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कुलपति के खिलाफ सड़क पर निकले हजारों छात्र
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद
Updated Tue, 12 Jun 2018 12:53 AM IST
इलाहाबाद
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कुलपति के खिलाफ छात्रों ने सोमवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। चार सूत्रीय मांगों को लेकर तकरीबन पचास छात्र अनशन पर बैठ गए। वहीं, शाम को हजारों छात्र लेकर सड़क पर निकल पड़े और कैंडल मार्च निकाला। कुलपित के खिलाफ शुरू हुए इस आंदोलन में एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले एबीवीपी और समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता एक साथ नजर आए।
छात्रों की मांग है कि हॉस्टल वॉशआउट के विरोध में हुएबवाल के दौरान छात्रों पर दर्ज किया गया मुकदमा वापस लिया जाए और उन्हें एक जेल में रखा जाए। इविवि में भ्रष्टाचार और शिक्षक भर्ती में धांधली की सीबीआई जांच कराई जाए। दिनभर क्रमिक अनशन पर बैठने के बाद शाम छह बजे हजारों छात्रों ने शहीद लाल पद्मधर को नमन करते हुए छात्रसंघ भवन से मशाल जुलूस निकाला। जुलूस नेतराम चौराहा, मनमोहन पार्क, हिंदू हॉस्टल चौराहा होते हुए चंद्रशेखर आजाद पार्क में समाप्त हुआ। जुलूस में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री एवं इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र, समाजवादी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता एवं इविवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह के साथ पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे, पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता, छात्र नेता अजीत विधायक, आनंद सिंह निक्कू, अनुभव सिंह, रजनीश सिंह रिशु, विशाल सिंह, सौरभ सिंह, अंकुश यादव, अदनान, अरिवंदि सरोज समेत इविवि और सभी संघटक कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारी शामिल रहे। छात्रों ने कहा कि जब तक इविवि में भ्रष्टाचार और शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच नहीं होती है, छात्रों का यह आंदोलन जारी रहेगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल वॉशआउट मुद्दे पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के छात्रों ने सोमवार को जिलाध्यक्ष कोमलाक्ष नारायण गिरि के नेतृत्व में इविवि छात्रसंघ भवन पर कुलपति का पुतला फूंका। 11 छात्र नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजे जाने से नाराज छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू को हटाने का निर्णय नहीं लिया तो उग्र आंदोलन होगा। पुतला फूंकने वालों में अनुभव सिंह, विशाल सिंह, रिशु, आजाद तिवारी, विवेक पांडेय, ऋषभ रावत, अरुण प्रताप सिंह, आनंद शुक्ला, करन सिंह परिहार, रजत मिश्र आदि शामिल रहे।
समाजवादी पार्टी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने इविवि में हॉस्टल वॉशआउट के मुद्दे पर बालसन चौराहे पर धरना दिया। कार्यकर्ताओं ने छात्र नेताओं पर दर्ज मुकदमा वापस लेने और उन्हें रिहा किए जाने की मांग की। धरने में रवि यादव, अनुराग सहगल, राजा यादव, अखिलेश सिंह, अरविंद कुमार, संदीप यादव, गोलू मिश्र आदि मौजूद रहे।
इविवि में भ्रष्टाचार, छात्रनेताओं की गिरफ्तारी और उन्हें जेल भेजे जाने के मुद्दे पर कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की थी। साथ ही छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और उन्हें एक जेल में रखने की मांग की थी। प्रमोद तिवारी का कहना था कि छात्र आंदोलनकारी होते सकते हैं लेकिन अपराधी नहीं। प्रमोद तिवारी की मांगों पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति और सीएम को पत्र भेजा है। राष्ट्रपति को भेजे पत्र में इविवि से संबंधित मुद्दों का जिक्र किया गया है जबकि सीएम को भेजे गए पत्र में लॉ एंड आर्डर से जुड़े मामलों का जिक्र है, जिसमें प्रमोद तिवारी की ओर छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लिए जाने की मांग भी शामिल है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कुलपति के खिलाफ छात्रों ने सोमवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। चार सूत्रीय मांगों को लेकर तकरीबन पचास छात्र अनशन पर बैठ गए। वहीं, शाम को हजारों छात्र लेकर सड़क पर निकल पड़े और कैंडल मार्च निकाला। कुलपित के खिलाफ शुरू हुए इस आंदोलन में एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले एबीवीपी और समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता एक साथ नजर आए।
छात्रों की मांग है कि हॉस्टल वॉशआउट के विरोध में हुएबवाल के दौरान छात्रों पर दर्ज किया गया मुकदमा वापस लिया जाए और उन्हें एक जेल में रखा जाए। इविवि में भ्रष्टाचार और शिक्षक भर्ती में धांधली की सीबीआई जांच कराई जाए। दिनभर क्रमिक अनशन पर बैठने के बाद शाम छह बजे हजारों छात्रों ने शहीद लाल पद्मधर को नमन करते हुए छात्रसंघ भवन से मशाल जुलूस निकाला। जुलूस नेतराम चौराहा, मनमोहन पार्क, हिंदू हॉस्टल चौराहा होते हुए चंद्रशेखर आजाद पार्क में समाप्त हुआ। जुलूस में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री एवं इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र, समाजवादी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता एवं इविवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह के साथ पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे, पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता, छात्र नेता अजीत विधायक, आनंद सिंह निक्कू, अनुभव सिंह, रजनीश सिंह रिशु, विशाल सिंह, सौरभ सिंह, अंकुश यादव, अदनान, अरिवंदि सरोज समेत इविवि और सभी संघटक कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारी शामिल रहे। छात्रों ने कहा कि जब तक इविवि में भ्रष्टाचार और शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच नहीं होती है, छात्रों का यह आंदोलन जारी रहेगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल वॉशआउट मुद्दे पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के छात्रों ने सोमवार को जिलाध्यक्ष कोमलाक्ष नारायण गिरि के नेतृत्व में इविवि छात्रसंघ भवन पर कुलपति का पुतला फूंका। 11 छात्र नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजे जाने से नाराज छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू को हटाने का निर्णय नहीं लिया तो उग्र आंदोलन होगा। पुतला फूंकने वालों में अनुभव सिंह, विशाल सिंह, रिशु, आजाद तिवारी, विवेक पांडेय, ऋषभ रावत, अरुण प्रताप सिंह, आनंद शुक्ला, करन सिंह परिहार, रजत मिश्र आदि शामिल रहे।
समाजवादी पार्टी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने इविवि में हॉस्टल वॉशआउट के मुद्दे पर बालसन चौराहे पर धरना दिया। कार्यकर्ताओं ने छात्र नेताओं पर दर्ज मुकदमा वापस लेने और उन्हें रिहा किए जाने की मांग की। धरने में रवि यादव, अनुराग सहगल, राजा यादव, अखिलेश सिंह, अरविंद कुमार, संदीप यादव, गोलू मिश्र आदि मौजूद रहे।
इविवि में भ्रष्टाचार, छात्रनेताओं की गिरफ्तारी और उन्हें जेल भेजे जाने के मुद्दे पर कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की थी। साथ ही छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और उन्हें एक जेल में रखने की मांग की थी। प्रमोद तिवारी का कहना था कि छात्र आंदोलनकारी होते सकते हैं लेकिन अपराधी नहीं। प्रमोद तिवारी की मांगों पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति और सीएम को पत्र भेजा है। राष्ट्रपति को भेजे पत्र में इविवि से संबंधित मुद्दों का जिक्र किया गया है जबकि सीएम को भेजे गए पत्र में लॉ एंड आर्डर से जुड़े मामलों का जिक्र है, जिसमें प्रमोद तिवारी की ओर छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लिए जाने की मांग भी शामिल है।
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