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सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल पर दीनदयाल अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के नाम से एक-एक फर्जी आईडी बनाने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं, दीनदयाल अस्पताल में कोरोना काल में 247 बच्चों का जन्म होना भी दर्शाया गया है, जबकि इस दौरान कोविड अस्पताल में तब्दील दीनदयाल अस्पताल में कोई प्रसव नहीं हुआ। इस फर्जीवाड़े की पूरी रिपोर्ट ईडीएम (ई-डिस्ट्रिक मैनेजर) मनोज राजपूत ने डीएम चंद्रभूषण सिंह को सौंपी है। डीएम ने तत्काल प्रभाव से जिले के सभी अस्पतालों के सीआरएस पोर्टल पर बनी लॉग इन आईडी व पासवर्ड को निरस्त कर दिया है। अब नए सिरे से सभी अस्पतालों को आईडी व पासवर्ड जारी किए जाएंगे। वहीं, सीएमओ कार्यालय में सीआरएस पोर्टल का संचालन करने वाले संविदा कर्मी को इस फर्जीवाड़े का आरोपी मानते हुए उससे जवाब तलब किया है।
वर्तमान में जिले में 75 सरकारी और 414 निजी अस्पताल संचालित हैं। इन सभी में जन्म लेने वाले बच्चों व इलाज के दौरान मौत के आगोश में समाने वाले मरीजों का डाटा सीआरएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसी के आधार पर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं। सभी अस्पतालों की सीआरएस पोर्टल पर एक-एक अधिकृत लॉग इन आईडी बनी है। स्वास्थ्य विभाग इसकी निगरानी करता है। एसीएमओ स्तर के अधिकारी नोडल हैं, जबकि ईडीएम मनोज राजपूत तकनीकी नोडल अधिकारी हैं। पोर्टल का संचालन सीएमओ कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी कर रहा है।
ईडीएम मनोज राजपूत ने बताया कि पिछले दिनों सभी अस्पतालों की स्थिति जानने के लिए सीआरएस पोर्टल पर डाटा खंगाला। पोर्टल पर सभी अस्पतालों के नाम से एक-एक फर्जी आईडी मिली। जांच में सामने आया कि कोरोना काल में दीनदयाल अस्पताल (कोविड अस्पताल) में सिर्फ कोरोना मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा था, लेकिन उस दौरान अस्पताल में 247 बच्चों का जन्म दर्शाते हुए पोर्टल पर डाटा अपलोड कर प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इस मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर संविदा कर्मी से जवाब तलब किया गया है। उसने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। संविदा कर्मी का कहना है कि शासन द्वारा दो-दो आईडी जारी की गई हैं। इस पर शासन को भी यहां से एक रिपोर्ट भेजी गई है।
जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के मुताबिक, सभी आईडी व पासवर्ड को निरस्त कर दिया है। दोबारा से पासवर्ड-आईडी जारी करने की प्रक्रिया के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि अन्य किन-किन अस्पतालों से इस प्रकार से दूसरी आईडी से जन्म प्रमाण पत्र जारी हुए हैं। साथ ही जांच कराकर इन जन्म प्रमाणपत्रों को भी निरस्त कराया जाएगा।
सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल पर दीनदयाल अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के नाम से एक-एक फर्जी आईडी बनाने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं, दीनदयाल अस्पताल में कोरोना काल में 247 बच्चों का जन्म होना भी दर्शाया गया है, जबकि इस दौरान कोविड अस्पताल में तब्दील दीनदयाल अस्पताल में कोई प्रसव नहीं हुआ। इस फर्जीवाड़े की पूरी रिपोर्ट ईडीएम (ई-डिस्ट्रिक मैनेजर) मनोज राजपूत ने डीएम चंद्रभूषण सिंह को सौंपी है। डीएम ने तत्काल प्रभाव से जिले के सभी अस्पतालों के सीआरएस पोर्टल पर बनी लॉग इन आईडी व पासवर्ड को निरस्त कर दिया है। अब नए सिरे से सभी अस्पतालों को आईडी व पासवर्ड जारी किए जाएंगे। वहीं, सीएमओ कार्यालय में सीआरएस पोर्टल का संचालन करने वाले संविदा कर्मी को इस फर्जीवाड़े का आरोपी मानते हुए उससे जवाब तलब किया है।
वर्तमान में जिले में 75 सरकारी और 414 निजी अस्पताल संचालित हैं। इन सभी में जन्म लेने वाले बच्चों व इलाज के दौरान मौत के आगोश में समाने वाले मरीजों का डाटा सीआरएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसी के आधार पर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं। सभी अस्पतालों की सीआरएस पोर्टल पर एक-एक अधिकृत लॉग इन आईडी बनी है। स्वास्थ्य विभाग इसकी निगरानी करता है। एसीएमओ स्तर के अधिकारी नोडल हैं, जबकि ईडीएम मनोज राजपूत तकनीकी नोडल अधिकारी हैं। पोर्टल का संचालन सीएमओ कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी कर रहा है।
ईडीएम मनोज राजपूत ने बताया कि पिछले दिनों सभी अस्पतालों की स्थिति जानने के लिए सीआरएस पोर्टल पर डाटा खंगाला। पोर्टल पर सभी अस्पतालों के नाम से एक-एक फर्जी आईडी मिली। जांच में सामने आया कि कोरोना काल में दीनदयाल अस्पताल (कोविड अस्पताल) में सिर्फ कोरोना मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा था, लेकिन उस दौरान अस्पताल में 247 बच्चों का जन्म दर्शाते हुए पोर्टल पर डाटा अपलोड कर प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इस मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर संविदा कर्मी से जवाब तलब किया गया है। उसने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। संविदा कर्मी का कहना है कि शासन द्वारा दो-दो आईडी जारी की गई हैं। इस पर शासन को भी यहां से एक रिपोर्ट भेजी गई है।
जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के मुताबिक, सभी आईडी व पासवर्ड को निरस्त कर दिया है। दोबारा से पासवर्ड-आईडी जारी करने की प्रक्रिया के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि अन्य किन-किन अस्पतालों से इस प्रकार से दूसरी आईडी से जन्म प्रमाण पत्र जारी हुए हैं। साथ ही जांच कराकर इन जन्म प्रमाणपत्रों को भी निरस्त कराया जाएगा।