कासगंज। शहर के अशोक नगर के बाहरी इलाके में बसी गंगा जमुनी कालोनी के बाशिंदे गांव से भी बदतर जीवन यापन कर रहे हैं। बस्ती में 10 बाद भी एक सड़क तक पक्की नहीं हो सकी है। स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं। नाली का निर्माण न होने से सड़क पर पानी भरा रहता है। अशोक नगर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज 300 मीटर दूर है। इसके बावजूद लोगों को रात में वहां तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती है।
अशोक नगद इलाके का काफी विस्तार हो चुका है। इस इलाके की गंगा जमुना कॉलोनी में 10 साल पहले लोगों ने अपने आवास बनाए थे। यहां अब करीब सौ परिवार रहते हैं। तब लोगों को लगा कि पक्की सड़क, पेयजल सहित अन्य सुविधाओं के मिलने से उनका जीवन सुधर जाएगा, लेकिन लोगों की यह आस आज तक पूरी नहीं हो सकी है।
रास्ते ऊबड़-खाबड़, रात में जाने से लगता है डर
कासगंज। अशोक नगर इलाके में शहर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है, गंगा जमुनी बस्ती से यह अस्पताल मुश्किल से 300 मीटर दूर है, लेकिन रास्ता ऊबड़-खाबड़ होने के कारण रात में इतनी दूरी तय करने में भी वाशिंदों को डर लगता है। पैदल चलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है।
बस स्टैंड जाने के लिए भी नहीं मिलता साधन
कासगंज। बस्ती से रोडवेज बस स्टैंड लगभग एक किमी दूर है। रात के समय यदि किसी बाशिंदे को अचानक बाहर जाना हो तो उसे परिवहन की सुविधा नहीं मिल पाती। उनको बाहर जाने के लिए या तो पैदल ही रास्ता तय करना पड़ता है या फिर दिन निकलने का इंतजार करना पड़ता है।
बारिश होने पर बस्ती की हालत खराब हो जाती है। जलभराव हो जाने पर घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। तेज बारिश होने पर कई दिनों तक पानी भरा रहता है-
ऊषा देवी, वाशिंदा
बस्ती में न तो पालिका ने सड़क ही विछाई है और न ही पेयजल के लिए पानी की लाइन। सरकारी हैंड पंप भी नहीं लगा है। काफी दिक्कतें रहती है। - भगवान दास, क्षेत्रीय निवासी
कॉलोनी के बाहरी इलाके में औद्योगिक क्षेत्र का गंदा पानी जमा रहता है। बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। दवा का छिड़काव तक नहीं कराया जाता। -सत्यपाल, क्षेत्रीय निवासी
नौकरी से रिटायर होने के बाद इस क्षेत्र में आकर अपना आवास बनाया था। पांच साल बाद भी पालिका की कोई सुविधा नसीब नहीं हुई है। वीपी सिंह यादव, क्षेत्रीय निवासी
कई साल से इस बस्ती में रहने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिल सकी है। जैसे हालात यहां पर है उससे अच्छे हालात तो आज गांव देहात में होते हैँ -शांती स्वरूप, क्षेत्रीय निवासी
पालिका के द्वारा सड़क का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे पानी की निकासी के इंतजाम नहीं हैैं। पाइप लाइन व सरकारी हैंडपंप न होने से पेयजल की भी दिक्कत रहती है। -प्रेमदास, क्षेत्रीय निवासी
कासगंज। शहर के अशोक नगर के बाहरी इलाके में बसी गंगा जमुनी कालोनी के बाशिंदे गांव से भी बदतर जीवन यापन कर रहे हैं। बस्ती में 10 बाद भी एक सड़क तक पक्की नहीं हो सकी है। स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं। नाली का निर्माण न होने से सड़क पर पानी भरा रहता है। अशोक नगर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज 300 मीटर दूर है। इसके बावजूद लोगों को रात में वहां तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती है।
अशोक नगद इलाके का काफी विस्तार हो चुका है। इस इलाके की गंगा जमुना कॉलोनी में 10 साल पहले लोगों ने अपने आवास बनाए थे। यहां अब करीब सौ परिवार रहते हैं। तब लोगों को लगा कि पक्की सड़क, पेयजल सहित अन्य सुविधाओं के मिलने से उनका जीवन सुधर जाएगा, लेकिन लोगों की यह आस आज तक पूरी नहीं हो सकी है।
रास्ते ऊबड़-खाबड़, रात में जाने से लगता है डर
कासगंज। अशोक नगर इलाके में शहर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है, गंगा जमुनी बस्ती से यह अस्पताल मुश्किल से 300 मीटर दूर है, लेकिन रास्ता ऊबड़-खाबड़ होने के कारण रात में इतनी दूरी तय करने में भी वाशिंदों को डर लगता है। पैदल चलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है।
बस स्टैंड जाने के लिए भी नहीं मिलता साधन
कासगंज। बस्ती से रोडवेज बस स्टैंड लगभग एक किमी दूर है। रात के समय यदि किसी बाशिंदे को अचानक बाहर जाना हो तो उसे परिवहन की सुविधा नहीं मिल पाती। उनको बाहर जाने के लिए या तो पैदल ही रास्ता तय करना पड़ता है या फिर दिन निकलने का इंतजार करना पड़ता है।
बारिश होने पर बस्ती की हालत खराब हो जाती है। जलभराव हो जाने पर घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। तेज बारिश होने पर कई दिनों तक पानी भरा रहता है-
ऊषा देवी, वाशिंदा
बस्ती में न तो पालिका ने सड़क ही विछाई है और न ही पेयजल के लिए पानी की लाइन। सरकारी हैंड पंप भी नहीं लगा है। काफी दिक्कतें रहती है। - भगवान दास, क्षेत्रीय निवासी
कॉलोनी के बाहरी इलाके में औद्योगिक क्षेत्र का गंदा पानी जमा रहता है। बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। दवा का छिड़काव तक नहीं कराया जाता। -सत्यपाल, क्षेत्रीय निवासी
नौकरी से रिटायर होने के बाद इस क्षेत्र में आकर अपना आवास बनाया था। पांच साल बाद भी पालिका की कोई सुविधा नसीब नहीं हुई है। वीपी सिंह यादव, क्षेत्रीय निवासी
कई साल से इस बस्ती में रहने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिल सकी है। जैसे हालात यहां पर है उससे अच्छे हालात तो आज गांव देहात में होते हैँ -शांती स्वरूप, क्षेत्रीय निवासी
पालिका के द्वारा सड़क का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे पानी की निकासी के इंतजाम नहीं हैैं। पाइप लाइन व सरकारी हैंडपंप न होने से पेयजल की भी दिक्कत रहती है। -प्रेमदास, क्षेत्रीय निवासी