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हाईकोर्ट समीक्षा अधिकारी के स्टेज-१ का रिजल्ट जारी ० आरओ के १३२ पदों पर भर्ती के लिए १२ जनवरी को हुई थी परीक्षा ० अभ्यर्थियों की मांग, यूपीपीएससी की तर्ज पर जारी हो अभ्यर्थन वापसी की विज्ञप्ति
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) स्टेज-१ का रिजल्ट का जारी कर दिया है। आरओ के १३२ पदों पर भर्ती के लिए स्टेज-१ की परीक्षा इस साल १२ जनवरी को आयोजितन की गई थी। इसके बाद कंप्यूटर पर टाइप टेस्ट होगा और फिर अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा।
स्टेज-१ का रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थी मांग रहे हैं कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की तर्ज पर हाईकोर्ट भी एक ऐसी विज्ञप्ति जारी करे, जिसमें अभ्यर्थियों से पूछा जाए कि अगर वे अपना अभ्यर्थन निरस्त कराना चाहता है तो आवेदन करें, ताकि मेरिट में नीचे रह गए अन्य अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ सकें। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट की समीक्षा अधिकारी परीक्षा में शामिल हुए तमाम अभ्यर्थियों का चयन यूपीपीएससी की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ)-२०१७ में चयन हो चुका है, जिसका अंतिम चयन परिणाम आयोग ने तीन मार्च को जारी किया था। इसके अलावा कई अभ्यर्थियों का चयन अन्य परीक्षाओं में हो चुका है। जिन अभ्यर्थियों का चयन यूपीपीएससी की आरओ/एआरओ की परीक्षा में हो चुका है,ख्उनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी यूपीपीएससी की परीक्षा के माध्यम से सचिवालय में आरओ के पद को अधिक महत्व देंगे। इनमें से कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट आरओ की स्टेज-१ की परीक्षा में सफलता हासिल की है। यूपीपीएससी ने आरओ/एआरओ-२०१९ की लिखित परीक्ष का परिणाम जारी करने से पहले एक विज्ञप्ति जारी कर पूछा था कि जो अभ्यर्थी अपना अभ्यर्थन निरस्त कराना चाहते हैं, वे आयोग में आवेदन दे सकते हैं। विज्ञप्ति इसलिए जारी की गई थी, क्योंकि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का चयन पीसीएस-२०१७ में हो चुका था और अगर उनका चयन आरओ/एआरओ की परीक्षा में भी हो जाता तो वे इस पद पर ज्वाइन नहीं करते। कई अभ्यर्थियों ने आयोग में अपना अभ्यर्थन निरस्त कराने के लिए आवेदन किया था और इससे मेरिट में नीचे रह गए अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ गए थे। हाईकोर्ट आरओ परीक्षा के अभ्यर्थी भी यही मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर हाईकोर्ट ऐसी विज्ञप्ति जारी करता है तो जो अभ्यर्थी मेरिट में काफी नीचे रह गए हैं और उन्हें स्टेज-१ की परीक्षा में सफलता नहीं मिली है, उनके लिए भी चयन के अवसर बढ़ जाएंगे। ऐसे में उन्हें आरओ परीक्षा के कंप्यूटर टाइप टेस्ट में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।
हाईकोर्ट समीक्षा अधिकारी के स्टेज-१ का रिजल्ट जारी ० आरओ के १३२ पदों पर भर्ती के लिए १२ जनवरी को हुई थी परीक्षा ० अभ्यर्थियों की मांग, यूपीपीएससी की तर्ज पर जारी हो अभ्यर्थन वापसी की विज्ञप्ति
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) स्टेज-१ का रिजल्ट का जारी कर दिया है। आरओ के १३२ पदों पर भर्ती के लिए स्टेज-१ की परीक्षा इस साल १२ जनवरी को आयोजितन की गई थी। इसके बाद कंप्यूटर पर टाइप टेस्ट होगा और फिर अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा।
स्टेज-१ का रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थी मांग रहे हैं कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की तर्ज पर हाईकोर्ट भी एक ऐसी विज्ञप्ति जारी करे, जिसमें अभ्यर्थियों से पूछा जाए कि अगर वे अपना अभ्यर्थन निरस्त कराना चाहता है तो आवेदन करें, ताकि मेरिट में नीचे रह गए अन्य अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ सकें। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट की समीक्षा अधिकारी परीक्षा में शामिल हुए तमाम अभ्यर्थियों का चयन यूपीपीएससी की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ)-२०१७ में चयन हो चुका है, जिसका अंतिम चयन परिणाम आयोग ने तीन मार्च को जारी किया था। इसके अलावा कई अभ्यर्थियों का चयन अन्य परीक्षाओं में हो चुका है। जिन अभ्यर्थियों का चयन यूपीपीएससी की आरओ/एआरओ की परीक्षा में हो चुका है,ख्उनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी यूपीपीएससी की परीक्षा के माध्यम से सचिवालय में आरओ के पद को अधिक महत्व देंगे। इनमें से कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट आरओ की स्टेज-१ की परीक्षा में सफलता हासिल की है। यूपीपीएससी ने आरओ/एआरओ-२०१९ की लिखित परीक्ष का परिणाम जारी करने से पहले एक विज्ञप्ति जारी कर पूछा था कि जो अभ्यर्थी अपना अभ्यर्थन निरस्त कराना चाहते हैं, वे आयोग में आवेदन दे सकते हैं। विज्ञप्ति इसलिए जारी की गई थी, क्योंकि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का चयन पीसीएस-२०१७ में हो चुका था और अगर उनका चयन आरओ/एआरओ की परीक्षा में भी हो जाता तो वे इस पद पर ज्वाइन नहीं करते। कई अभ्यर्थियों ने आयोग में अपना अभ्यर्थन निरस्त कराने के लिए आवेदन किया था और इससे मेरिट में नीचे रह गए अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ गए थे। हाईकोर्ट आरओ परीक्षा के अभ्यर्थी भी यही मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर हाईकोर्ट ऐसी विज्ञप्ति जारी करता है तो जो अभ्यर्थी मेरिट में काफी नीचे रह गए हैं और उन्हें स्टेज-१ की परीक्षा में सफलता नहीं मिली है, उनके लिए भी चयन के अवसर बढ़ जाएंगे। ऐसे में उन्हें आरओ परीक्षा के कंप्यूटर टाइप टेस्ट में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।