इलाहाबाद और फूलपुर दोनों सीट के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार सपा से आगे रहे। फूलपुर में तो भाजपा की केशरी देवी पटेल को हर विधानसभा में एक लाख से अधिक वोट मिले हैं। इसका नतीजा रहा कि पिछले साल हुए उपचुनाव से अधिक वोट पाने के बावजूद गठबंधन के पंधारी यादव 1.71 लाख से अधिक मतों से हार गए।
उपचुनाव में सपा के नागेंद्र सिंह पटेल ने 3,42,922 वोट पाकर जीत हासिल की थी। इसके विपरीत पंधारी यादव को 3,72,733 वोट मिले हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि भाजपा के गढ़ शहर उत्तरी में भी पंधारी को 45,391 वोट मिले हैं, जो पूर्व चुनावों की तुलना में अधिक है। इसके बावजूद भाजपा की केशरी देवी इस विधानसभा में पंधारी से 60 हजार से अधिक मताें की बढ़त बनाने में सफल रहीं। केशरी देवी सपा के मजबूत गढ़ फूलपुर और सोरांव विधानसभा में भी सपा उम्मीदवार से बढ़त बनाने में सफल रहीं। हालांकि फूलपुर में उन्हें करीब साढ़े दस हजार तथा सोरांव में 18 हजार अधिक वोट ही मिले हैं। पश्चिमी में केशरी 50 हजार से अधिक वोट से आगे रहीं तो फाफामऊ में भी 25 हजार से अधिक मतों की बढ़त बनाने में सफल रहीं।
उधर, इलाहाबाद में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी को मेजा में सपा के राजेंद्र पटेल से कड़ी टक्कड़ मिली। ब्राह्मण बहुल इस क्षेत्र में रीता को बड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद थी। खास यह कि कांग्रेस के योगेश शुक्ला को भी मात्र 3409 वोट मिले हैं। इसके बावजूद वह इस क्षेत्र में करीब 17 हजार मतों से ही बढ़त बनाने में सफल हो पाईं। इसके विपरीत अनुसूचित जाति तथा कोल बिरादरी की प्रभावी संख्या को देखते हुए बारा और कोरांव विधानसभा क्षेत्र में रीता को सपा से कड़ी टक्कड़ मिलने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन दोनों क्षेत्र में वह 40 हजार से अधिक मतों से बढ़त बनाने में सफल रहीं।
दोनों ही विधानसभा में रीता को एक लाख से अधिक वोट मिले हैं। सपा के वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह के क्षेत्र करछना में भी रीता को 98,832 वोट मिले हैं और सपा उम्मीदवार से करीब 28 मतों से आगे रहीं। शहर दक्षिणी में रीता सपा उम्मीदवार से 51 हजार से अधिक मतों से आगे रहीं। शहर दक्षिणी में रीता को 98,470 वोट मिले। इस क्षेत्र में कांग्रेस के योगेश शुक्ला को अन्य विधानसभा की तुलना में सबसे अधिक 11517 मत मिले हैं।
इलाहाबाद और फूलपुर दोनों सीट के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार सपा से आगे रहे। फूलपुर में तो भाजपा की केशरी देवी पटेल को हर विधानसभा में एक लाख से अधिक वोट मिले हैं। इसका नतीजा रहा कि पिछले साल हुए उपचुनाव से अधिक वोट पाने के बावजूद गठबंधन के पंधारी यादव 1.71 लाख से अधिक मतों से हार गए।
उपचुनाव में सपा के नागेंद्र सिंह पटेल ने 3,42,922 वोट पाकर जीत हासिल की थी। इसके विपरीत पंधारी यादव को 3,72,733 वोट मिले हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि भाजपा के गढ़ शहर उत्तरी में भी पंधारी को 45,391 वोट मिले हैं, जो पूर्व चुनावों की तुलना में अधिक है। इसके बावजूद भाजपा की केशरी देवी इस विधानसभा में पंधारी से 60 हजार से अधिक मताें की बढ़त बनाने में सफल रहीं। केशरी देवी सपा के मजबूत गढ़ फूलपुर और सोरांव विधानसभा में भी सपा उम्मीदवार से बढ़त बनाने में सफल रहीं। हालांकि फूलपुर में उन्हें करीब साढ़े दस हजार तथा सोरांव में 18 हजार अधिक वोट ही मिले हैं। पश्चिमी में केशरी 50 हजार से अधिक वोट से आगे रहीं तो फाफामऊ में भी 25 हजार से अधिक मतों की बढ़त बनाने में सफल रहीं।
उधर, इलाहाबाद में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी को मेजा में सपा के राजेंद्र पटेल से कड़ी टक्कड़ मिली। ब्राह्मण बहुल इस क्षेत्र में रीता को बड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद थी। खास यह कि कांग्रेस के योगेश शुक्ला को भी मात्र 3409 वोट मिले हैं। इसके बावजूद वह इस क्षेत्र में करीब 17 हजार मतों से ही बढ़त बनाने में सफल हो पाईं। इसके विपरीत अनुसूचित जाति तथा कोल बिरादरी की प्रभावी संख्या को देखते हुए बारा और कोरांव विधानसभा क्षेत्र में रीता को सपा से कड़ी टक्कड़ मिलने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन दोनों क्षेत्र में वह 40 हजार से अधिक मतों से बढ़त बनाने में सफल रहीं।
दोनों ही विधानसभा में रीता को एक लाख से अधिक वोट मिले हैं। सपा के वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह के क्षेत्र करछना में भी रीता को 98,832 वोट मिले हैं और सपा उम्मीदवार से करीब 28 मतों से आगे रहीं। शहर दक्षिणी में रीता सपा उम्मीदवार से 51 हजार से अधिक मतों से आगे रहीं। शहर दक्षिणी में रीता को 98,470 वोट मिले। इस क्षेत्र में कांग्रेस के योगेश शुक्ला को अन्य विधानसभा की तुलना में सबसे अधिक 11517 मत मिले हैं।