आगरा में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली की टीम ने गुरुवार को सिकंदरा के औद्योगिक क्षेत्र स्थित दवा फैक्टरी जेपीईई ड्रग्स ग्रुप ऑफ कंपनीज पर छापा मारा। टीम के साथ पुलिस भी मौजूद रही। चार घंटे चली कार्रवाई के बाद फैक्टरी से दो मेटाडोर भरकर दवाएं और रिकॉर्ड को जब्त किया गया। इन दवाओं के नशीली की होने की आशंका है। टीम दवाओं को दिल्ली ले गई है। टीम इन दवाओं और रिकार्ड की जांच करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि दिल्ली में पिछले दिनों एयरपोर्ट पर कोरियर में नशे की दवाओं का जखीरा पकड़ा गया था। इस मामले की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम कर रही थी। एक सप्ताह पहले बल्केश्वर से दवा कारोबारी कपिल अग्रवाल को पकड़ा था। उससे पूछताछ की गई थी। इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र की जेपीईई ड्रग्स ग्रुप आफ कंपनीज का नाम आया।
इस पर टीम गुरुवार दोपहर को आई थी। चार घंटे चली कार्रवाई के दौरान पुलिस को भी बुलाया गया। फैक्टरी से दो मेटाडोर दवा जब्त की गईं। वहीं रिकॉर्ड भी जब्त किया गया। फैक्टरी मालिक विनोद अग्रवाल हैं।
पूछताछ में पता चला कि फैक्टरी में एंटी बायोटिक और दर्द निवारक दवाएं बनती हैं। एसपी सिटी ने बताया कि टीम दवाओं की जांच करेगी। उनके नशे की दवाएं होने की आशंका है। जांच के बाद ही स्थिति साफ हो गई। अगर, दवा कारोबारी विनोद अग्रवाल की कोई भूमिका मिलेगी तो एनसीबी कार्रवाई करेगी।
गोपनीय तरीके से हुई कार्रवाई
एनसीबी की कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय थी। टीम में शामिल सदस्यों ने रिकॉर्ड और दवाएं जब्त करने के बाद पुलिस को बुलाया। इस पर एसपी सिटी पहुंच गए। मेटाडोर भी किराये पर मंगवाई गईं। दवाओं की कीमत कितनी है? यह टीम ने नहीं बताया। किसी अन्य से बात नहीं की।
फैक्टरी मालिक हत्या के मामले में जेल में है बंद
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि जिस फैक्टरी में एनसीबी की टीम ने छापा मारा, उसका मालिक विनोद अग्रवाल जेल में हैं। उसके कर्मचारी किशोर कुमार निवासी नगला परसौती का शव 27 फरवरी को जगदीशपुरा के गांव मघटई में मिला था।
कर्मचारी 25 फरवरी को लापता हुआ था। उसका गला रेता गया था। इस मामले में थाना जगदीशपुरा में दवा कारोबारी विनोद अग्रवाल, कर्मचारी उस्मान, धर्मेंद्र और योगेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने दवा कारोबारी विनोद को 19 मार्च को जेल भेज दिया था।
एडीजी कर चुके हैं समीक्षा
आगरा में दवा के काले कारोबार को लेकर एडीजी राजीव कृष्ण सख्त हैं। पुलिस एक साल के अंदर कई गैंग पकड़ चुकी हैं। जिनसे नशे की दवाएं, सैंपल की दवाएं और एक्सपायर हो चुकी दवाओं का जखीरा पकड़ा जा चुका है। इन केस की पिछले दिनों एडीजी ने समीक्षा की थी। इस मामलों में प्रभावी कार्रवाई के लिए दिशानिर्देश दिए थे। दवा माफियाओं को चिह्नित किया जा रहा है। उनकी संपत्ति की भी जांच हो रही है।
विस्तार
आगरा में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली की टीम ने गुरुवार को सिकंदरा के औद्योगिक क्षेत्र स्थित दवा फैक्टरी जेपीईई ड्रग्स ग्रुप ऑफ कंपनीज पर छापा मारा। टीम के साथ पुलिस भी मौजूद रही। चार घंटे चली कार्रवाई के बाद फैक्टरी से दो मेटाडोर भरकर दवाएं और रिकॉर्ड को जब्त किया गया। इन दवाओं के नशीली की होने की आशंका है। टीम दवाओं को दिल्ली ले गई है। टीम इन दवाओं और रिकार्ड की जांच करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि दिल्ली में पिछले दिनों एयरपोर्ट पर कोरियर में नशे की दवाओं का जखीरा पकड़ा गया था। इस मामले की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम कर रही थी। एक सप्ताह पहले बल्केश्वर से दवा कारोबारी कपिल अग्रवाल को पकड़ा था। उससे पूछताछ की गई थी। इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र की जेपीईई ड्रग्स ग्रुप आफ कंपनीज का नाम आया।
इस पर टीम गुरुवार दोपहर को आई थी। चार घंटे चली कार्रवाई के दौरान पुलिस को भी बुलाया गया। फैक्टरी से दो मेटाडोर दवा जब्त की गईं। वहीं रिकॉर्ड भी जब्त किया गया। फैक्टरी मालिक विनोद अग्रवाल हैं।
पूछताछ में पता चला कि फैक्टरी में एंटी बायोटिक और दर्द निवारक दवाएं बनती हैं। एसपी सिटी ने बताया कि टीम दवाओं की जांच करेगी। उनके नशे की दवाएं होने की आशंका है। जांच के बाद ही स्थिति साफ हो गई। अगर, दवा कारोबारी विनोद अग्रवाल की कोई भूमिका मिलेगी तो एनसीबी कार्रवाई करेगी।
गोपनीय तरीके से हुई कार्रवाई
एनसीबी की कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय थी। टीम में शामिल सदस्यों ने रिकॉर्ड और दवाएं जब्त करने के बाद पुलिस को बुलाया। इस पर एसपी सिटी पहुंच गए। मेटाडोर भी किराये पर मंगवाई गईं। दवाओं की कीमत कितनी है? यह टीम ने नहीं बताया। किसी अन्य से बात नहीं की।
फैक्टरी मालिक हत्या के मामले में जेल में है बंद
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि जिस फैक्टरी में एनसीबी की टीम ने छापा मारा, उसका मालिक विनोद अग्रवाल जेल में हैं। उसके कर्मचारी किशोर कुमार निवासी नगला परसौती का शव 27 फरवरी को जगदीशपुरा के गांव मघटई में मिला था।
कर्मचारी 25 फरवरी को लापता हुआ था। उसका गला रेता गया था। इस मामले में थाना जगदीशपुरा में दवा कारोबारी विनोद अग्रवाल, कर्मचारी उस्मान, धर्मेंद्र और योगेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने दवा कारोबारी विनोद को 19 मार्च को जेल भेज दिया था।
एडीजी कर चुके हैं समीक्षा
आगरा में दवा के काले कारोबार को लेकर एडीजी राजीव कृष्ण सख्त हैं। पुलिस एक साल के अंदर कई गैंग पकड़ चुकी हैं। जिनसे नशे की दवाएं, सैंपल की दवाएं और एक्सपायर हो चुकी दवाओं का जखीरा पकड़ा जा चुका है। इन केस की पिछले दिनों एडीजी ने समीक्षा की थी। इस मामलों में प्रभावी कार्रवाई के लिए दिशानिर्देश दिए थे। दवा माफियाओं को चिह्नित किया जा रहा है। उनकी संपत्ति की भी जांच हो रही है।