया। राजेश मुंबई भाग निकला था। इसी दौरान उसकी मुलाकात छोटा राजन के एक करीबी से हुई और वह राजन गिरोह से जुड़ गया।
16 अक्टूबर 2006 को मुंबई में काला घोड़ा इलाके में दिन दहाड़े शूटआउट हुआ था। इसे छोटा राजन ने अपने गुर्गों से अंजाम दिलवाया था। बाद में पता चला कि राजन ने इसे अपने यूपी वाले गिरोह यानी राजेश यादव और खान मुबारक (अंबडेकरनगर) के माध्यम से करवाया। खान के भाई जफर सुपारी के पकड़े जाने के बाद बच्चा पासी को पुलिस ने उठा लिया था। राजेश, बच्चा के अलावा अशोक नगर के नीरज बाल्मीकि और झूंसी के आशीष मिश्रा का भी नाम काला घोड़ा शूटआउट में आया था। इस कांड के बाद छोटा राजन इतना खुश हुआ कि उसने राजेश यादव को नए शूटरों को गिरोह से जोड़ने की जिम्मेदारी दे दी। पिछले कुछ सालों से राजेश जमीन की खरीद फरोख्त और रंगदारी के धंधे में है। जरायम के पैसों से उसने करोड़ों की संपत्ति बना ली है। योगी सरकार वन में झूंसी स्थित इसके मकान को ध्वस्त कर दिया गया था।
यूपी के 64 माफियाओं की नई सूची जारी
मेरठ जोन से उधम सिंह, योगेश भदोड़ा का नाम
सूची में बदन सिंह बद्दो, हाजी याकूब कुरैशी का नाम
शारिक, सुनील राठी,धर्मेंद्र, यशपाल तोमर का भी नाम
अमर पाल कालू, अनुज बारखा, विक्रांत विक्की का नाम
हाजी इकबाल,विनोद शर्मा, सुनील उर्फ मूंछ का नाम
संजीव माहेश्वरी,विनय त्यागी उर्फ टिंकू का भी नाम
आगरा जोन से अनिल चौधरी, ऋषि कुमार शर्मा का नाम
बरेली जोन से माफिया एजाज का नाम सूची में शामिल
लखनऊ जोन से खान मुबारक, अजय सिपाही का नाम
संजय सिंह सिंघाला, अतुल वर्मा, मो. सहीम का नाम
प्रयागराज जोन से डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह का नाम
लखनऊ जोन से सुधाकर सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह का
नाम
वाराणसी जोन से मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह का नाम
वाराणसी जोन से विजय मिश्रा,कुंटू सिंह का नाम शामिल
वाराणसी जोन से अखंड सिंह, रमेश सिंह काका का नाम
गोरखपुर जोन से राजन तिवारी, रामू द्विवेदी का नाम
गोरखपुर जोन से राकेश यादव,सुधीर सिंह का नाम शामिल
गोरखपुर जोन से विनोद उपाध्याय,रिजवान जहीर माफिया
गोरखपुर जोन से देवेंद्र सिंह का भी नाम सूची में शामिल
नोएडा कमिश्नरेट से सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी का नाम
नोएडा कमिश्नरेट से अमित कसाना, अनिल भाटी का नाम
नोएडा कमिश्नरेट से रणदीप भाटी, मनोज आसे का नाम
नोएडा कमिश्नरेट से माफिया अनिल दुजाना का भी नाम
कानपुर कमिश्नरेट से सऊद अख्तर, अनुपम दुबे का नाम
लखनऊ कमिश्नरेट से लल्लू यादव, बच्चू यादव का नाम
लखनऊ कमिश्नरेट से जुगनू वालिया उर्फ हरिवंदर का नाम
प्रयागराज कमिश्नरेट से बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी का नाम
माफिया सूची में दिलीप मिश्रा, जावेद, राजेश यादव का नाम
गणेश यादव, कमरुल हसन, जाविर हुसैन का भी नाम है
वाराणसी कमिश्नरेट से अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर का नाम
सूची में बृजेश कुमार सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर का भी नाम.
नौ महीने से फरार है माे. जावेद उर्फ पप्पू गंजिया
इस सूची में शामिल मो. जावेद उर्फ पप्पू गंजिया नौ महीने से फरार है। नैनी के गंजिया का रहने वाला पप्पू पहले दबंगई करता था। धीरे-धीरे उसका जरायम की दुनिया में नाम बड़ा होता चला गया। इस पर कुल 42 मुकदमे दर्ज हैं। नैनी थाने का यह हिस्ट्रीशीटर भी है। नैनी के अलावा उस पर घरूपर, कोतवाली, धूमनगंज में भी मुकदमा है। रंगदारी मांगने के मामले में वांछित पप्पू के घर पर दो महीने पहले ही कुर्की की कार्रवाई की गई है।
कमरुल हसन और जाबिर हुसैन
बेली निवासी कमरुल हसन और उसका भाई जाबिर कुख्यात अपराधी हैं। जमीन पर कब्जा करना, रंगदारी मांगने समेत तमाम धाराओं में उन पर मुकदमे दर्ज हैं। जाबिर पर 18 और कम्मू पर 16 आपराधिक मुकदमे हैं। कभी दोनों भाई अतीक अहमद के बेहद करीबी थे। सपा सरकार में करेली थाना क्षेत्र स्थित कब्रिस्तान की कुछ जमीन को प्लाटिंग करके बेचने के मामले में अतीक नाराज हो गया था। बाद में उसने इन जमीनों पर बने मकानों को जेसीबी चलवाकर ढहवा दिया था। इसके बाद वह कांड हुआ जिसने जिले को हिला दिया। 2015 में ईद के दिन मरियाडीह में प्रधान आबिद की चचेरी बहन अल्कमा और ड्राइवर को गोलियों से भून दिया गया था।
दोहरे हत्याकांड में आबिद ने कम्मों और जाबिर समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गलत नामजदगी का आरोप लगाते हुए हंगामा भी हुआ था। बाद में सरकार बदलने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर दोहरे हत्याकांड की विवेचना शुरू हुई तो कहानी पलट गई। पुलिस ने दावा किया कि अतीक और अशरफ के इशारे पर आबिद प्रधान ने साजिशन हत्या करवाई और फिर दोनों भाइयों को फंसा दिया। इस घटनाक्रम के बाद कम्मो और जाबिर ने खुद को अतीक गैंग से अलग करके नया गुट बनाया। फिर अपराध के बल पर प्रापर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिया।
गणेश पर 10 मुकदमे हैं दर्ज
हवेलिया झूसी निवासी गणेश यादव पर 10 मुकदमे दर्ज हैं। 2020 में माफिया के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उसके आलीशान मकान को भी बुलडोजर चलवाकर ढहा दिया गया था।
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