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ज्ञानवापी केस : शृंगार गौरी की नियमित पूजा होने के बारे में गवाहों ने दिए थे बयान

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 08 Dec 2022 09:53 PM IST
सार

तकरीबन एक घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए 13 दिसंबर की तिथि तय कर दी है। राखी सिंह तथा अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

ज्ञानवापी
ज्ञानवापी - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शृंगार गौरी की नियमित पूजा किए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बृहस्पतिवार को भी सुनवाई हुई। मंदिर पक्ष की ओर से 1937 में दीन मोहम्मद के केस का हवाला दिया गया। कहा गया, गवाहों ने अपने बयान में बताया था कि वहां शृंगार गौरी, गणेश, हनुमान सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सभी देवी-देवताओं की पूजा होती रही। 




तकरीबन एक घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए 13 दिसंबर की तिथि तय कर दी है। राखी सिंह तथा अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। बहस के दौरान मंदिर पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने तथ्य पेश किए। 



उन्होंने ब्रिट्रिश जिला मजिस्ट्रेट जेम्स प्रिंसेस की किताब ‘बनारस इलेस्ट्रेटेड’ और बीएचयू के इतिहासविद् एएस अल्टेकर की किताब का हवाला देते हुए शृंगार गौरी, गणेश और हनुमान सहित अन्य देवी-देवताओं की नियमित पूजा होने की बात कही। बताया, दीन मोहम्मद के केस में 12 गवाहों की ओर से दिए गए बयान में भी यह बात कही गई थी कि शृंगार गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं की नियमित पूजा होती रही है।

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