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यूपी बजट 2020: आगरा के व्यापारी निराश, बोले- न ज्वैलरी पार्क मिला, न मंडी शुल्क खत्म हुआ
सार
प्रदेश सरकार के बजट में ताजनगरी में इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं के लिए तो आवंटन किया गया, लेकिन उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को योगी सरकार का बजट निराश कर गया। अमर उजाला ने बजट के बाद संवाद कार्यक्रम के जरिए व्यापारियों के दिल की बात समझी।
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
Published by:
मुकेश कुमार
Updated Wed, 19 Feb 2020 01:00 AM IST
यूपी बजट पर अमर उजाला संवाद में व्यापारी
- फोटो : Amar Ujala
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कहीं भी, कभी भी।
प्रदेश सरकार के बजट में ताजनगरी में इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं के लिए तो आवंटन किया गया, लेकिन उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को योगी सरकार का बजट निराश कर गया। अमर उजाला ने बजट के बाद संवाद कार्यक्रम के जरिए व्यापारियों के दिल की बात समझी।
संवाद के दौरान व्यापारियों में निराशा देखने को मिली कि थीम पार्क समेत श्हर में सरकारी जमीन खाली पड़ी हैं, लेकिन आभूषण का बड़ा केंद्र होने पर भी आगरा को न ज्वैलरी पार्क मिला और न ही टेक्सटाइल पार्क। आईटी पार्क की बात तो बेमानी है। मंडी शुल्क खत्म होने की उम्मीद भी व्यापारी लगाए हुए थे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा।
आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में पैसे दिए हैं, लेकिन व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा और कारोबारी सहूलियतें चाहिए थीं, जो नहीं मिलीं। स्टांप शुल्क में कमी और मंडी समिति शुल्क खत्म करने की जरूरत थी। मेट्रो अच्छा कदम है, लेकिन तभी जब समय पर पूरा हो और धूल से बचाने के पूरे प्रबंध किए जाएं।
आगरा सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने कहा कि भारत के बड़े ज्वैलरी बाजारों में आगरा है, लेकिन ज्वैलरी पार्क की मांग पूरी नहीं की गई। औद्योगिक विकास मंत्री तक हम कई बार बात पहुंचा चुके। तंग गलियों की जगह ज्वैलरी पार्क चाहिए, लेकिन सरकार व्यापारियों के लिए कोई योजना, नीति बजट में लेकर ही नहीं आई। आभूषण निर्माताओं को उत्पादन के लिए अलग जगह चाहिए।
आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गागन दास रामानी ने कहा कि आगरा में कोई सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है, जबकि यहां जरूरत है। ओडीओपी योजना में पिछले साल का पैसा खर्च ही नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने सड़कों, मेट्रो केे लिए पैसा दिया है, लेकिन औद्योगिक विकास के लिए आगरा को अलग पार्क की जरूरत है। मेट्रो के दौरान जयपुर की तरह धूल न हो, इसका खास ख्याल रखा जाए।
इमीटेशन ज्वैलरी एसोसिएशन के कन्हैया लाल राठौर ने कहा कि इमीटेशन ज्वैलरी का आगरा बड़ा केंद्र है। दस टन चेन हर दिन बनती हैं, लेकिन चेन इकाइयों के लिए कोई क्लस्टर, पार्क नहीं दिया गया। यह कुटीर उद्योग है। इमीटेशन ज्वैलरी के लिए फेसिलिटी सेंटर, लैब और अन्य सुविधाओं के लिए बजट में प्रावधान का इंतजार था, लेकिन मायूस होना पड़ा है।
आगरा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष जय पुरसनानी ने कहा कि जहां के विधायक ताकतवर, वहीं के लिए बजट में योजनाएं बनी हैं। एयरपोर्ट, स्टेडियम की आगरा में जरूरत है, पर एक पैसा भी आवंटित नहीं किया गया। शहर की जरूरतों के मुताबिक बजट में प्रावधान किए जाने चाहिए थे। शहर या मंडलवार बजट जारी किया जाए ताकि पांच सालों का रोड मैप बन पाए।
आगरा प्लास्टिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मंगवानी ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए पार्क चाहिए, लेकिन कोई प्रावधान नहीं। व्यापारियों की सामाजिक सुरक्षा, श्रम नीति पर कोई बात नहीं की गई। पहले से परेशान व्यापारियों को इस बजट में कोई राहत नहीं दी गई। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एयरपोर्ट और स्टेडियम जरूरत थे जो कमजोर पैरवी से नहीं मिल पाए।
विस्तार
प्रदेश सरकार के बजट में ताजनगरी में इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं के लिए तो आवंटन किया गया, लेकिन उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को योगी सरकार का बजट निराश कर गया। अमर उजाला ने बजट के बाद संवाद कार्यक्रम के जरिए व्यापारियों के दिल की बात समझी।
संवाद के दौरान व्यापारियों में निराशा देखने को मिली कि थीम पार्क समेत श्हर में सरकारी जमीन खाली पड़ी हैं, लेकिन आभूषण का बड़ा केंद्र होने पर भी आगरा को न ज्वैलरी पार्क मिला और न ही टेक्सटाइल पार्क। आईटी पार्क की बात तो बेमानी है। मंडी शुल्क खत्म होने की उम्मीद भी व्यापारी लगाए हुए थे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा।
आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में पैसे दिए हैं, लेकिन व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा और कारोबारी सहूलियतें चाहिए थीं, जो नहीं मिलीं। स्टांप शुल्क में कमी और मंडी समिति शुल्क खत्म करने की जरूरत थी। मेट्रो अच्छा कदम है, लेकिन तभी जब समय पर पूरा हो और धूल से बचाने के पूरे प्रबंध किए जाएं।
ज्वैलरी पार्क की मांग पूरी नहीं
आगरा सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने कहा कि भारत के बड़े ज्वैलरी बाजारों में आगरा है, लेकिन ज्वैलरी पार्क की मांग पूरी नहीं की गई। औद्योगिक विकास मंत्री तक हम कई बार बात पहुंचा चुके। तंग गलियों की जगह ज्वैलरी पार्क चाहिए, लेकिन सरकार व्यापारियों के लिए कोई योजना, नीति बजट में लेकर ही नहीं आई। आभूषण निर्माताओं को उत्पादन के लिए अलग जगह चाहिए।
आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गागन दास रामानी ने कहा कि आगरा में कोई सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है, जबकि यहां जरूरत है। ओडीओपी योजना में पिछले साल का पैसा खर्च ही नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने सड़कों, मेट्रो केे लिए पैसा दिया है, लेकिन औद्योगिक विकास के लिए आगरा को अलग पार्क की जरूरत है। मेट्रो के दौरान जयपुर की तरह धूल न हो, इसका खास ख्याल रखा जाए।
इमीटेशन ज्वैलरी एसोसिएशन के कन्हैया लाल राठौर ने कहा कि इमीटेशन ज्वैलरी का आगरा बड़ा केंद्र है। दस टन चेन हर दिन बनती हैं, लेकिन चेन इकाइयों के लिए कोई क्लस्टर, पार्क नहीं दिया गया। यह कुटीर उद्योग है। इमीटेशन ज्वैलरी के लिए फेसिलिटी सेंटर, लैब और अन्य सुविधाओं के लिए बजट में प्रावधान का इंतजार था, लेकिन मायूस होना पड़ा है।
'जहां के विधायक ताकतवर, वहीं के लिए बजट में योजनाएं'
आगरा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष जय पुरसनानी ने कहा कि जहां के विधायक ताकतवर, वहीं के लिए बजट में योजनाएं बनी हैं। एयरपोर्ट, स्टेडियम की आगरा में जरूरत है, पर एक पैसा भी आवंटित नहीं किया गया। शहर की जरूरतों के मुताबिक बजट में प्रावधान किए जाने चाहिए थे। शहर या मंडलवार बजट जारी किया जाए ताकि पांच सालों का रोड मैप बन पाए।
आगरा प्लास्टिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मंगवानी ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए पार्क चाहिए, लेकिन कोई प्रावधान नहीं। व्यापारियों की सामाजिक सुरक्षा, श्रम नीति पर कोई बात नहीं की गई। पहले से परेशान व्यापारियों को इस बजट में कोई राहत नहीं दी गई। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एयरपोर्ट और स्टेडियम जरूरत थे जो कमजोर पैरवी से नहीं मिल पाए।